शोभना शर्मा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने रविवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद यह संवैधानिक पद खाली हो गया था।
नामांकन और चुनाव की प्रक्रिया
चुनाव आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त तय की गई है। इसके बाद उम्मीदवार 25 अगस्त तक नाम वापस ले सकते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 9 सितंबर 2025 को होगा। इसके बाद नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति अगले पांच साल तक इस संवैधानिक पद पर कार्य करेंगे।
विपक्ष से समर्थन की अपील
घोषणा के बाद भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि एनडीए गठबंधन एकजुट होकर इस चुनाव में उतरेगा। उन्होंने विपक्षी दलों से भी समर्थन की अपील की। नड्डा ने कहा, “हम चाहते हैं कि यह चुनाव निर्विरोध हो और सभी दल मिलकर उपराष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन का समर्थन करें। हमारे वरिष्ठ नेता विपक्ष के नेताओं के संपर्क में हैं और उनसे सकारात्मक बातचीत जारी है।”
कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?
सीपी राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुर पोन्नुसामी राधाकृष्णन है। उनका जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में हुआ। वे बचपन से ही सामाजिक और संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय रहे। 1974 में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से स्वयंसेवक के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। इसके बाद वे भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने और धीरे-धीरे राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पहचान बनाई।
सांसद के रूप में भूमिका
सीपी राधाकृष्णन ने भाजपा संगठन के भीतर महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए कार्य किया। 1996 में उन्हें भाजपा तमिलनाडु का सचिव नियुक्त किया गया। इसके बाद 1998 और 1999 में उन्होंने कोयंबटूर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा और दोनों बार सांसद चुने गए। उनकी सक्रियता केवल देश तक सीमित नहीं रही। साल 2004 में वे संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने और वहां भाषण दिया। इसके अलावा, ताइवान की पहली संसदीय यात्रा में भी उन्होंने हिस्सा लिया था।
भाजपा संगठन में योगदान
सीपी राधाकृष्णन 2004 से 2007 तक भाजपा तमिलनाडु इकाई के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। इस दौरान उन्होंने राज्य में पार्टी संगठन को मजबूत करने का कार्य किया। उनकी संगठन क्षमता और अनुशासित कार्यशैली की वजह से उन्हें भाजपा ने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपीं। साल 2020 से 2022 तक वे भाजपा केरल के अखिल भारतीय प्रभारी भी रहे। इस दौरान उन्होंने केरल में पार्टी के विस्तार के लिए व्यापक रणनीति बनाई।
राज्यपाल के रूप में कार्यकाल
राजनीतिक करियर के अलावा सीपी राधाकृष्णन को राज्यपाल पद की भी जिम्मेदारी मिली। फरवरी 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। इस पद पर उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक कार्य किया। इसके साथ ही वे तेलंगाना के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल चुके हैं। वर्तमान में वे महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं और अब उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार बनाए गए हैं।
समर्थन का सिलसिला
एनडीए में शामिल कई सहयोगी दलों ने सीपी राधाकृष्णन के नाम का समर्थन किया है। केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “उपराष्ट्रपति पद के एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को हमारा पूर्ण समर्थन है। हम सड़क से लेकर सदन तक एनडीए के साथ खड़े हैं।” जेपी नड्डा ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एनडीए की ओर से सभी दलों से सुझाव लिए गए थे और सर्वसम्मति से राधाकृष्णन के नाम पर मुहर लगी है।


