मनीषा शर्मा भारत सरकार की GST काउंसिल ने आम जनता को राहत देने के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। रोजमर्रा की जरूरत की कई चीजों पर जीएसटी घटा दिया गया है और कुछ पर पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। 22 सितंबर 2025 से लागू होने वाले इस फैसले का सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा।
पनीर, छेना, भारतीय पराठे और रोटियों जैसी बुनियादी खाद्य सामग्री पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। वहीं, घी, बटर, सूखे मेवे, चॉकलेट और कई अन्य खाद्य पदार्थों पर टैक्स कम कर दिया गया है। इतना ही नहीं, दवाइयां, शिक्षा सामग्री, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स, घरेलू सामान और खिलौनों पर भी जीएसटी दरें घटाई गई हैं।
खाने-पीने और रसोई के सामान पर जीएसटी में बड़ी कटौती
काउंसिल के फैसले से आम घर-परिवार को सीधा फायदा होगा। पहले जहां पैक्ड पनीर और छेना पर 5% जीएसटी लगता था, अब यह पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। पराठे और भारतीय रोटियों पर 18% जीएसटी लगता था, लेकिन अब इन पर शून्य जीएसटी होगा।
इसी तरह घी और बटर पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। सूखे मेवों, चॉकलेट, केक, बिस्कुट, पास्ता और यहां तक कि अचार, कॉफी और सूप जैसी चीजें भी अब पहले से सस्ती मिलेंगी क्योंकि इन पर जीएसटी की दर 18% या 12% से घटाकर सिर्फ 5% कर दी गई है।
इस बदलाव से सामान्य उपभोक्ता को किराने की खरीदारी में बड़ी राहत मिलेगी।
पेय पदार्थों पर भी राहत
गैर-मादक पेय पदार्थों में भी टैक्स की दरें घटाई गई हैं। पहले 12% या 18% जीएसटी वाले पेय जैसे नारियल का दूध, बादाम दूध, फल रस और दूध आधारित पेय अब सिर्फ 5% टैक्स पर मिलेंगे। 20 लीटर पानी का जार, जो घरों और दुकानों में आमतौर पर इस्तेमाल होता है, उस पर भी अब टैक्स सिर्फ 5% रह गया है।
व्यक्तिगत देखभाल के सामान अब होंगे सस्ते
साबुन, टूथपेस्ट, टूथब्रश, हेयर ऑयल, शैम्पू, टैल्कम पाउडर और शेविंग क्रीम जैसी रोजाना की उपयोगी चीजों पर पहले 18% जीएसटी देना पड़ता था। अब इन पर सिर्फ 5% टैक्स देना होगा। इससे आम आदमी के मासिक खर्चों में सीधी कमी आएगी।
घरेलू सामान पर भी कम हुआ टैक्स
घरेलू कामकाज से जुड़े कई सामानों पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है। इसमें दूध पिलाने की बोतलें, बेबी नैपकिन, सेफ्टी माचिस, मोमबत्तियां, स्टील और तांबे के बर्तन, सिलाई मशीनें और रसोई गैजेट शामिल हैं।
यह राहत छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों के परिवारों को ज्यादा असरदार लगेगी जहां यह सामान रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा हैं।
छात्रों और शिक्षा क्षेत्र को राहत
शिक्षा से जुड़ी कई चीजों को पूरी तरह जीएसटी मुक्त कर दिया गया है। प्रयोगशाला नोटबुक, इरेजर, पाठ्यपुस्तकों का कागज, मानचित्र और एटलस, पेंसिल, क्रेयॉन और चारकोल पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा।
जियोमेट्री बॉक्स और रंग बॉक्स पर भी टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। यह कदम छात्रों और उनके परिवारों के लिए बहुत राहत देने वाला साबित होगा।
दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों पर राहत
जीएसटी काउंसिल ने कई जीवन रक्षक दवाओं पर टैक्स पूरी तरह खत्म कर दिया है। दुर्लभ बीमारियों और कैंसर की दवाइयों पर अब जीएसटी 0% होगा। अन्य दवाइयों जैसे आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी दवाओं पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
इसके अलावा, मेडिकल ऑक्सीजन, ग्लूकोमीटर, थर्मामीटर और सर्जिकल उपकरणों पर भी अब केवल 5% टैक्स देना होगा। इससे मरीजों और अस्पतालों दोनों पर आर्थिक बोझ कम होगा।
किसानों और खेती के उपकरण पर राहत
खेती-बाड़ी से जुड़े सामानों पर भी जीएसटी दरों में बड़ी कमी की गई है। ट्रैक्टर, ट्रैक्टर के टायर-ट्यूब, पुर्जे, हार्वेस्टर और थ्रेशर मशीनें अब पहले से सस्ती होंगी। पहले इन पर 12% या 18% टैक्स लगता था, अब यह सिर्फ 5% होगा।
सिंचाई से जुड़ी मशीनें जैसे ड्रिप इरिगेशन, स्प्रिंकलर, नोजल और हैंडपंप भी सस्ते हो जाएंगे।
वाहन और ऑटो सेक्टर पर राहत
छोटी कारें, दोपहिया वाहन, ऑटो और यात्री वाहन अब 28% जीएसटी की जगह 18% पर मिलेंगे। इससे वाहन खरीदना आम लोगों के लिए किफायती होगा।
साइकिल और साइकिल के पुर्जों पर भी टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में फायदा होगा जहां साइकिल मुख्य परिवहन साधन है।
घर बनाने की सामग्री पर भी राहत
गृह निर्माण से जुड़ी सामग्रियां जैसे सीमेंट, संगमरमर, ग्रेनाइट और ईंटों पर अब टैक्स की दरें कम हो गई हैं। सीमेंट पर टैक्स 28% से घटाकर 18% किया गया है। वहीं संगमरमर और अन्य पत्थरों पर टैक्स 12% से घटकर 5% हो गया है।
इसके अलावा, बांस, लकड़ी और कृषि अपशिष्ट से बने निर्माण उत्पाद भी अब सस्ते हो गए हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरणों पर राहत
टीवी, मॉनिटर, प्रोजेक्टर, एयर कंडीशनर और डिशवॉशर जैसे सामानों पर जीएसटी घटाकर 28% से 18% कर दिया गया है। सौर ऊर्जा से जुड़े उपकरणों पर टैक्स 12% से घटाकर सिर्फ 5% कर दिया गया है।
यह कदम ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने और उपभोक्ताओं को राहत देने वाला साबित होगा।
खिलौनों और हस्तशिल्प को मिला प्रोत्साहन
भारतीय खिलौनों और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए काउंसिल ने इन पर टैक्स घटाकर 5% कर दिया है। लकड़ी, धातु और कपड़े से बने खिलौने, लूडो और कैरम जैसे बोर्ड गेम, हस्तशिल्प मूर्तियां और पेंटिंग अब सस्ती मिलेंगी।
यह निर्णय कारीगरों और छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए अहम है।
आम जनता पर असर
जीएसटी दरों में यह कटौती सीधा असर आम जनता के जीवन पर डालेगी। किराने का सामान, शिक्षा सामग्री, दवाइयां, घरेलू चीजें और वाहन सब कुछ पहले से सस्ते हो जाएंगे। इससे महंगाई के बोझ में कमी आएगी और उपभोग को बढ़ावा मिलेगा।
केंद्र सरकार का यह कदम आने वाले महीनों में बाजार की रफ्तार बढ़ाने और लोगों की क्रय शक्ति को मजबूत करने में मदद करेगा।