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NHAI बनाएगा जयपुर-किशनगढ़ हाईवे पर 9 नए ओवर ब्रिज

NHAI बनाएगा जयपुर-किशनगढ़ हाईवे पर 9 नए ओवर ब्रिज

शोभना शर्मा। जयपुर से किशनगढ़ के बीच बने 6 लेन नेशनल हाईवे पर लगातार बढ़ते ट्रैफिक दबाव को देखते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने बड़ा फैसला लिया है। अथॉरिटी ने इस हाईवे पर 9 नए ओवर ब्रिज बनाने और दोनों तरफ सर्विस लेन तैयार करने की योजना को मंजूरी दी है। इन निर्माण कार्यों पर लगभग 800 से 1000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और संभावना जताई जा रही है कि इस साल के अंत तक टेंडर जारी कर दिए जाएंगे।

हर दिन गुजरते हैं 1 लाख वाहन

जयपुर-किशनगढ़ हाईवे राज्य के सबसे व्यस्त मार्गों में गिना जाता है। इस हाईवे पर प्रतिदिन करीब 1 लाख से अधिक वाहन गुजरते हैं। हाल ही में इस मार्ग पर 10 नए ओवर ब्रिज बनाए गए थे और आखिरी ओवर ब्रिज इस साल अप्रैल में पूरा हुआ था। इसके बावजूद ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ रहा है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।

9 जगहों पर बनेंगे ओवर ब्रिज

NHAI ने हाईवे पर ट्रैफिक की समस्या और दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए 9 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए हैं। इन जगहों पर अक्सर तेज रफ्तार और अव्यवस्थित यातायात के कारण हादसे होते हैं। दुर्घटनाओं को रोकने और आवागमन को निर्बाध बनाए रखने के लिए जयपुर-किशनगढ़ हाईवे पर निम्न स्थानों पर ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे—

  • बड़ के बालाजी

  • नासनौदा

  • गिदानी

  • पाटन

  • छितरोली

  • गैजी

  • रामपुरा

  • अन्य चिह्नित दो स्थान

इन स्थानों पर ओवर ब्रिज बनने से ट्रैफिक का दबाव काफी हद तक कम होगा और स्थानीय लोगों के लिए सड़क पार करने में सुविधा होगी।

हाईवे पर अन्य निर्माण कार्य

NHAI ने केवल ओवर ब्रिज बनाने का ही नहीं, बल्कि अन्य आधारभूत सुधार करने का भी निर्णय लिया है। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं—

  1. सर्विस लेन का निर्माण – दोनों ओर 7.5 मीटर चौड़ी सर्विस रोड बनाई जाएगी ताकि स्थानीय और छोटे वाहन मुख्य हाईवे पर न चलें और दुर्घटनाओं का खतरा कम हो।

  2. नालियों का निर्माण – बारिश के दौरान पानी की निकासी के लिए मजबूत नालियां बनाई जाएंगी।

  3. क्रैश बैरियर – पूरे 90 किलोमीटर लंबे हाईवे पर सुरक्षा के लिए क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे, जिससे वाहन अनियंत्रित होने पर भी बड़े हादसों से बचाव हो सके।

आठ लेन का प्रस्ताव क्यों टला?

इस हाईवे को पहले आठ लेन का बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। लेकिन इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया और वर्तमान में इसे छह लेन के साथ नए ओवर ब्रिज और सर्विस लेन की योजना पर अमल किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में ट्रैफिक का दबाव और बढ़ने पर आठ लेन का प्रस्ताव फिर से सामने लाया जा सकता है।

क्षेत्रवासियों को राहत

जयपुर से किशनगढ़ मार्ग पर प्रतिदिन हजारों लोग कार्यालय, व्यवसाय और औद्योगिक गतिविधियों के लिए सफर करते हैं। इस हाईवे पर कई औद्योगिक क्षेत्र भी स्थित हैं, जिससे भारी वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। नए ओवर ब्रिज और सर्विस लेन बनने से क्षेत्रवासियों और यात्रियों को जाम और दुर्घटनाओं से राहत मिलने की उम्मीद है।

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