शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति में लगातार सुर्खियों में रहने वाले नरेश मीणा का एक और विवाद सामने आया है। जयपुर के शहीद स्मारक पर झालावाड़ हादसे के पीड़ितों को न्याय और मुआवज़ा दिलाने की मांग को लेकर तीन दिनों से आमरण अनशन पर बैठे नरेश मीणा ने इस बार अपने ही समर्थकों को थप्पड़ जड़ दिए। रविवार को हुई इस घटना ने न केवल समर्थकों को चौंका दिया, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी बहस छेड़ दी है।
अनशन स्थल पर अफरा-तफरी
सूत्रों के अनुसार, रविवार को दोपहर के समय जब नरेश मीणा अपने समर्थकों को संबोधित कर रहे थे, तभी कुछ समर्थक पास के पेड़ की छांव में जाकर बैठ गए। मीणा ने उन्हें बार-बार बुलाया लेकिन वे नहीं उठे। इससे नाराज़ होकर वे खुद उनके पास पहुंचे और गुस्से में थप्पड़ मार दिए। अचानक हुई इस घटना से मौके पर अफरा-तफरी मच गई, हालांकि अन्य कार्यकर्ताओं ने बीच-बचाव कर माहौल को शांत कर दिया।
‘यही मेरा तरीका है’
घटना के बाद जब मीडिया ने नरेश मीणा से इस पर सवाल किया तो उन्होंने बेबाकी से कहा कि उन्होंने समर्थकों को कई बार बुलाया, लेकिन वे नहीं उठे, इसलिए चांटे लगा दिए। मीणा ने कहा कि यही उनका तरीका है और वे इसी अंदाज़ में काम करते हैं। उनका यह बयान एक बार फिर उन्हें चर्चा के केंद्र में ले आया। राजनीतिक पर्यवेक्षक मानते हैं कि मीणा की यह छवि उनके समर्थकों में आक्रामक नेता की पहचान को और मजबूत करती है, लेकिन विपक्ष इसे लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ बता रहा है।
समर्थक का अजीब बयान
थप्पड़ खाने वाले समर्थक मुकेश ने इस मामले पर जो प्रतिक्रिया दी, उसने सबको हैरान कर दिया। मुकेश ने कहा कि गलती उसकी थी और भविष्य में ऐसा नहीं होगा। उसने यह भी कहा कि यदि नरेश मीणा उसकी जान भी ले लेंगे तो भी उसे कोई आपत्ति नहीं होगी। समर्थक का यह बयान अब राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बहस का विषय बन गया है। आलोचक इसे अंधभक्ति बता रहे हैं तो समर्थक इसे नेता के प्रति निष्ठा का प्रतीक मान रहे हैं।
पुराना विवाद भी आया चर्चा में
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब नरेश मीणा थप्पड़ विवाद में फंसे हों। टोंक उपचुनाव के दौरान भी उन्होंने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ जड़कर हंगामा खड़ा कर दिया था। उस समय उनके समर्थकों ने उन्हें पुलिस से छुड़ाया था और समरावता गांव में हिंसा भड़क गई थी। उस घटना ने भी राजस्थान की राजनीति को हिला दिया था। अब एक बार फिर मीणा का यही अंदाज़ सामने आना विपक्ष को हमले का मौका दे रहा है।
मुख्यमंत्री आवास घेराव का ऐलान
इस बीच, नरेश मीणा का अनशन जारी है। वे झालावाड़ हादसे के पीड़ितों को न्याय और उचित मुआवज़ा दिलाने की मांग पर अड़े हुए हैं। मीणा ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास तक रैली निकालने और घेराव करने का ऐलान किया है। उनके समर्थक इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।