latest-newsकोटाराजस्थान

कोटा का दशहरा मेला 2025: दुनिया का सबसे ऊंचा 221 फीट का रावण बनेगा आकर्षण

कोटा का दशहरा मेला 2025: दुनिया का सबसे ऊंचा 221 फीट का रावण बनेगा आकर्षण

शोभना शर्मा।  राजस्थान का कोटा दशहरा मेला पूरे देश में अपनी भव्यता और विशिष्टता के लिए प्रसिद्ध है। हर साल विजयादशमी के अवसर पर यहां विशाल रावण के पुतले का दहन किया जाता है, जिसे देखने हजारों की संख्या में लोग जुटते हैं। लेकिन इस बार का दशहरा ऐतिहासिक बनने जा रहा है क्योंकि कोटा में दुनिया का सबसे ऊंचा 221 फीट का रावण खड़ा किया गया है। इस रावण का दहन गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025 की शाम साढ़े सात बजे किया जाएगा।

रावण की ऊंचाई से बदला दहन स्थल

कोटा दशहरा ग्राउंड में बनाया गया यह पुतला अपनी लंबाई के कारण पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रशासन ने सुरक्षा और तकनीकी कारणों से रावण दहन स्थल को विजयश्री रंगमंच से बदलकर मैदान के पूर्वी दिशा में स्थानांतरित कर दिया है।

एशिया और इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज

इस बार कोटा का नाम एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज होने जा रहा है। अब तक यह रिकॉर्ड दिल्ली के पास था, जहां 210 फीट का रावण बनाया गया था। लेकिन कोटा के इस 221 फीट ऊंचे रावण ने नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है।

निर्माण में लगे 4 महीने और 44 लाख रुपये

इतिहास बनाने वाला यह रावण 4 महीने की कड़ी मेहनत और 44 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इस विशाल पुतले को खड़ा करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और विशेष इंजीनियरिंग का इस्तेमाल किया गया है।

पुतले की विशेषताएं

  • रावण का चेहरा 25 फीट लंबा है जिसे फाइबर ग्लास से बनाया गया है।

  • सिर के ऊपर रखा मुकुट 60 फीट का है।

  • हाथ में तलवार 50 फीट लंबी है।

  • पांवों में पहनी जूती 40 फीट लंबी है।

  • कुल वजन लगभग 13,000 किलो है।

इस बार रावण की ऊंचाई बढ़ने के कारण उसका ढांचा पहले से दुबला-पतला दिखाई देता है।

मजबूत नींव और लोहे का ढांचा

रावण को खड़ा करने के लिए 26×24 फीट का ठोस फाउंडेशन तैयार किया गया। पूरी संरचना को लोहे के ढांचे पर खड़ा किया गया है। पुतले को खड़ा करने के लिए दो बड़ी हाइड्रोलिक क्रेन का इस्तेमाल हुआ, जिनमें से एक 220 टन और दूसरी 100 टन की क्षमता वाली थी।

रिमोट कंट्रोल से होगा दहन

इस बार रावण का दहन पूरी तरह आधुनिक तकनीक से होगा। पुतले में 25 रिमोट कंट्रोल पॉइंट्स बनाए गए हैं। जैसे ही रिमोट दबाया जाएगा, आतिशबाज़ी शुरू हो जाएगी और रावण धू-धू कर जल उठेगा।

ग्रीन पटाखों से पर्यावरण संरक्षण

पर्यावरण को नुकसान से बचाने के लिए इस बार ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया गया है। रावण के पुतले में 15,000 पटाखे लगाए गए हैं जो प्रदूषण रहित आतिशबाज़ी करेंगे।

मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले भी आकर्षण

दशहरे के इस भव्य आयोजन में रावण के अलावा उसके भाइयों मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले भी बनाए गए हैं। दोनों की ऊंचाई 60 फीट है और इनमें 4-4 हजार पटाखे लगाए गए हैं। इनका दहन भी रिमोट से ही किया जाएगा।

कोटा दशहरे की ऐतिहासिक पहचान

कोटा का दशहरा मेला न सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरे देश में एक अनोखी पहचान रखता है। यहां दशहरा केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं बल्कि सांस्कृतिक धरोहर भी है। इस बार का आयोजन इसलिए भी खास है क्योंकि यह मेला कोटा की पहचान को और ऊंचा करेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियों में लाएगा।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading