शोभना शर्मा। राजस्थान की शहरी जनता को बड़ी राहत देने के लिए नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग ने शहरी सेवा शिविर योजना 2025 का मसौदा तैयार कर लिया है। इस योजना के तहत गरीब और मध्यम वर्ग को अधिकतम लाभ देने का प्रावधान किया गया है, जबकि उच्च आय वर्ग को केवल आंशिक छूट मिलेगी। सरकार रविवार या सोमवार को इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देकर आदेश जारी करेगी। शिविर 17 सितम्बर से 17 अक्टूबर तक आयोजित होंगे।
गरीब और मध्यम वर्ग पर विशेष फोकस
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ गरीब और छोटे भूखंडधारकों को मिलेगा। सरकार ने बकाया लीज राशि, रूपांतरण शुल्क, प्रीमियम दरें और भवन निर्माण स्वीकृति में व्यापक रियायतें देने का निर्णय लिया है। खास बात यह है कि 69ए के पट्टों के लिए शुल्क घटाकर 200 रुपए प्रति वर्गमीटर से 100 रुपए प्रति वर्गमीटर कर दिया गया है। इसके साथ ही अधिकारी मौके पर निरीक्षण के लिए नहीं जाएंगे, जिससे प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनेगी।
बकाया लीज राशि पर राहत
सरकार ने यह घोषणा की है कि यदि लोग अपनी 2025–26 तक की बकाया लीज राशि एकमुश्त जमा कर देंगे, तो 100 प्रतिशत ब्याज माफ कर दिया जाएगा। वहीं, 31 दिसम्बर 2025 तक फ्रीहोल्ड प्रमाण पत्र लेने वालों को बकाया राशि में 60 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी।
पुनर्ग्रहण शुल्क और प्रीमियम दरों में रियायत
निर्धारित समय पर मकान निर्माण न करने वालों के लिए भी राहत का प्रावधान है।
250 वर्गमीटर तक के भूखंड पर 75% छूट मिलेगी।
251 से 500 वर्गमीटर तक 50% छूट।
501 से 1000 वर्गमीटर तक 25% छूट।
इसी तरह प्रीमियम दरों में भी कमी की जाएगी।
100 वर्गमीटर तक 25% छूट।
101 से 200 वर्गमीटर तक 15% छूट।
भवन निर्माण और स्वीकृति में राहत
राजस्थान सरकार ने घर बनाने वालों को भी बड़ी सुविधा दी है।
जी-1 मंजिल तक मकान निर्माण की स्वीकृति पर भवन मानचित्र शुल्क में 50% की छूट होगी।
नक्शा स्वीकृति शुल्क घटाकर केवल 30 रुपये प्रति वर्गमीटर कर दिया गया है।
उपविभाजन और पुनर्गठन शुल्क में कमी
आवासीय भूखंडों के लिए उपविभाजन व पुनर्गठन शुल्क में 75% तक की राहत दी गई है।
250 वर्गमीटर तक – 19 रुपए प्रति वर्गमीटर
251–500 वर्गमीटर तक – 38 रुपए प्रति वर्गमीटर
501–1000 वर्गमीटर तक – 57 रुपए प्रति वर्गमीटर
व्यावसायिक और औद्योगिक भूखंडों को भी राहत
सरकार ने व्यावसायिक और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी रियायतें दी हैं।
गैर-आवासीय से व्यावसायिक रूपांतरण पर 20 से 40% तक छूट।
औद्योगिक भूखंडों में रूपांतरण शुल्क में 50% की कमी।
फ्रीहोल्ड और रजिस्ट्री शुल्क में छूट
फ्रीहोल्ड सर्टिफिकेट लेने वालों को केवल 10 वर्ष की न्यूनतम राशि जमा करनी होगी। पंजीकरण शुल्क और स्टाम्प ड्यूटी में भी राहत दी गई है। इसके दायरे में कच्ची बस्ती के भूखंडधारी, ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और पुनर्वास भूखंडधारी भी शामिल होंगे।
कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों के लिए राहत
ऐसी कॉलोनियां जो कृषि भूमि पर बसी हैं और जिनमें धारा 90ए या 90बी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, वहां के भूखंडों को शहरी सेवा शिविर का प्रथम कैम्प मानकर पट्टा जारी किया जाएगा। इन भूखंडधारकों को ब्याज में 100% छूट मिलेगी।
अपंजीकृत दस्तावेजों वाले भूखंडों पर भी राहत
कृषि भूमि पर बनी कॉलोनियों में यदि कोई भूखंड अपंजीकृत दस्तावेजों के जरिए बार-बार खरीदा गया है, तो अंतिम खरीदार को पट्टा देते समय किसी तरह की पेनल्टी नहीं देनी होगी। यह प्रावधान उन परिवारों को बड़ी राहत देगा, जो वर्षों से कानूनी पट्टे के इंतजार में हैं।