शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति इन दिनों गरमा गई है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर की गई विवादित टिप्पणी ने सियासी हलकों में बवाल खड़ा कर दिया है। इसी मुद्दे को लेकर सोमवार को अजमेर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। आगरा गेट के पास गणेश मंदिर के सामने हुए इस विरोध में डोटासरा का प्रतीकात्मक पुतला एलिवेटेड रोड पर टांगा गया। इससे पहले भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस पुतले को चप्पलों से पीटा और फिर आग के हवाले कर दिया।
भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा
अजमेर में हुए इस प्रदर्शन में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के खिलाफ कड़ा रोष जताया। उनका कहना था कि विधानसभा अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद की गरिमा को ठेस पहुंचाना किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कार्यकर्ताओं ने डोटासरा की टिप्पणी को महिलाओं का अपमान और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला बताया। नारेबाजी के बीच पुतले की चप्पलों से पिटाई की गई और बाद में उसे फांसी के फंदे पर लटकाकर जला दिया गया।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
भाजपा के इस कदम का कांग्रेस नेताओं ने विरोध किया। निवर्तमान अजमेर शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने कहा कि किसी भी राजनीतिक मतभेद को दर्शाने के लिए मर्यादा का उल्लंघन करना गलत है। पुतला फूंकने और चप्पलों से मारने जैसी घटनाएं सामाजिक स्थिरता को प्रभावित करती हैं। उन्होंने कहा कि शहर का माहौल बिगाड़ने वाले इस कृत्य के खिलाफ पुलिस को लिखित शिकायत दी गई है और नियमानुसार कार्रवाई की मांग की गई है। विजय जैन ने यह भी चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई नहीं की तो कांग्रेस भी बड़ा आंदोलन करेगी।
विवाद की जड़: डोटासरा का बयान
दरअसल, यह विवाद विधानसभा सत्र के दौरान शुरू हुआ था। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन में लगे दो हिडन कैमरों का विरोध किया था। उन्होंने इन कैमरों को “जासूसी कैमरे” बताते हुए कहा था कि इन्हें कांग्रेस विधायकों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लगाया गया है। इस मुद्दे पर वे राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े से भी मिले और ज्ञापन सौंपा।
इसी मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को लेकर तीखी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि स्पीकर दो छिपे हुए कैमरों वाली महिलाओं को देखना चाहते हैं, वे किस स्थिति में बैठी हैं, क्या कपड़े पहन रही हैं और क्या बातें कर रही हैं। डोटासरा ने कहा था कि ऐसे व्यक्ति को, जिसे कोई शर्म नहीं है, डूब मरना चाहिए।
भाजपा की सख्त आपत्ति
डोटासरा की इस टिप्पणी ने भाजपा को आक्रामक कर दिया। भाजपा नेताओं का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष पर इस तरह की अभद्र टिप्पणी न केवल व्यक्तिगत मर्यादा का हनन है, बल्कि संवैधानिक संस्थाओं का भी अपमान है। उन्होंने मांग की कि कांग्रेस उच्च नेतृत्व इस बयान पर स्पष्टीकरण दे और डोटासरा से सार्वजनिक माफी मांगे।
बढ़ सकता है सियासी टकराव
राजस्थान की राजनीति में यह विवाद तेजी से बढ़ता दिख रहा है। भाजपा कार्यकर्ताओं का आंदोलन अजमेर तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि अन्य जिलों में भी विरोध के स्वर उठ सकते हैं। कांग्रेस की ओर से जहां डोटासरा का बचाव करने की कोशिश की जा रही है, वहीं कांग्रेस के कुछ नेताओं ने यह भी माना कि अभिव्यक्ति की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए था।
विपक्षी रणनीति
भाजपा ने इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाने की तैयारी कर ली है। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि महिलाओं को लेकर अपमानजनक शब्द बोलने वाले नेता को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। पार्टी इसे विधानसभा सत्र और आगामी चुनावों में बड़ा मुद्दा बना सकती है।