कोटाlatest-newsदेश

भारतीय शिक्षा बोर्ड से जुड़ रहे तेजी से स्कूल, AI और डेटा साइंस होगा पाठ्यक्रम का हिस्सा

भारतीय शिक्षा बोर्ड से जुड़ रहे तेजी से स्कूल, AI और डेटा साइंस होगा पाठ्यक्रम का हिस्सा

मनीषा शर्मा।  योगगुरु बाबा रामदेव और पतंजलि संस्थान अब शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठा चुके हैं। भारत सरकार द्वारा फरवरी 2023 में गठित भारतीय शिक्षा बोर्ड (BSB) को औपचारिक अधिसूचना मिलने के बाद देशभर के विद्यालय तेजी से इस बोर्ड से पाठ्यक्रम अनुमोदन और संबद्धता प्राप्त कर रहे हैं। यह बोर्ड शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक और प्राचीन भारतीय ज्ञान का एक अनूठा संगम पेश कर रहा है।

राजस्थान में तेजी से बढ़ रहा भारतीय शिक्षा बोर्ड का प्रभाव

शनिवार को कोटा आए बीएसबी बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष और रिटायर्ड आईएएस एनपी सिंह ने बताया कि केवल कुछ ही महीनों में राजस्थान के 500 विद्यालयों ने बोर्ड से संबद्धता ले ली है। कोटा में रविवार को महावीर नगर तृतीय स्थित स्वामी विवेकानंद स्कूल में कोटा के सैकड़ों स्कूल संचालकों के साथ विशेष बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में बोर्ड के पाठ्यक्रम, शिक्षा पद्धति और नई तकनीकों के समावेश पर विस्तार से चर्चा होगी।

लक्ष्य: भारत को बनाना विश्वगुरु

एनपी सिंह ने कहा कि भारतीय शिक्षा बोर्ड का लक्ष्य केवल शिक्षित विद्यार्थी तैयार करना नहीं है, बल्कि कुशल और जिम्मेदार नागरिक बनाना है, जो भारत को विश्वगुरु बनाने में योगदान दे सकें। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डेटा साइंस, आधुनिक विज्ञान, योग, वेद, उपनिषद और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का समन्वय होगा।

6वीं से AI, 9वीं से डेटा साइंस

बोर्ड के पाठ्यक्रम की सबसे खास बात यह है कि कक्षा 6 से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की पढ़ाई शुरू होगी और कक्षा 9 से डेटा साइंस को शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों को प्रारंभिक स्तर से ही तकनीकी प्रतिस्पर्धा के लिए सक्षम बनाना है।

इसके साथ ही शिक्षा में भारतीय परंपरा, योग, संस्कृत और आधुनिक तकनीक का संतुलित मिश्रण होगा। बोर्ड ने संविधान में उल्लिखित सभी भाषाओं को पाठ्यक्रम में स्थान दिया है, जिससे विविधता और बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।

एक हजार स्कूल पहले ही अपना चुके हैं पाठ्यक्रम

एनपी सिंह ने जानकारी दी कि वर्तमान में देशभर के 1,000 विद्यालय बीएसबी का पाठ्यक्रम अपना चुके हैं। आने वाले तीन सालों में बोर्ड का लक्ष्य है कि 2,000 प्रोफेसर, 5,000 पीजीटी और 500 संगोष्ठियों के माध्यम से इस शिक्षा प्रणाली का विस्तार किया जाए। रविवार को श्रीरामशांताय सभागार में एक विशेष संगोष्ठी बैठक भी होगी, जिसमें शिक्षाविद, स्कूल संचालक और विशेषज्ञ भाग लेंगे।

भारतीय शिक्षा बोर्ड का दृष्टिकोण

बीएसबी बोर्ड की स्थापना 4 अगस्त 2022 को मान्यता प्राप्त ‘स्वदेशी दृष्टिकोण’ के साथ हुई थी। यह बोर्ड विद्यार्थियों को उनकी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने और साथ ही उन्हें 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने के मिशन पर काम कर रहा है।

बोर्ड का मानना है कि शिक्षा केवल रोजगार का साधन नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक योगदान का माध्यम भी है। इसी कारण पाठ्यक्रम में आध्यात्मिक मूल्यों, सांस्कृतिक शिक्षा और तकनीकी कौशल को बराबर महत्व दिया गया है।

क्यों है यह बोर्ड खास?

  1. प्राचीन और आधुनिक का संगम – वेद, उपनिषद, योग और संस्कृत के साथ AI, डेटा साइंस और आधुनिक विज्ञान।

  2. भाषाई विविधता – संविधान में शामिल सभी भाषाओं को पाठ्यक्रम में स्थान।

  3. तकनीकी प्रतिस्पर्धा की तैयारी – शुरुआती कक्षाओं से ही तकनीकी विषयों की शिक्षा।

  4. रोजगार और नेतृत्व कौशल – विद्यार्थियों को न केवल नौकरी के लिए, बल्कि नेतृत्व और नवाचार के लिए भी तैयार करना।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading