शोभना शर्मा। राजस्थान सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर एक अहम कदम उठाया है। राज्य परिवहन विभाग ने आदेश जारी करते हुए ट्रक और अन्य व्यावसायिक वाहनों के चालकों के लिए अधिकतम ड्राइविंग सीमा 8 घंटे प्रतिदिन तय की है। इसका सीधा मतलब यह है कि अब कोई भी ट्रक ड्राइवर 8 घंटे से ज्यादा लगातार गाड़ी नहीं चला सकेगा। यदि कोई चालक इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुआ फैसला
दरअसल, इस साल 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ट्रक और कमर्शियल वाहन चालकों के लिए स्पष्ट आदेश जारी किए थे। कोर्ट ने साफ कहा था कि कोई भी ड्राइवर 24 घंटे में सिर्फ 8 घंटे ही गाड़ी चला सकता है। इसके बाद केंद्र सरकार ने 3 जुलाई को परिवहन मंत्रालय और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधिकारियों की संयुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें सभी राज्यों को यह नियम लागू करने के निर्देश दिए गए थे।
इसी क्रम में राजस्थान सरकार ने भी 25 जुलाई को आदेश जारी करते हुए सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे नियमों की पालना सुनिश्चित करें। इस फैसले का उद्देश्य सड़क हादसों को कम करना और ट्रक ड्राइवरों को पर्याप्त आराम सुनिश्चित करना है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
राजस्थान में हर दिन सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। अक्सर देखा गया है कि लंबी दूरी तक बिना आराम किए गाड़ी चलाने से ड्राइवर को नींद आने लगती है। झपकी आने के कारण सड़क पर बड़े हादसे हो जाते हैं, जिनमें कई बार दर्जनों लोगों की जान चली जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार थकान और नींद की कमी सड़क दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बनती है।
सरकार का मानना है कि यदि ड्राइवर समय पर आराम करेंगे और सिर्फ निर्धारित समय तक ही वाहन चलाएंगे, तो हादसों की संख्या में कमी लाई जा सकती है।
जिला स्तर पर चलेंगे जागरूकता कार्यक्रम
सरकार ने आदेश में कहा है कि सभी जिलों में श्रम विभाग के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। पंजीकृत संस्थाओं और यूनियनों को शामिल करते हुए ड्राइवरों को नियमों के बारे में बताया जाएगा। इसके लिए जिला स्तर पर वर्कशॉप आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
सरकार का कहना है कि पहले चरण में ड्राइवरों को समझाइश दी जाएगी। यदि इसके बाद भी कोई ड्राइवर नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सबसे बड़ी चुनौती: ड्राइवर की ड्राइविंग टाइमिंग कैसे ट्रैक होगी?
हालांकि आदेश लागू करने के बाद सबसे बड़ी चुनौती यह है कि अधिकारी कैसे तय करेंगे कि ड्राइवर ने कितने घंटे गाड़ी चलाई है। वर्तमान में इसको ट्रैक करने का कोई स्पष्ट तरीका नहीं है।
लेकिन परिवहन विभाग इस दिशा में कदम उठा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि जीपीएस और अन्य तकनीकी उपकरणों का उपयोग कर ड्राइवर की ड्राइविंग अवधि की निगरानी की जाएगी। इसके अलावा परिवहन और पुलिस विभाग को संयुक्त रूप से जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सड़क सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम
अक्सर लंबी दूरी के ट्रक ड्राइवर अपनी मजबूरी के कारण 12 से 15 घंटे तक लगातार वाहन चलाते हैं। ऐसे में दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। अब सरकार द्वारा तय किए गए 8 घंटे के नियम से इस स्थिति पर नियंत्रण पाने की कोशिश की जाएगी।