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भीलवाड़ा GST इंटेलिजेंस की कार्रवाई, 10 ठिकानों पर छापेमारी

भीलवाड़ा GST इंटेलिजेंस की कार्रवाई, 10 ठिकानों पर छापेमारी

मनीषा शर्मा। राजस्थान के भीलवाड़ा, जिसे देशभर में कपड़ा नगरी के नाम से जाना जाता है, एक बार फिर से केंद्रीय जांच एजेंसियों के रडार पर आ गया है। गुरुवार को GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) की 12 से अधिक विशेष टीमों ने एक साथ 10 से ज्यादा ठिकानों पर बड़ी छापेमारी की। यह कार्रवाई मुख्य रूप से केमिकल उद्योग से जुड़े कारोबारियों और प्रोसेस हाउस पर केंद्रित रही।

सबसे अहम बात यह रही कि छापेमारी का केंद्र पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण डाड के बेटे निखिल डाड का घर और कार्यालय रहा। टीमों ने सुबह से ही कुमुद विहार स्थित फ्लैट, प्रोसेस हाउस और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर दबिश दी। अधिकारियों ने मौके से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए हैं।

लगातार दूसरे हफ्ते GST इंटेलिजेंस का शिकंजा

भीलवाड़ा में यह पहली बार नहीं है कि केंद्रीय एजेंसियां बड़ी कार्रवाई कर रही हों। एक सप्ताह पहले ही केंद्रीय जीएसटी विभाग ने भीलवाड़ा के एक सरिया उद्योगपति के ठिकानों पर छापा मारा था और करीब 19 करोड़ रुपये की वसूली की थी। इस बार DGGI की टीमें जयपुर से पहुंचीं और टैक्स चोरी व फर्जी बिलिंग के नेटवर्क पर सीधी कार्रवाई की।

पिछले एक महीने से केंद्रीय एजेंसियां कपड़ा उद्योग और उससे जुड़े केमिकल कारोबारियों की गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए थीं। बताया जा रहा है कि बिना बिल लेन-देन और टैक्स चोरी का यह नेटवर्क करोड़ों रुपये के नुकसान का कारण बना है।

सबसे बड़ी एक साथ सर्च कार्रवाई

अधिकारियों का कहना है कि भीलवाड़ा में जीएसटी चोरी को लेकर अब तक की यह सबसे बड़ी एक साथ हुई छापेमारी है। 12 से अधिक टीमों ने अलग-अलग लोकेशन पर एक ही समय पर दबिश दी, ताकि सबूत मिटाने या रिकॉर्ड छुपाने की कोई गुंजाइश न रहे। शुरुआती जांच में जब्त किए गए दस्तावेजों से बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी और फर्जी बिलिंग के संकेत मिले हैं।

कौन-कौन आए निशाने पर

छापेमारी की जद में आए प्रतिष्ठानों में निखिल डाड का घर और दफ्तर प्रमुख रहा। इसके अलावा कई प्रोसेस हाउस, केमिकल गोदाम और निजी कार्यालय भी शामिल हैं। DGGI की टीमें अभी भी कई ठिकानों पर जांच कर रही हैं और दस्तावेजों का विश्लेषण कर रही हैं।

सूत्रों के अनुसार, डिजिटल दस्तावेजों में फर्जी इनवॉइस, बिना बिल के लेन-देन और टैक्स चोरी से जुड़े कई अहम सबूत मिले हैं। इन्हें जब्त कर विस्तृत पड़ताल की जा रही है।

क्या है आगे की कार्रवाई

DGGI अधिकारियों का कहना है कि जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच के बाद ही टैक्स चोरी की सही राशि और नेटवर्क की गहराई का खुलासा होगा। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में और भी उद्योगपति व कारोबारी जांच के घेरे में आ सकते हैं।

भीलवाड़ा में लगातार दूसरे सप्ताह हुई यह कार्रवाई साफ संकेत देती है कि केंद्रीय एजेंसियां टैक्स चोरी और फर्जी बिलिंग के बड़े नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के मूड में हैं। खासतौर पर कपड़ा और केमिकल उद्योग पर नजर रखी जा रही है, क्योंकि इन्हीं क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर बिना बिल लेन-देन और टैक्स चोरी की शिकायतें सामने आई हैं।

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