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साइबर हमले से JLR का प्रोडक्शन 24 सितंबर तक ठप, टाटा ग्रुप की मुश्किलें बढ़ीं

साइबर हमले से JLR का प्रोडक्शन 24 सितंबर तक ठप, टाटा ग्रुप की मुश्किलें बढ़ीं

मनीषा शर्मा।  टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली ब्रिटिश लग्जरी कार निर्माता जगुआर लैंड रोवर (Jaguar Land Rover – JLR) इन दिनों एक बड़े संकट का सामना कर रही है। कंपनी ने मंगलवार को आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि इस महीने की शुरुआत में हुए गंभीर साइबर सिक्योरिटी ब्रीच (Cyber Security Breach) की वजह से उसने अपने कारखानों में उत्पादन पर लगी रोक को बढ़ाकर 24 सितंबर तक कर दिया है। इस फैसले ने न केवल कंपनी के वैश्विक परिचालन को प्रभावित किया है, बल्कि हजारों वाहनों के उत्पादन पर भी रोक लग गई है। JLR के लिए यह स्थिति और भी कठिन है क्योंकि कंपनी पहले से ही बढ़ती लागत और घटते मुनाफे जैसी चुनौतियों से जूझ रही थी।

क्या है पूरा मामला?

सितंबर की शुरुआत में JLR के आईटी सिस्टम पर एक बड़ा साइबर हमला हुआ था। इस हमले के तुरंत बाद कंपनी ने अपने पूरे सिस्टम को बंद करने का निर्णय लिया ताकि नुकसान को कम किया जा सके। कंपनी ने बताया कि हमले के बाद से अब तक दो सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन आईटी सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित और बहाल नहीं हो पाया है। इससे साफ पता चलता है कि यह हमला कितना गंभीर था और कंपनी को कितनी गहरी क्षति हुई है।

कितने दिन तक और बढ़ा दी रोक?

जगुआर लैंड रोवर ने अपने बयान में कहा, “हमने अपने सहयोगियों, सप्लायर्स और पार्टनर्स को सूचित किया है कि उत्पादन पर लगी रोक को बुधवार, 24 सितंबर तक बढ़ा दिया गया है।” कंपनी का कहना है कि वह फोरेंसिक जांच कर रही है और नियंत्रित तरीके से परिचालन को फिर से शुरू करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बना रही है। JLR ने इस घटना से हो रही परेशानी और रुकावट के लिए खेद जताया है।

 JLR के कामकाज पर असर

यह साइबर हमला ऐसे समय पर हुआ है जब JLR पहले से ही वैश्विक दबावों से जूझ रही थी। अमेरिकी टैरिफ ने कंपनी की लागत बढ़ा दी थी और मुनाफा घटा दिया था। ऐसे में उत्पादन बंद होने से कंपनी की सप्लाई चेन (Supply Chain) और बिक्री लक्ष्यों पर बड़ा असर पड़ना तय माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक उत्पादन बंद रहने से कंपनी की वैश्विक बाजारों में स्थिति कमजोर हो सकती है। अमेरिका, यूरोप और चीन जैसे प्रमुख बाजारों में समय पर गाड़ियां न मिलने से डीलर्स और ग्राहकों में असंतोष बढ़ सकता है।

कंपनी अभी क्या कर रही है?

दिलचस्प बात यह है कि JLR ने 2023 में साइबर सिक्योरिटी और आईटी सपोर्ट के लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के साथ लगभग 80 करोड़ पाउंड (करीब 8,000 करोड़ रुपये) का पांच साल का बड़ा अनुबंध किया था। यह सौदा कंपनी की डिजिटल बदलाव और परिचालन में तकनीकी मजबूती लाने की रणनीति का हिस्सा था। इसके बावजूद इतना बड़ा साइबर हमला होना JLR के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। फिलहाल कंपनी का पूरा ध्यान अपने सिस्टम को सुरक्षित रूप से बहाल करने और जल्द से जल्द परिचालन सामान्य करने पर है। JLR यह सुनिश्चित करना चाहती है कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो।

टाटा ग्रुप के लिए बड़ा झटका

JLR टाटा ग्रुप की अंतरराष्ट्रीय पहचान और प्रतिष्ठा का अहम हिस्सा है। पिछले कुछ वर्षों में टाटा ग्रुप ने JLR को वैश्विक स्तर पर पुनर्जीवित करने के लिए बड़े निवेश किए हैं। साइबर हमले की वजह से न केवल JLR की उत्पादन क्षमता प्रभावित हुई है, बल्कि कंपनी की ब्रांड इमेज (Brand Image) और बाजार में विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ सकते हैं। वैश्विक कार बाजार में प्रतिस्पर्धा पहले से ही कड़ी है और ऐसे में इस तरह की तकनीकी समस्या JLR को और पीछे धकेल सकती है।

आगे का रास्ता

JLR के लिए फिलहाल सबसे बड़ी प्राथमिकता अपने आईटी सिस्टम को पूरी तरह से सुरक्षित करना है। कंपनी लगातार साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों के साथ काम कर रही है ताकि भविष्य में इस तरह की स्थिति दोबारा न आए। साथ ही, कंपनी अपने पार्टनर्स और सप्लायर्स को आश्वस्त करने की कोशिश कर रही है कि वह जल्द ही उत्पादन को सामान्य स्तर पर ले आएगी।

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