शोभना शर्मा। राजस्थान में पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का आयोजन 13 और 14 सितंबर को तीन पारियों में किया गया। परीक्षा को लेकर पूरे राज्य से हजारों अभ्यर्थी जयपुर पहुंचे। लेकिन परीक्षा के बाद राजधानी जयपुर का सिंधी कैंप बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन अभ्यर्थियों की भारी भीड़ से ठसाठस भर गया। रोडवेज की व्यवस्था पूरी तरह फेल नजर आई और उम्मीदवार पूरी रात बसों के इंतजार में भटकते रहे।
सिंधी कैंप बस स्टैंड पर अफरा-तफरी
शनिवार देर रात करीब 1 बजे सिंधी कैंप बस स्टैंड पर हजारों की संख्या में अभ्यर्थी जमीन पर बैठे या लेटे हुए थे। ज्यादातर के पास अपने जिलों तक जाने का कोई साधन नहीं था। अभ्यर्थियों ने बताया कि बसों के बारे में उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। कुछ बसें आईं भी, लेकिन उनमें इतनी भीड़ थी कि प्रवेश करना नामुमकिन हो गया। कई अभ्यर्थी तो मजबूरी में वहीं सो गए।
सुबह की बसों में रात से ही बैठ गए उम्मीदवार
अभ्यर्थियों ने बताया कि कुछ जिलों के लिए रोडवेज बसों का समय सुबह का था, लेकिन सीट पक्की करने के लिए वे रात को ही उन बसों में बैठ गए। जैसे ही बस रवाना होगी, वे अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे। जोधपुर जाने वाले अभ्यर्थियों का कहना था कि उनका परीक्षा केंद्र भरतपुर में दिया गया था। वहां से परीक्षा देकर किसी तरह जयपुर पहुंचे, लेकिन अब जोधपुर के लिए रातभर इंतजार करने के बावजूद बस नहीं मिल रही। रोडवेज की ओर से जानकारी दी गई कि जोधपुर के लिए बस सुबह 7 बजे रवाना होगी। अभ्यर्थियों का कहना था कि दो-दो रात से वे ठीक से सो भी नहीं पाए।
रेलवे स्टेशन पर भी हालात खराब
सिर्फ बस स्टैंड ही नहीं, बल्कि जयपुर रेलवे स्टेशन पर भी यही स्थिति देखने को मिली। हजारों की संख्या में अभ्यर्थी प्लेटफार्मों पर अपने जिलों के लिए ट्रेन का इंतजार करते रहे। कई ट्रेनों में भीड़ इतनी ज्यादा थी कि डिब्बों में घुसना मुश्किल हो गया।
लंबी दूरी के परीक्षा केंद्रों से बढ़ी दिक्कतें
अभ्यर्थियों ने परीक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि बिना किसी ठोस प्लानिंग के उम्मीदवारों को 800 से 900 किलोमीटर दूर तक के परीक्षा केंद्र आवंटित कर दिए गए। कोई भरतपुर, कोई धौलपुर तो कोई कोटा से जयपुर आया। हजारों परीक्षार्थी अलग-अलग जिलों से जयपुर पहुंचने को मजबूर हुए। अब सभी को उम्मीद थी कि जयपुर से वे आसानी से अपने जिलों तक पहुंच जाएंगे, लेकिन यहां भी रोडवेज ने पर्याप्त बसें उपलब्ध नहीं कराईं।
अभ्यर्थियों की नाराज़गी
अभ्यर्थियों का कहना था कि जिस तरह की भीड़ परीक्षा केंद्रों और यात्रा व्यवस्थाओं में देखने को मिली, उससे यह स्पष्ट हो गया कि सरकार और प्रशासन ने परीक्षा को लेकर सही योजना नहीं बनाई। उम्मीदवारों को न केवल केंद्रों तक पहुंचने में परेशानी उठानी पड़ी, बल्कि परीक्षा के बाद वापसी की यात्रा भी बेहद कठिन साबित हुई। कई अभ्यर्थियों ने कहा कि उन्हें देर रात तक सड़क पर भटकना पड़ा और सुरक्षा को लेकर भी चिंता बनी रही।