मनीषा शर्मा। राजस्थान में मानसून धीरे-धीरे अलविदा कहने की तैयारी में है। मौसम विभाग के अनुसार 16 सितंबर या उसके बाद से राज्य से मानसून की विदाई का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इसकी शुरुआत पश्चिमी राजस्थान के जिलों जैसलमेर, बीकानेर और गंगानगर से होगी। हर साल की तरह इस बार भी सितंबर के मध्य तक राजस्थान में मानसून कमजोर पड़ने लगता है और शुष्क मौसम का प्रभाव दिखाई देने लगता है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार मानसून की विदाई अपेक्षाकृत सामान्य रहेगी। हालांकि, पूर्वी राजस्थान के कुछ इलाकों में मानसून की विदाई से पहले हल्की बारिश की संभावना बनी रहेगी।
15 और 16 सितंबर को मौसम शुष्क
मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में बताया है कि 15 और 16 सितंबर को राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क रहेगा। इन दो दिनों के दौरान पश्चिमी राजस्थान के शहरों में दिन का तापमान 1 से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है।
हालांकि, पूर्वी राजस्थान के कुछ इलाकों में स्थानीय स्तर पर बादल छाने और हल्की बूंदाबांदी देखने को मिल सकती है। जयपुर, कोटा और उदयपुर संभाग के कुछ स्थानों पर छिटपुट बारिश की संभावना बनी रहेगी, लेकिन इसका असर बहुत सीमित होगा।
17 सितंबर से सक्रिय होगा नया वेदर सिस्टम
मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, 17 सितंबर से राजस्थान का मौसम एक बार फिर करवट लेगा। इस दिन से एक नया वेदर सिस्टम सक्रिय होगा, जिसके चलते पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने इस संबंध में येलो अलर्ट भी जारी किया है। यह अलर्ट 9 जिलों के लिए है, जिनमें बूंदी, कोटा, बारां, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर और बांसवाड़ा शामिल हैं। इन जिलों में 17 सितंबर को कहीं-कहीं पर गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा सकती है।
राजस्थान में हाल की बारिश और तापमान
बीते 24 घंटों में राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क रहा। हालांकि, अलवर, जयपुर, जालौर और सवाई माधोपुर में 2.0 मिमी बारिश दर्ज की गई।
तापमान की बात करें तो गंगानगर में शनिवार को राज्य का सबसे अधिक तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। इसके अलावा कई अन्य जिलों में भी तापमान सामान्य से 1 से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।
मानसून की विदाई का असर
राजस्थान में मानसून की विदाई का सीधा असर किसानों और ग्रामीण इलाकों पर पड़ता है। खरीफ की फसलों के लिए मानसून का पानी बेहद अहम होता है। इस बार अगस्त और सितंबर की शुरुआत में हुई अच्छी बारिश से फसलों को लाभ पहुंचा है, लेकिन अब विदाई के साथ खेतों में नमी का स्तर धीरे-धीरे कम होगा।
शहरों में मानसून की विदाई का मतलब है शुष्क मौसम, दिन में तेज धूप और रात में हल्की ठंडक का असर। सितंबर के अंत तक राजस्थान का मौसम पूरी तरह शुष्क हो जाएगा और अक्टूबर से सर्द हवाओं की शुरुआत होगी।