मनीषा शर्मा। भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) अब और भी सुविधाजनक बनने जा रहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने घोषणा की है कि 15 सितंबर 2025 से UPI के ट्रांजैक्शन नियमों में बड़े बदलाव लागू होंगे। इन बदलावों का सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को मिलेगा जो शेयर बाजार निवेश, बीमा प्रीमियम, क्रेडिट कार्ड बिल, लोन EMI और ट्रैवल बुकिंग जैसे बड़े भुगतान UPI के जरिए करना चाहते हैं।
वेरिफाइड मर्चेंट्स को 10 लाख रुपये तक पेमेंट की सुविधा
नए नियमों के अनुसार, वेरिफाइड मर्चेंट्स को अब एक दिन में 10 लाख रुपये तक का ऑनलाइन पेमेंट करने की अनुमति होगी। इससे पहले बड़ी रकम का भुगतान करने के लिए बार-बार ट्रांजैक्शन करने पड़ते थे, लेकिन अब एक ही बार में पूरा भुगतान किया जा सकेगा। हालांकि, पर्सन-टू-पर्सन (P2P) ट्रांजैक्शन लिमिट पहले की तरह ही 1 लाख रुपये प्रतिदिन रहेगी। यानी दो व्यक्तियों के बीच भेजी या प्राप्त की जाने वाली राशि में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट के नए नियम
क्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए भी NPCI ने UPI सीमा बढ़ाई है।
एक बार में अधिकतम 5 लाख रुपये तक क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान संभव होगा।
एक दिन में अधिकतम 6 लाख रुपये तक का भुगतान किया जा सकेगा।
इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जिन्हें बड़े क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करना पड़ता है।
ट्रैवल बुकिंग और लोन EMI का पेमेंट आसान
नए बदलावों में ट्रैवल बुकिंग और लोन/EMI भुगतान पर भी ध्यान दिया गया है।
अब एक बार में 5 लाख रुपये तक का भुगतान संभव होगा।
एक दिन में 10 लाख रुपये तक लोन और EMI की किस्त अदा की जा सकेगी।
इससे ग्राहकों को बार-बार ट्रांजैक्शन करने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी और भुगतान प्रक्रिया तेज होगी।
NPCI का मकसद क्या है?
NPCI का कहना है कि इन बदलावों का मकसद लोगों को बार-बार छोटे ट्रांजैक्शन करने की परेशानी से बचाना है। अब चाहे वह बीमा प्रीमियम हो, लोन की EMI हो या फिर निवेश की रकम, लोग इसे एक बार में बड़ी राशि के रूप में चुका पाएंगे। इसके अलावा, नए नियमों के चलते UPI ऐप्स पर डेली लिमिट या प्रति घंटे की लिमिट को लेकर भी चिंता कम होगी। यह बदलाव खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित होंगे जो बड़ी रकम निवेश या भुगतान करना चाहते हैं।
लोकप्रिय UPI ऐप्स पर मौजूदा लिमिट
वर्तमान में UPI ऐप्स पर अलग-अलग लिमिट लागू है।
PhonePe
न्यूनतम KYC: ₹10,000 प्रति दिन
पूर्ण KYC: ₹2 लाख प्रति ट्रांजैक्शन और ₹4 लाख प्रति दिन
Paytm
₹1 लाख प्रति दिन
₹20,000 प्रति घंटे
अधिकतम 5 ट्रांजैक्शन प्रति घंटे
Google Pay (GPay)
₹1 लाख प्रति दिन
अधिकतम 20 ट्रांजैक्शन
नए यूजर्स के लिए पहले 24 घंटे: ₹5,000 लिमिट, उसके बाद सामान्य सीमा
NPCI के नए नियमों के लागू होने के बाद यह सीमाएं वेरिफाइड मर्चेंट्स और बड़े भुगतान के मामलों में और ज्यादा बढ़ जाएंगी।
आम लोगों के लिए फायदे
नए नियमों से आम लोगों को कई फायदे होंगे:
बड़ी रकम का भुगतान आसान – अब EMI, बीमा या निवेश का भुगतान एक बार में हो सकेगा।
समय की बचत – बार-बार ट्रांजैक्शन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सुरक्षा और सुविधा – NPCI ने सुनिश्चित किया है कि लिमिट बढ़ने के बावजूद UPI की सुरक्षा से समझौता नहीं होगा।
बिजनेस और प्रोफेशनल्स को राहत – बड़े भुगतान करने वाले बिजनेस यूजर्स को ज्यादा लाभ मिलेगा।
भारत में डिजिटल पेमेंट्स की बढ़ती ताकत
भारत दुनिया का सबसे बड़ा UPI मार्केट बन चुका है। हर महीने 10 अरब से ज्यादा ट्रांजैक्शन अब UPI के जरिए किए जाते हैं। नए नियमों से यह संख्या और भी बढ़ सकती है, क्योंकि अब बड़े निवेशक, बीमा धारक और कॉरपोरेट यूजर्स भी UPI को ज्यादा सहजता से इस्तेमाल कर सकेंगे।
15 सितंबर 2025 से लागू होने वाले UPI के नए नियम भारत के डिजिटल पेमेंट्स इकोसिस्टम को और मजबूत बनाएंगे। जहां आम यूजर्स के लिए रोजमर्रा के लेनदेन पहले जैसे ही रहेंगे, वहीं बड़े भुगतान करने वाले ग्राहकों और बिजनेस के लिए यह बदलाव बेहद फायदेमंद साबित होंगे। 10 लाख रुपये तक के पेमेंट की सुविधा मिलने से अब UPI न केवल छोटे लेनदेन बल्कि बड़े वित्तीय भुगतान का भी सबसे आसान और भरोसेमंद विकल्प बन जाएगा। NPCI का यह कदम भारत को कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में और तेज़ी से आगे बढ़ाएगा।