शोभना शर्मा। राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने गुरुवार को सांगोद क्षेत्र के गांवों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्थानीय ग्राम पंचायतों की सफाई व्यवस्था का जायजा लिया और लोगों की समस्याओं को सुना। निरीक्षण के दौरान जब ग्रामीणों ने अपने गांवों में वर्षों से सफाई न होने की शिकायत की, तो मंत्री ने मौके पर मौजूद ग्राम विकास अधिकारी (VDO) को कड़ी फटकार लगाई।
गंदगी में रह रहे ग्रामीणों ने मंत्री को सुनाई अपनी परेशानी
मंत्री दिलावर का दौरा सबसे पहले सांगोद ग्राम पंचायत की गंदी फली से शुरू हुआ। यहां ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो से तीन वर्षों से उनके गांव में कोई भी सफाई कार्य नहीं हुआ है। नालियां पूरी तरह जाम हैं, रास्तों पर गंदगी फैली हुई है और झाड़ू तक नहीं लगाई गई। इसके बाद मंत्री खजूरी ग्राम पंचायत पहुंचे, जहां की स्थिति और भी खराब निकली। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में केवल एक बार, वह भी ग्रामीण सेवा शिविर के दौरान, गांव में सफाई हुई थी। इसके बाद से किसी ने भी सफाई की सुध नहीं ली। ग्रामीणों ने मंत्री से कहा कि जब वे ग्राम विकास अधिकारी महेंद्र कुमार से सफाई के लिए कहते हैं, तो वे हर बार बजट की कमी और टेंडर प्रक्रिया पूरी न होने का बहाना बनाकर बात टाल देते हैं।
मंत्री ने मौके पर ही VDO को बुलाकर पूछे जवाब
ग्रामीणों की शिकायतें सुनने के बाद मंत्री दिलावर ने तुरंत ही संबंधित ग्राम विकास अधिकारी (VDO) को मौके पर बुलाया और जवाब मांगा। जब VDO ने सफाई न होने का कारण बजट की कमी बताया, तो मंत्री का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने सख्त लहजे में पूछा कि जब प्रत्येक ग्राम पंचायत को सफाई के लिए हर महीने लगभग एक लाख रुपये का बजट दिया जाता है, तो फिर यह पैसा कहां खर्च किया जा रहा है? मंत्री ने कहा कि बजट की कमी का बहाना अब नहीं चलेगा, क्योंकि सफाई कार्य पंचायत की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
“टेंडर हो या न हो, सफाई करवाना तुम्हारी जिम्मेदारी है” – मदन दिलावर
जब VDO ने दोहराया कि टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है, इसलिए सफाई नहीं करवाई जा सकी, तब मंत्री ने कड़े शब्दों में कहा – “टेंडर हो या न हो, प्रतिदिन सफाई करवाना ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी है। बीएसआर (BSR) दरें पहले से तय हैं, और उसी के आधार पर कार्य करवाया जाना चाहिए। यदि भविष्य में इस तरह की लापरवाही बरती गई तो कार्रवाई तय है।” उन्होंने साफ चेतावनी दी – “यदि सफाई नहीं करवाओगे, तो मैं तुम्हें ठीक कर दूंगा।” मंत्री की यह फटकार सुनकर अधिकारी समेत वहां मौजूद कर्मचारी निरुत्तर हो गए।
ग्रामीणों के बीच मंत्री की सख्त कार्यशैली चर्चा में
निरीक्षण के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे। मंत्री की सख्त कार्यवाही देखकर ग्रामीणों में संतोष का माहौल देखने को मिला। उन्होंने कहा कि कई वर्षों से गंदगी की समस्या बनी हुई थी, लेकिन किसी अधिकारी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। गांव की महिलाओं ने बताया कि नालियों में गंदगी और मच्छरों के कारण बच्चों को बीमारियों का खतरा बना रहता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब मंत्री के हस्तक्षेप से सफाई व्यवस्था में सुधार होगा।
VDO के जवाब से और भड़के मंत्री
VDO महेंद्र कुमार ने सफाई न होने के लिए केवल “बजट की कमी और टेंडर प्रक्रिया में देरी” को जिम्मेदार बताया। इस पर मंत्री ने कहा कि जब सरकार हर पंचायत को नियमित बजट दे रही है, तो “कागजों पर सफाई कार्य दिखाने” की प्रवृत्ति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर टेंडर में देरी है, तो पंचायत को अपने संसाधनों से अस्थायी सफाई व्यवस्था करनी चाहिए। गांवों में गंदगी और दुर्गंध से लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है, इसे रोकना प्रशासनिक जिम्मेदारी है।
अधिकारियों को मिली सख्त चेतावनी
मदन दिलावर ने मौके पर ही कहा कि अगर आगे भी किसी ग्राम पंचायत में गंदगी मिली या सफाई का कार्य नियमित रूप से नहीं हुआ, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रतिदिन सफाई होनी चाहिए और इसकी निगरानी संबंधित विकास अधिकारी करेंगे। साथ ही, ग्राम स्तर पर सफाई कर्मियों की उपस्थिति का दैनिक रजिस्टर भी बनाए जाने के आदेश दिए।
निरीक्षण के बाद मंत्री कुंदनपुर रवाना
औचक निरीक्षण पूरा करने के बाद मंत्री मदन दिलावर सांगोद से भरत सिंह कुंदनपुर को श्रद्धांजलि देने के लिए कुंदनपुर रवाना हो गए। लेकिन उनके इस निरीक्षण की चर्चा पूरे सांगोद क्षेत्र में फैल गई। ग्रामीणों ने कहा कि मंत्री का यह कदम वास्तविक जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी को दर्शाता है, जो केवल कार्यालयों में बैठकर नहीं, बल्कि मैदान में जाकर जनता की समस्याएं सुनता है।
सफाई व्यवस्था सुधारने के निर्देश
मदन दिलावर ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत स्तर पर सफाई व्यवस्था को नियमित करने के लिए आवश्यक कदम तुरंत उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता मिशन को प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पंचायतों को दिए जा रहे बजट का उपयोग पारदर्शी रूप से होना चाहिए, और प्रत्येक व्यय का रिकॉर्ड सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जाए ताकि जनता को पता चल सके कि उनके गांव के विकास पर वास्तव में कितना खर्च किया जा रहा है।


