शोभना शर्मा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 15 अगस्त 2025 तक के विदेशी मुद्रा भंडार (India Forex Reserve) के आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 695.11 अरब डॉलर हो गया है। यह पिछले हफ्ते की तुलना में 1.49 अरब डॉलर ज्यादा है। इससे पहले 8 अगस्त तक के हफ्ते में भी भंडार में 4.75 अरब डॉलर की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई थी। लगातार हो रही यह बढ़ोतरी भारत की आर्थिक स्थिति को न केवल मजबूत बल्कि स्थिर भी साबित करती है।
विदेशी मुद्रा आस्तियां और सोने का भंडार
आरबीआई के ताजा ब्योरे में बताया गया है कि विदेशी मुद्रा आस्तियां (Foreign Currency Assets) 1.92 अरब डॉलर बढ़कर 585.9 अरब डॉलर तक पहुँच गई हैं। विदेशी मुद्रा आस्तियां अमेरिकी डॉलर के अलावा अन्य प्रमुख मुद्राओं जैसे यूरो, पाउंड और येन में भी निवेश के रूप में रखी जाती हैं, जिनका मूल्य डॉलर के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का भी अहम योगदान है। 15 अगस्त तक सोने का भंडार 85.67 अरब डॉलर की वैल्यू पर दर्ज किया गया है। यह आंकड़ा इस बात का सबूत है कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में सोने की खरीद पर खासा ध्यान दिया है। 2021 से अब तक भारत के सोने के भंडार में लगभग दोगुनी वृद्धि हुई है। दुनियाभर के सेंट्रल बैंक सुरक्षित निवेश के लिए सोने को सबसे मजबूत आधार मानते हैं और भारत भी इसी दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है।
एसडीआर और अन्य मुद्राओं का असर
विदेशी मुद्रा भंडार में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिलने वाले स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) भी शामिल हैं। 15 अगस्त तक SDR की वैल्यू 18.78 अरब डॉलर रही। इसके अलावा यूरो, पाउंड और जापानी येन जैसी अन्य मुद्राओं के मूल्य में होने वाला उतार-चढ़ाव भी भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार पर सीधा असर डालता है।
RBI गवर्नर का बयान
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस मौके पर कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब इतनी स्थिति में है कि यह 11 महीने से ज्यादा के आयात को कवर करने और लगभग 96 प्रतिशत विदेशी कर्ज की जरूरत को पूरा करने में सक्षम है। इसका मतलब है कि देश की वित्तीय सेहत पूरी तरह से सुरक्षित और मजबूत है। इस स्तर पर पहुंचना भारत की आर्थिक प्रगति का स्पष्ट संकेत माना जा रहा है।
निर्यात में भी दर्ज हुई तेजी
विदेशी मुद्रा भंडार की इस मजबूती के बीच भारत के निर्यात क्षेत्र से भी अच्छी खबर आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2025 में भारत का निर्यात (Export) 7.29 प्रतिशत बढ़कर 37.24 अरब डॉलर पर पहुँच गया। जबकि पिछले वर्ष जुलाई 2024 में यह आंकड़ा 34.71 अरब डॉलर था। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक परिस्थितियाँ कठिन बनी हुई हैं, फिर भी भारत का निर्यात अन्य देशों की तुलना में तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। यह दर्शाता है कि भारतीय उत्पादों की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लगातार बनी हुई है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती का संकेत
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार हो रही वृद्धि और निर्यात में तेजी भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और स्थिरता की ओर इशारा करती है। विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश की वित्तीय सुरक्षा का सबसे बड़ा पैमाना होता है। यह न केवल बाहरी झटकों से सुरक्षा प्रदान करता है बल्कि विदेशी निवेशकों के विश्वास को भी मजबूत करता है।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा हालात में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार निवेशकों और उद्योगों के लिए भरोसा जगाने वाला है। बढ़ते सोने के भंडार, स्थिर विदेशी मुद्रा आस्तियों और निर्यात में आई तेजी से साफ है कि भारत आने वाले महीनों में भी आर्थिक मोर्चे पर मजबूती बनाए रख सकता है।