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वसुंधरा राजे बोलीं – “राजस्थान सबका परिवार है, एकता से ही समृद्धि संभव”

वसुंधरा राजे बोलीं – “राजस्थान सबका परिवार है, एकता से ही समृद्धि संभव”

मनीषा शर्मा।  राजस्थान की राजनीति में अपने मजबूत नेतृत्व और जनाधार के लिए जानी जाने वाली पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने जोधपुर दौरे पर एक ऐसा बयान दिया, जिसने प्रदेश के राजनीतिक और सामाजिक माहौल को नई दिशा दे दी। मंगलवार को जोधपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए राजे ने स्पष्ट कहा कि “यह राजस्थान एक परिवार है, हम सबका परिवार है। इसमें सब मजहब और सब जाति आराम से, प्यार से रहे और एक खुशहाली का वातावरण बने।” राजे के इस बयान को प्रदेश की सामाजिक एकता और सद्भावना के संदेश के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि “अगर हम लड़ेंगे, अलग-अलग होंगे तो समस्या होगी, लेकिन अगर हम सब साथ रहेंगे तो प्रदेश समृद्ध होगा।” इस तरह उन्होंने राजस्थान की शांति और प्रगति के लिए एकजुटता को सबसे बड़ी ताकत बताया।

रामसा पीर से जुड़ा विशेष रिश्ता

अपने वक्तव्य में वसुंधरा राजे ने जोधपुर के प्रसिद्ध रामसा पीर से भी अपने पुराने रिश्ते का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अपनी पहली यात्रा की शुरुआत की थी तो वह रामसा पीर से ही की थी क्योंकि उन्हें सबका देवता माना जाता है। राजे के इस बयान ने यह संदेश दिया कि धार्मिक और सामाजिक धरोहरें राजस्थान की संस्कृति को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

खेजड़ली मेला और तेजा दशमी की आस्था

राजे ने अपने संबोधन में राजस्थान के तीन प्रमुख मेलों का उल्लेख किया – खेजड़ली मेला, तेजा दशमी और बाबा रामदेवरा का मेला। उन्होंने कहा कि ये धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन समाज को एकजुट करने का काम करते हैं। इन मेलों से न केवल लोगों की आस्था जुड़ी है, बल्कि ये अवसर सबके कल्याण और भाईचारे का प्रतीक भी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रार्थना की कि इन अवसरों के माध्यम से “राजस्थान मजबूत, सुखी और समृद्ध बने और सब लोग खुश रहें।”

विश्वास और आस्था पर जोर

धार्मिक आस्था के महत्व पर बोलते हुए वसुंधरा राजे ने कहा कि ईश्वर के चरणों में शीश नवाने से मन की इच्छाएं पूरी होती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर व्यक्ति अपने आप पर विश्वास रखे और सकारात्मक सोच अपनाए तो कोई समस्या बड़ी नहीं रह जाती।

जनता की सेवा और विकास का संकल्प

राजे ने अपने राजनीतिक सफर का जिक्र करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य सदैव जनता की सेवा करना और राजस्थान को विकास की राह पर आगे बढ़ाना रहा है। उन्होंने कहा कि शांति, भाईचारा और सद्भाव ही प्रदेश की असली ताकत हैं और इन्हें बनाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।

राजनीतिक संकेत या संदेश?

राजे के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। उनके “हम लड़ेंगे तो प्रॉब्लम होगी” वाले कथन को कई लोग भाजपा के भीतर चल रही खींचतान से जोड़कर देख रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वसुंधरा राजे का यह बयान अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा में आंतरिक संघर्ष की ओर इशारा हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, मारवाड़ दौरे के दौरान राजे से मिलने वाले नेताओं और जनप्रतिनिधियों पर खुफिया तंत्र भी नजर रखे हुए है। इससे यह अटकलें और भी गहरी हो गई हैं कि उनके बयान का सीधा असर पार्टी की आंतरिक राजनीति पर पड़ सकता है।

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