शोभना शर्मा। राजस्थान में मानसून ने इस बार रौद्र रूप धारण कर लिया है। पिछले 48 घंटों से जारी मूसलाधार बारिश ने कई जिलों में जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। सबसे ज्यादा प्रभावित हालात कोटा और सवाई माधोपुर में देखे जा रहे हैं, जहां बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। जगह-जगह सड़कें सैलाब में डूबी हुई हैं, घरों में पानी घुस चुका है और कई गांवों का संपर्क मुख्य शहरों से कट गया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने सेना को बुलाया और राहत-बचाव कार्यों में लगाया गया है।
मुख्यमंत्री ने संभाला मोर्चा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्थिति पर चिंता जताते हुए प्रभावित जिलों के अधिकारियों से लगातार संवाद किया। उन्होंने कोटा, सवाई माधोपुर, बूंदी, दौसा और टोंक के जिलाधिकारियों से फोन पर स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने NDRF और SDRF की टीमों को पूरी तरह मुस्तैद रहने और प्रभावित इलाकों में त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर को मौके पर भेजा गया ताकि वे जमीनी हालात का जायजा लेकर राहत कार्यों की गति बढ़ा सकें।
सवाई माधोपुर में बारिश का कहर
मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को सवाई माधोपुर में 254 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो इस सीजन की सबसे ज्यादा रिकॉर्ड की गई बारिश है। शहर के कई इलाकों में पानी भरने से लोग घर छोड़कर छतों पर शरण लेने को मजबूर हो गए। नदियों और नालों का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से हालात और भयावह हो गए हैं।
सवाई माधोपुर के सुरवाल बांध पर एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां 8-10 लोगों को लेकर जा रही एक नाव तेज बहाव में पलट गई। ग्रामीणों ने बहादुरी दिखाते हुए 8 लोगों को बचा लिया, लेकिन कुछ लोग अब भी लापता हैं। पुलिस और बचाव दल लगातार तलाश में जुटे हुए हैं। इस हादसे ने इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
रेल सेवाएं भी प्रभावित
लगातार हो रही बारिश का असर रेल यातायात पर भी पड़ा है। सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन की पटरियां पानी में डूब जाने से कई ट्रेनों को बीच रास्ते में ही रोकना पड़ा। गंगानगर-कोटा एक्सप्रेस, जयपुर-बयाना पैसेंजर और भगत की कोठी-इंदौर एक्सप्रेस जैसी कई प्रमुख ट्रेनों के संचालन पर असर पड़ा है। यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कोटा में सेना की तैनाती
कोटा में भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं। दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने सड़कों को दरिया बना दिया है। प्रशासन ने हालात काबू में लेने के लिए सेना से मदद मांगी। सेना की गांडीव डिवीजन की इन्फेंट्री रेजिमेंट के 80 जवान नीमोदा गांव पहुंचे और तुरंत राहत कार्य शुरू किया। उन्होंने पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया और राहत शिविरों में भेजने का काम किया।
बैराज के गेट खोले गए
कोटा बैराज में जलस्तर बढ़ने पर प्रशासन ने तीन गेट खोलकर पानी छोड़ा ताकि बांध पर दबाव कम किया जा सके। शहर की सड़कों पर इतना पानी भर गया है कि कुछ स्थानों पर लोग तैरते हुए नजर आए। जिला कलेक्टर पीयूष समारिया ने बताया कि लोगों को सुरक्षित निकालना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है और इसके लिए पूरी टीम दिन-रात काम कर रही है।
रणथंभौर सफारी बंद और स्कूलों में छुट्टियां
भारी बारिश और बढ़ते जलस्तर को देखते हुए रणथंभौर नेशनल पार्क में पर्यटकों की सफारी को पूरे दिन के लिए बंद कर दिया गया। वहीं बारां, झालावाड़, कोटा और बूंदी सहित कई जिलों में स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। इसके अलावा नौ से दस जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ घोषित किया गया है। विभाग का कहना है कि आने वाले दिन राजस्थान के लिए और चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।


