मनीषा शर्मा। राजस्थान के उदयपुर स्थित महाराणा प्रताप एयरपोर्ट (डबोक) का नया टर्मिनल यात्रियों और पर्यटकों के लिए बड़ी सौगात बनने जा रहा है। इस नए टर्मिनल का निर्माण कार्य तेजी से जारी है और इसे सितंबर 2026 तक पूरा किया जाना था, लेकिन अब संभावना जताई जा रही है कि काम निर्धारित समय से छह महीने पहले ही पूरा हो जाएगा। इसका मतलब है कि अगले साल से लेकसिटी का पर्यटन और हवाई यात्रा दोनों नई ऊंचाइयों पर पहुंच सकते हैं।
निर्माण कार्य और प्रगति
नए टर्मिनल भवन का लगभग 72 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, जबकि पूरे प्रोजेक्ट का 55 प्रतिशत काम संपन्न हो गया है। निर्माण का जिम्मा पुणे की निजी कंपनी न्याती को दिया गया है। निर्माण कार्य तीन दशकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों पर किया जा रहा है।
नए टर्मिनल भवन के तैयार होने के बाद मौजूदा टर्मिनल को खाली कर दिया जाएगा। पुरानी बिल्डिंग का आगे उपयोग कैसे होगा, इस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए तैयार
नया टर्मिनल केवल घरेलू उड़ानों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भविष्य में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी संभालने की क्षमता रखेगा। जैसे ही यहां अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होंगी, विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और उदयपुर के पर्यटन को नई पहचान मिलेगी।
यह एयरपोर्ट केवल उदयपुर ही नहीं, बल्कि डूंगरपुर, बांसवाड़ा, पाली, सिरोही, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़ और राजसमंद जिलों के साथ-साथ मध्यप्रदेश के नीमच, मंदसौर और रतलाम क्षेत्रों को भी हवाई सेवाएं उपलब्ध कराता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा
नया टर्मिनल धार्मिक पर्यटन के लिए भी लाभकारी साबित होगा। श्रीनाथजी, सांवलियाजी, नाथद्वारा, हल्दीघाटी, कुंभलगढ़, चारभुजा, माउंटआबू और जवाई अभयारण्य जैसे स्थलों पर देश-विदेश से आने वाले पर्यटक अब और आसानी से उदयपुर पहुंच सकेंगे।
आंकड़ों में नया टर्मिनल
लागत: 887 करोड़ रुपए
क्षमता: 2050 यात्री (वर्तमान क्षमता 680 यात्री)
पार्किंग: 700 वाहन (पहले 300)
क्षेत्रफल: 43,000 वर्गमीटर
नए 6 एयरोब्रिज जिनसे एक साथ 4 विमानों का संचालन संभव होगा।
यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं
नया टर्मिनल पूरी तरह से वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस होगा।
48 नए चेक-इन काउंटर होंगे ताकि लंबी कतारों से बचा जा सके।
26 सुरक्षा जांच बूथ बनाए जा रहे हैं जिससे समय की बचत होगी।
कार पार्किंग की क्षमता 300 से बढ़ाकर 700 कर दी जाएगी।
यात्री इंतजार के दौरान शॉपिंग कर सकेंगे, जहां स्थानीय उत्पाद और हैंडीक्राफ्ट उपलब्ध होंगे।
टर्मिनल भवन में मेवाड़ की कला और संस्कृति को दीवारों पर उकेरा जाएगा, जिससे यात्रियों को स्थानीय विरासत का अनुभव मिलेगा।
विशेषताएं और व्यवस्थाएं
नए टर्मिनल के डिजाइन में भविष्य की जरूरतों का खास ख्याल रखा गया है।
बेहतर नाइट लाइटिंग सिस्टम होगा जिससे रात की उड़ानों की संख्या बढ़ाई जा सके।
चार गेट होंगे—दो प्रवेश और दो निकास द्वार।
42 अतिरिक्त चेक-इन काउंटर से यात्रियों का समय बचेगा।
आधुनिक तकनीक पर आधारित सुरक्षा और संचालन प्रणाली होगी।
पर्यटन और अर्थव्यवस्था पर असर
उदयपुर भारत और विदेशों में अपनी झीलों, महलों और सांस्कृतिक धरोहर के लिए मशहूर है। नया टर्मिनल बनने से यहां पहुंचना आसान होगा, जिससे न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटक भी बढ़ेंगे। पर्यटन उद्योग की रफ्तार तेज होगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ मिलेगा।


