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उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने से भारी तबाही

उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने से भारी तबाही

मनीषा शर्मा।  उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1:45 बजे बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचा दी। महज 34 सेकंड में खीर गंगा नदी उफान पर आ गई और इसके साथ बहकर आए मलबे ने पूरे धराली बाजार, घरों और होटलों को तबाह कर दिया। इस आपदा में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। प्रशासन ने मृतकों की संख्या में और वृद्धि की आशंका जताई है।

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, सेना और बचाव दल सक्रिय

घटना की सूचना मिलते ही राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिवादन बल (NDRF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सेना की टीमें तुरंत मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। जौलीग्रांट स्थित SDRF मुख्यालय से सेनानायक अर्पण यदुवंशी के निर्देशन में 50 सदस्यीय रेस्क्यू टीम को आवश्यक उपकरणों, मेडिकल किट, थर्मल इमेजिंग कैमरे, विक्टिम लोकेशन सिस्टम और टेंट के साथ धराली रवाना किया गया। SDRF की दो टीमें पहले से ही स्थल पर पहुंच चुकी थीं, जबकि सेनानायक स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हुए।

खीरगंगा नदी में उफान, मकान और होटल बहे

धराली गांव के पास बहने वाली खीरगंगा नदी में अचानक पानी का स्तर बढ़ गया और पहाड़ियों से बहकर आया मलबा बाजार, दुकानों, होटलों और घरों में घुस गया। चश्मदीदों के अनुसार, पूरे गांव में तबाही केवल आधे मिनट में फैल गई। सबसे ज्यादा नुकसान धराली बाजार और खीरगंगा नदी किनारे बसे भवनों को हुआ है। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने आपदा की सूचना मिलते ही आपदा कंट्रोल रूम में आपात बैठक की और आईआरएस सिस्टम (Incident Response System) को सक्रिय किया गया।

मलबे में दबे 25-35 लोगों की आशंका

प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वीडियो फुटेज और स्थानीय चश्मदीदों के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि 25 से 35 लोग मलबे में दबे हो सकते हैं। इसके अलावा, लगभग 25 से 30 होटल और दुकानें भी मलबे की चपेट में आकर बह गई हैं। रेस्क्यू टीमों के साथ स्थानीय लोग भी राहत कार्य में जुटे हुए हैं। पहाड़ी क्षेत्रों की जटिल भौगोलिक स्थिति और लगातार हो रही बारिश से राहत कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।

हर्षिल और सुखी टॉप में भी तबाही के संकेत

गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि धराली के पास स्थित हर्षिल क्षेत्र में भी भारी तबाही हुई है। तेलगाड़ नदी उफान पर है, जिससे सेना का बेस कैंप और हर्षिल हेलिपैड भी क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके अलावा, इसी सड़क पर स्थित सुखी टॉप में भी बादल फटने की सूचना मिली है, हालांकि वहां जान-माल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है। गंगोत्री हाईवे को सुरक्षा के दृष्टिकोण से फिलहाल बंद कर दिया गया है।

तीन घंटे का रेड अलर्ट, लगातार तेज बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। अगले तीन घंटे तक उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल, अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, चंपावत, पिथौरागढ़, और ऊधम सिंह नगर जिलों में तेज बारिश की संभावना जताई गई है।इससे स्थिति और अधिक बिगड़ सकती है, जिसको लेकर SDRF, सेना और स्थानीय प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

राष्ट्रपति, राजनीतिक दलों और नेताओं ने जताया दुख

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तरकाशी की घटना पर गहरा दुख जताते हुए प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस त्रासदी को बेहद चिंताजनक बताया और प्रशासन से राहत कार्यों में तेजी लाने की अपील की। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आपदा प्रभावितों की हर संभव मदद करने का आग्रह किया। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने भी सोशल मीडिया पर घटना पर दुख जताया और उत्तराखंड में मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रशासन को सहयोग देने की अपील की। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि इस संकट की घड़ी में भाजपा कार्यकर्ता पीड़ितों को हर संभव मदद प्रदान कर रहे हैं।

स्थानीय प्रशासन सतर्क, राहत केंद्र बनाए जा रहे

उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए स्कूलों और पंचायत भवनों को अस्थायी राहत केंद्र के रूप में तैयार किया है। घायलों को इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया जा रहा है, जबकि गंभीर रूप से घायलों को हवाई मार्ग से देहरादून रेफर करने की तैयारी की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए ड्रोन कैमरे, थर्मल इमेजिंग और स्निफर डॉग्स की सहायता ली जा रही है।

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