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नरेश मीणा का लक्ष्य प्रमोद जैन भाया को राजनीति से बाहर करना

नरेश मीणा का लक्ष्य प्रमोद जैन भाया को राजनीति से बाहर करना

शोभना शर्मा । राजस्थान की राजनीति इन दिनों अंता विधानसभा उपचुनाव को लेकर गरमाई हुई है। चुनावी ऐलान के साथ ही बड़े नेताओं के बयान भी सुर्खियों में हैं। इसी कड़ी में निर्दलीय नेता नरेश मीणा ने बुधवार को झुंझुनू में प्रेस वार्ता के दौरान बड़ा बयान देकर सियासी हलकों में हलचल पैदा कर दी। उन्होंने साफ कहा कि उनका मकसद कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को हराकर राजनीति से बाहर करना है।

“प्रमोद भाया को राजनीति से बाहर करना है”

नरेश मीणा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अंता उपचुनाव लड़ने का उनका मन “200 प्रतिशत” है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे परिस्थितियां देखकर अंतिम फैसला लेंगे। उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद जैन भाया पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे भू-माफिया और भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्होंने कहा, “जब तक ऐसे लोग राजनीति में रहेंगे, तब तक जनता के हक पर कुठाराघात होता रहेगा। मेरा मकसद है कि भ्रष्ट नेताओं को राजनीति से बाहर किया जाए।”

गिरफ्तारी को बताया राजनीतिक साजिश

हाल ही में अपनी गिरफ्तारी पर बोलते हुए नरेश मीणा ने कहा कि यह सब उन्हें तोड़ने और उनकी आवाज दबाने के लिए किया गया। उनका कहना था कि उन्हें लगा कि आठ महीने जेल में रखने के बाद मीणा टूट जाएंगे, लेकिन जेल से बाहर आकर वे और मजबूत होकर जनता की आवाज बने। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी दोबारा गिरफ्तारी भी इसी कारण हुई।

मीणा ने झालावाड़ की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां बच्चों की बलि संस्थागत भ्रष्टाचार का नतीजा थी। उन्होंने इसे जनता के खिलाफ साजिश बताया और कहा कि ऐसी घटनाओं पर राजनीति नहीं, बल्कि सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

तीसरे मोर्चे का विकल्प

राजस्थान की परंपरागत दो-दलीय राजनीति पर भी नरेश मीणा ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा के बीच की राजनीति में ईमानदार और अच्छे लोगों को आगे आने का मौका नहीं मिलता। इसलिए तीसरे मोर्चे की जरूरत है। उन्होंने कहा, “अगर तीसरा मोर्चा बनता है तो यह राजनीति में नई ऊर्जा लाएगा और ईमानदार लोगों को जगह मिलेगी।”

उनका कहना था कि जनता अब बदलाव चाहती है और यह बदलाव तभी संभव होगा जब राजनीति में पारदर्शिता और ईमानदारी आए।

एसआई भर्ती मामले पर प्रतिक्रिया

एसआई भर्ती विवाद पर भी नरेश मीणा ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि इस मामले में दोनों पक्ष पीड़ित हैं, इसलिए जो भी फैसला न्यायालय देगा, वह सभी को मान्य होगा।

चुनावी समीकरणों पर असर

नरेश मीणा के इस बयान ने अंता उपचुनाव के समीकरणों को और दिलचस्प बना दिया है। एक ओर कांग्रेस अपने गढ़ को बचाने की कोशिश में है, वहीं भाजपा भी इसे जीतकर राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है। ऐसे में नरेश मीणा की एंट्री और उनके कड़े बयानों ने इस चुनाव को त्रिकोणीय मुकाबले की ओर धकेल दिया है।

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