शोभना शर्मा। राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को प्रश्नकाल से शुरू हुआ, लेकिन सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेस विधायकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। विपक्ष के नेता टीकाराम जूली की अगुवाई में कांग्रेस विधायक कानून व्यवस्था को लेकर प्रदर्शन करते हुए विधानसभा पहुंचे।
कांग्रेस का आरोप है कि प्रदेश में अपराध बढ़ रहे हैं और सरकार पुलिस प्रशासन पर अंकुश लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। इसी मुद्दे को लेकर विधायकों ने विधायक आवास से विधानसभा तक मार्च निकाला।
पोस्टर पहनकर पहुंचे जूली, सुरक्षाकर्मियों से धक्का-मुक्की
विधायकों ने इस दौरान नारेबाजी करते हुए तख्तियां और बैनर लहराए, जिन पर सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते संदेश लिखे थे। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली पोस्टर पहनकर विधानसभा परिसर पहुंचे।
सदन में पोस्टर लेकर जाने को लेकर कांग्रेस विधायकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। सुरक्षाकर्मियों ने पोस्टर के साथ सदन में प्रवेश की अनुमति नहीं दी, लेकिन विधायक अपनी जिद पर अड़े रहे और पोस्टरों के साथ ही सदन में पहुंचे।
इस प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस की इस कार्रवाई को ‘नौटंकी’ करार दिया।
कांग्रेस का सरकार पर हमला
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के अलावा वरिष्ठ विधायक शांति धारीवाल और रफीक खान सहित कई विधायकों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। शांति धारीवाल ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक संरक्षण मिलने के कारण अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। धारीवाल ने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस शासन में हर शिकायत पर एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य था, जबकि अब लोगों को थानों से टरकाया जा रहा है।
विधानसभा कार्यवाही की शुरुआत
विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे प्रश्नकाल से शुरू हुई। इस दौरान कृषि, उद्योग, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, जनजाति क्षेत्रीय विकास, राजस्व, सहकारिता और ऊर्जा विभाग से संबंधित 24 तारांकित और 25 अतारांकित प्रश्न सूचीबद्ध थे।
सत्र के पहले दिन विधायी कार्य के तहत दो महत्वपूर्ण विधेयक भी पटल पर रखे गए। इनमें राजस्थान मत्स्य क्षेत्र संशोधन विधेयक 2025 और राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान जयपुर विधेयक 2025 शामिल रहे।
यूरिया और डीएपी की कमी का मुद्दा
सदन के भीतर भी कांग्रेस ने सरकार को घेरने का प्रयास किया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने किसानों को मिलने वाले खाद की कमी और नकली यूरिया-डीएपी के मुद्दे पर सवाल उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि इस मामले में कितने लोगों को जेल भेजा गया और क्या कार्रवाई हुई।
जवाब में कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरकार ने अब तक 117 औचक निरीक्षण किए, 64 एफआईआर दर्ज कीं और 423 नमूने जांच के लिए एकत्रित किए हैं। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस शासन में ऐसी कार्रवाई कभी नहीं हुई।
मीणा ने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य में खाद की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं केंद्रीय मंत्रियों से मिल चुके हैं और किसानों को खाद उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।
रीको औद्योगिक क्षेत्र पर चर्चा
प्रश्नकाल में विधायक गुरवीर सिंह ने रीको औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन के गैर-औद्योगिक उपयोग पर सवाल उठाया। उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने स्पष्ट किया कि रीको के पास दो प्रकार की जमीनें हैं—स्वयं विकसित की गई और हस्तांतरित।
उन्होंने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में 15 प्रतिशत तक गैर-औद्योगिक उपयोग की अनुमति है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए एक नया एक्ट लाया जा रहा है, जो प्रवर समिति के पास विचाराधीन है।