शोभना शर्मा। बांसवाड़ा जिले में स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत सोमवार को बड़े उत्साह और भक्ति भाव के साथ हुई। इस अवसर पर मंदिर परिसर में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुबह मंगला आरती में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए और माता रानी के दर्शन किए। पहले दिन मां को सफेद रंग के विशेष वस्त्र धारण कराए गए।
5 किलोमीटर लंबी चुनरी अर्पित
नवरात्रि की प्रथम तिथि पर हर वर्ष की तरह इस बार भी भक्तों ने माता को विशाल चुनरी अर्पित की। इस बार मां त्रिपुरा सुंदरी को 5 किलोमीटर लंबी चुनरी चढ़ाई गई। यह चुनरी यात्रा श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का अद्भुत संगम बन गई। मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष धूलजी पंचाल ने बताया कि अश्विन नवरात्रि की एकम पर चुनरी चढ़ाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है और भक्तजन पूरे हर्षोल्लास के साथ इसमें भाग लेते हैं।
1500 श्रद्धालुओं का भव्य काफिला
इस चुनरी यात्रा में विश्वकर्मा वंशी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज नंदकिशोर पंचाल और पंचाल समाज के जिलाध्यक्ष हरीश पंचाल ने नेतृत्व किया। इंदौर, उज्जैन और रतलाम सहित कई जिलों से श्रद्धालु 400 चारपहिया वाहनों में सवार होकर बांसवाड़ा पहुंचे। कुल मिलाकर लगभग 1500 भक्त इस यात्रा में शामिल हुए।
शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए चुनरी यात्रा निकाली गई और अंत में सभी श्रद्धालु मंदिर परिसर पहुंचे। इस दौरान भक्तों ने माता के जयकारे लगाए और वातावरण पूरी तरह धार्मिक रंग में रंग गया। मंदिर पहुंचने पर श्रद्धालुओं का स्वागत पंचाल समाज चौदह चौखरा ट्रस्ट मंडल की ओर से किया गया।
नवरात्रि के विशेष आयोजन
नवरात्रि पर्व की शुरुआत रविवार रात भजन संध्या और जगराते से हुई थी। सोमवार सुबह घट स्थापना के साथ नवरात्रि की औपचारिक शुरुआत हुई। शाम होते-होते मंदिर परिसर और शहर में धार्मिक रंग और गाढ़ा हो गया।
सोमवार रात 8 बजे से विशेष गरबा उत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय लोग भाग लेंगे। नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक मंदिर परिसर में रोजाना विशेष पूजा-अर्चना, भजन संध्या और गरबा उत्सव आयोजित होंगे।
लाखों श्रद्धालुओं का आगमन
मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि आने वाले दिनों में लाखों श्रद्धालु मां त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन के लिए बांसवाड़ा पहुंचेंगे। नवरात्रि के दौरान मंदिर परिसर और आसपास विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।


