शोभना शर्मा। राजस्थान में बहुचर्चित एसआई भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। एसओजी ने जयपुर ग्रामीण पुलिस लाइन में तैनात एक प्रोबेशनर सब-इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर लीक हुए सॉल्वड पेपर पढ़कर परीक्षा में चयनित हुआ था।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान और पृष्ठभूमि
एडीजी (एटीएस और एसओजी) वी.के. सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम सत्येन्द्र सिंह यादव है, जो ईश्वर सिंह यादव का पुत्र है और मूल रूप से बहरोड़, कोटपूतली का निवासी है। फिलहाल वह सिरसी बिंदायका में रह रहा था और जयपुर ग्रामीण पुलिस लाइन में एसआई (प्रोबेशनर) के पद पर तैनात था। जांच में सामने आया कि सत्येन्द्र सिंह ने 15 सितंबर 2021 को आयोजित एसआई भर्ती परीक्षा 2021 की दोनों पारियों के लिखित पेपर को एग्जाम से पहले ही लीक गिरोह से हासिल कर लिया था। उसे हल किया हुआ (सॉल्वड) पेपर भी मिला, जिसे पढ़कर उसने परीक्षा दी और मेरिट लिस्ट में 12वां स्थान प्राप्त किया।
अंक तालिका और चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी
आरपीएससी अजमेर से आरोपी के परीक्षा अंकों का विवरण एसओजी ने हासिल किया। इसके मुताबिक, हिंदी विषय में 178.83 अंक, सामान्य ज्ञान में 160.33 अंक, और कुल 339.16 अंक प्राप्त कर वह चयनित हुआ। हालांकि, एसओजी की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) जयपुर में प्रशिक्षण के दौरान, एसओजी ने भर्ती परीक्षा के मूल प्रश्न पत्रों के आधार पर एक पुनः परीक्षा (री-टेस्ट) आयोजित की। इसमें सत्येन्द्र के अंकों और असली परीक्षा में प्राप्त अंकों के बीच भारी अंतर पाया गया।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि और पिछली असफलताएं
सत्येन्द्र सिंह की शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी औसत रही है। उसने 10वीं कक्षा में 55% अंक, 12वीं में 59% अंक, और स्नातक में 57% अंक प्राप्त किए थे। इसके अलावा, वह एसआई भर्ती परीक्षा-2016, पटवारी भर्ती-2016 और आरएएस प्री-2018 में भी बैठा था, लेकिन इन सभी परीक्षाओं में असफल रहा। इन तथ्यों ने एसओजी को और मजबूत आधार दिया कि आरोपी की सफलता पेपर लीक गिरोह की मदद से ही संभव हुई थी।
एसओजी की अब तक की कार्रवाई
एसआई भर्ती 2021 पेपर लीक मामले में एसओजी अब तक 54 एसआई सहित कुल 118 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में कई बड़े नाम और पुलिस विभाग से जुड़े लोग भी फंस चुके हैं, जिससे भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। एसओजी के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में जांच अभी जारी है और आने वाले समय में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। उनका मानना है कि यह संगठित अपराध का मामला है, जिसमें पेपर लीक गिरोह, बिचौलिए, और उम्मीदवार — सभी की भूमिका रही है।
भर्ती प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल
यह मामला न केवल राजस्थान पुलिस भर्ती प्रणाली की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगाता है, बल्कि उन उम्मीदवारों के भविष्य पर भी असर डालता है, जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा दी थी। पेपर लीक जैसे मामलों से योग्य अभ्यर्थियों का हक छिन जाता है और कानून व्यवस्था बनाए रखने वाले पदों पर गलत तरीके से चयनित लोग पहुंच जाते हैं।
आगे की कानूनी कार्रवाई
गिरफ्तार आरोपी सत्येन्द्र सिंह यादव से एसओजी गहन पूछताछ कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि पेपर लीक गिरोह से उसकी कितनी गहरी सांठगांठ थी, उसने किसके जरिए पेपर हासिल किया और इस प्रक्रिया में कितनी राशि का लेन-देन हुआ।