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राजस्थान में 17 सितंबर से ग्रामीण-शहरी सेवा शिविर

राजस्थान में 17 सितंबर से ग्रामीण-शहरी सेवा शिविर

मनीषा शर्मा।  राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार जनता को बड़ी राहत देने जा रही है। अब लोगों को अपने रोजमर्रा के जरूरी कामों के लिए अलग-अलग सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर के अवसर पर राज्य सरकार “ग्रामीण सेवा शिविर” और “शहरी सेवा शिविर” की शुरुआत करने जा रही है। इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य लोगों की समस्याओं का समाधान उनके घर के पास ही करना है, ताकि योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति तक आसानी से पहुंचे।

कब और कहां होंगे शिविर?

सरकार ने इन शिविरों की समयावधि और स्वरूप को अलग-अलग तय किया है।

  • शहरी सेवा शिविर: ये शिविर 17 सितंबर से 17 अक्टूबर, 2025 तक शहरों और कस्बों में लगाए जाएंगे। इस एक महीने तक शहरी निवासियों की अधिकांश समस्याओं का समाधान मौके पर ही किया जाएगा।

  • ग्रामीण सेवा शिविर: इनकी शुरुआत भी 17 सितंबर से होगी। शुरुआती सप्ताह, यानी 17 से 20 सितंबर तक, हर दिन दो-दो ग्राम पंचायतों में शिविर लगाए जाएंगे। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से ये शिविर सभी पंचायतों तक पहुंचेंगे।

ग्रामीण सेवा शिविर में मिलने वाली सुविधाएं

गांवों में आयोजित होने वाले शिविरों में कई विभाग मिलकर काम करेंगे ताकि लोगों को अधिकतम फायदा मिल सके।

  1. राजस्व विभाग के कार्य: किसान रजिस्ट्री, नामांतरण, मूल निवास प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र जैसे कार्य मौके पर ही पूरे होंगे।

  2. गरीबी मुक्त गांव अभियान: ‘पंडित दीनदयाल गरीबी मुक्त गांव अभियान’ के तहत 10,000 से ज्यादा बस्तियों में बीपीएल सर्वे किया जाएगा।

  3. स्वास्थ्य सेवाएं: चिकित्सा विभाग स्वास्थ्य जांच शिविर लगाएगा। मातृ-शिशु स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और ‘टीबी मुक्त भारत अभियान’ के तहत जागरूकता फैलाई जाएगी।

  4. पशु चिकित्सा सेवाएं: पशुओं के स्वास्थ्य शिविर आयोजित होंगे और उनका टीकाकरण किया जाएगा।

  5. बिजली से जुड़े काम: बिजली के तारों की मरम्मत, बिल संबंधी समस्याओं का समाधान और शिकायतों का निपटारा किया जाएगा।

  6. खाद्य सुरक्षा और ई-केवाईसी: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) से जुड़े लंबित मामलों का निपटारा होगा और लोगों का ई-केवाईसी किया जाएगा।

  7. पेंशन और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं: वृद्धावस्था पेंशन, पालनहार योजना और आवास योजनाओं से जुड़े आवेदन लिए जाएंगे और उनका समाधान मौके पर ही होगा।

  8. पोषण और मातृत्व सेवाएं: ‘मैटरनिटी न्यूट्रिशन’ योजना और पोषण से जुड़ी अन्य सेवाओं को भी शिविर में जोड़ा गया है।

शहरी सेवा शिविर में होने वाले काम

शहरों में लगने वाले शिविरों का फोकस शहरी निवासियों की रोजमर्रा की जरूरतों पर रहेगा।

  1. प्रमाण पत्र सेवाएं: जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन और पंजीयन किया जाएगा।

  2. संपत्ति संबंधी कार्य: शहरी संपत्तियों के लीज और नामांतरण से जुड़े काम मौके पर ही पूरे किए जाएंगे।

  3. सफाई और आधारभूत सुविधाएं: शहर की साफ-सफाई, सड़कों की मरम्मत और स्ट्रीट लाइट से जुड़ी शिकायतों का निपटारा किया जाएगा।

  4. सौंदर्यीकरण: सार्वजनिक स्थलों के सौंदर्यीकरण पर ध्यान दिया जाएगा ताकि शहरों को स्वच्छ और आकर्षक बनाया जा सके।

नई पहल: नमो पार्क और नमो वन

इन शिविरों के साथ सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और हरियाली पर भी जोर देने की योजना बनाई है। “नमो पार्क” और “नमो वन” जैसी पहलें शिविरों का हिस्सा होंगी। इसके तहत हर शहर और कस्बे में हरित पट्टियों और पार्कों का विकास किया जाएगा। शिविरों के दौरान वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा और सार्वजनिक स्थलों को सुंदर बनाने पर काम होगा।

जनता को मिलेगा सीधा फायदा

सरकार का कहना है कि इन शिविरों से आम जनता को सीधा लाभ मिलेगा। लोगों को अब सरकारी योजनाओं के लिए अलग-अलग दफ्तरों में भटकना नहीं पड़ेगा। सभी विभाग एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगे और समस्याओं का समाधान तुरंत किया जाएगा। इससे समय और पैसे की बचत होगी और पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

सरकार का उद्देश्य

भजनलाल सरकार का दावा है कि यह पहल प्रशासन को जनता के करीब लाने और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान करने की दिशा में बड़ा कदम है। इन शिविरों से न केवल ग्रामीण और शहरी निवासियों को लाभ मिलेगा, बल्कि योजनाओं का सही क्रियान्वयन भी सुनिश्चित होगा।

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