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सांसद रोत को फेसबुक लाइव पर मिली जान से मारने की धमकी, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

सांसद रोत को फेसबुक लाइव पर मिली जान से मारने की धमकी, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

शोभना शर्मा।  राजस्थान के जनजातीय बहुल क्षेत्र डूंगरपुर-बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र से सांसद राजकुमार रोत को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक लाइव पर जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। इस घटना ने प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। घटना 7 अक्टूबर 2025 की बताई जा रही है, जब सांसद उदयपुर सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत कर रहे थे और इस प्रेस वार्ता का लाइव प्रसारण फेसबुक पर चल रहा था। इसी दौरान एक यूज़र ने न सिर्फ अपशब्द लिखे बल्कि गोली मारने की धमकी तक दे डाली।

लाइव पोस्ट पर अभद्र टिप्पणियाँ और धमकी

पुलिस के अनुसार, धूलजी का गाड़ा (थाना लोहारिया) निवासी 65 वर्षीय चंद्रवीर सिंह परिहार नामक व्यक्ति ने फेसबुक लाइव वीडियो पर अभद्र टिप्पणियां और गाली-गलौज की। उसने टिप्पणी में लिखा कि वह सांसद को गोली मार देगा और इसके लिए एक करोड़ रुपए का इनाम देने की बात कही। इस पोस्ट को देखकर न केवल सांसद के समर्थकों बल्कि अन्य दर्शकों में भी भारी आक्रोश फैल गया। कुछ ही मिनटों में यह स्क्रीनशॉट वायरल हो गया और इसकी सूचना राजस्थान पुलिस और साइबर टीमों तक पहुंच गई।

सांसद राजकुमार रोत ने जताई चिंता

घटना के बाद सांसद राजकुमार रोत ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक व्यक्तिगत धमकी नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधि की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने वाला मामला है। उन्होंने कहा, “मैंने यह वीडियो लाइव जनता के बीच संवाद के लिए किया था। लेकिन इस तरह की धमकी से लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान होता है। मैं चाहता हूं कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।” राजकुमार रोत जनजातीय समुदाय से आने वाले भीम आर्मी से जुड़े नेता माने जाते हैं और प्रदेश के दक्षिणी इलाकों में उनकी मजबूत पकड़ है। उनके समर्थन में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने ऑनलाइन धमकी देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई — संयुक्त टीम ने दबोचा आरोपी

घटना की जानकारी मिलते ही आईजी उदयपुर रेंज गौरव श्रीवास्तव ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उदयपुर और बांसवाड़ा पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया और एएसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा के पर्यवेक्षण में साइबर थाना उदयपुर में मुकदमा दर्ज किया गया। डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़ के नेतृत्व में टीम ने तकनीकी विश्लेषण और लोकेशन ट्रेसिंग के माध्यम से आरोपी की पहचान की।
पुलिस ने साइबर सेल की मदद से चंद्रवीर सिंह परिहार को कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया। बांसवाड़ा जिले की पुलिस टीम ने आरोपी को उसके घर से हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। उसकी उम्र लगभग 65 वर्ष बताई जा रही है और वह एक सेवानिवृत्त कर्मचारी है।

शराब के नशे में दी थी धमकी

पुलिस पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने यह हरकत शराब के नशे में की थी। उसने बताया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस का लाइव वीडियो देखते समय वह गुस्से में आ गया और बिना सोचे-समझे गाली-गलौज और धमकी भरे कमेंट कर दिए। आरोपी ने यह भी कहा कि उसे अगले दिन जब अपनी गलती का अहसास हुआ तो उसने पोस्ट डिलीट कर दी। लेकिन तब तक उसकी टिप्पणियाँ सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी थीं। हालांकि पुलिस इस दावे की तकनीकी जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह कार्रवाई केवल व्यक्तिगत आवेग में हुई थी या इसके पीछे कोई संगठित राजनीतिक उद्देश्य था।

साइबर अपराध पर पुलिस की सख्ती

उदयपुर रेंज आईजी गौरव श्रीवास्तव ने कहा कि “सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की धमकी, नफरत फैलाने या हिंसा भड़काने वाली टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे मामलों में पुलिस की साइबर सेल निगरानी बढ़ा चुकी है और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा।” उन्होंने बताया कि फेसबुक, एक्स (ट्विटर) और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर भी पुलिस की रीयल टाइम मॉनिटरिंग व्यवस्था की जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी का सवाल

यह मामला एक बार फिर सोशल मीडिया के दुरुपयोग और अभिव्यक्ति की मर्यादा पर सवाल खड़ा करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि लोकतंत्र में सोशल मीडिया संवाद का अहम माध्यम बन चुका है, लेकिन इसका उपयोग घृणा या धमकी फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए। साइबर लॉ विशेषज्ञ डॉ. राकेश जैन का कहना है, “आईटी एक्ट की धारा 66A और भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के तहत किसी को जान से मारने की धमकी देना एक गंभीर अपराध है। इस तरह की पोस्ट करने वालों को जेल की सजा और जुर्माना दोनों का सामना करना पड़ सकता है।”

राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज

इस मामले के सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीतिक हलचलों में भी गर्मी आ गई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के नेताओं ने इस घटना की निंदा की है। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “यह घटना बताती है कि अब सार्वजनिक मंचों पर भी जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा खतरे में है।” वहीं, भाजपा नेताओं ने इसे कानून-व्यवस्था का सवाल बताते हुए राज्य सरकार से कहा कि “सभी सांसदों और विधायकों की ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।”

भविष्य में कड़ी निगरानी की तैयारी

घटना के बाद प्रशासन ने यह तय किया है कि जनप्रतिनिधियों के सोशल मीडिया लाइव इवेंट्स के दौरान साइबर टीम निगरानी रखेगी। इसके अलावा, किसी भी संदिग्ध अकाउंट या आपत्तिजनक टिप्पणी की तुरंत रिपोर्टिंग की जाएगी। साइबर थाना उदयपुर के अधिकारियों के अनुसार, यह मामला उन पहले मामलों में से एक है जिसमें किसी सांसद को लाइव प्रसारण के दौरान धमकी दी गई हो। ऐसे मामलों में फेसबुक इंडिया को नोटिस भेजकर आरोपी का डिजिटल ट्रेस निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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