मनीषा शर्मा। राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने अपनी प्रशासनिक और राजनीतिक संरचना को सक्रिय करने की दिशा में पहला बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में उनके दिल्ली दौरों के बाद राज्य में राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। इस क्रम में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी को राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
यह नियुक्ति न केवल राजनीतिक दृष्टि से अहम मानी जा रही है, बल्कि राज्य की वित्तीय स्थिति और पंचायती राज संस्थाओं की मजबूती के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारने का संकल्प
डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने अपनी प्राथमिकताओं और भावी कार्ययोजना को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य राज्य की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना और निकायों व पंचायतों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने माना कि पिछले कुछ वर्षों में विकास परियोजनाओं की तेज़ रफ्तार के कारण राजस्थान पर वित्तीय दबाव बढ़ा है।
वर्तमान में राज्य पर लगभग 7 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसे चरणबद्ध तरीके से कम करने के लिए वह नई रणनीति बनाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए वह जल्द ही एक समग्र वित्तीय रोडमैप पेश करेंगे, जिसमें स्थानीय निकायों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
रेवड़ी कल्चर पर भाजपा का विरोध
डॉ. चतुर्वेदी ने कांग्रेस पार्टी पर भी निशाना साधा और कहा कि भारतीय जनता पार्टी कभी भी तथाकथित “रेवड़ी कल्चर” की पक्षधर नहीं रही है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की नीतियों को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया।
उनका कहना था कि कांग्रेस ने अल्पकालिक लाभ के लिए मुफ्त योजनाओं पर अत्यधिक खर्च किया, जिससे राज्य की वित्तीय स्थिति कमजोर हो गई। इसके विपरीत भाजपा का लक्ष्य दीर्घकालिक विकास और आम जनता को आत्मनिर्भर बनाना है।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि हर नागरिक के पास काम हो, आय के साधन हों और वह सरकार पर निर्भर न रहे।”
वित्तीय प्रबंधन में सकारात्मक बदलाव का भरोसा
कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा राज्य की मौजूदा वित्तीय स्थिति पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में वित्तीय प्रबंधन संतुलित तरीके से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
भाजपा नेतृत्व यह मानता है कि राज्य को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना केवल बजट घोषणाओं से नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर योजनाओं के सही क्रियान्वयन से संभव है।
‘वन इलेक्शन’ फॉर्मेट में होंगे आगामी चुनाव
डॉ. चतुर्वेदी ने एक और महत्वपूर्ण राजनीतिक संकेत देते हुए बताया कि राज्य सरकार आगामी पंचायत और निकाय चुनावों को ‘वन इलेक्शन’ फार्मेट में आयोजित करने पर विचार कर रही है।
इस मॉडल के तहत सभी स्थानीय निकायों के चुनाव एक ही दिन कराए जाएंगे, जिससे प्रशासनिक खर्च और संसाधनों की बचत होगी। इसके साथ ही भाजपा संगठन भी चुनावों के लिए व्यापक रणनीति तैयार कर रहा है।
उन्होंने कहा कि पार्टी हर चुनाव में अनुभव और ऊर्जा का संतुलन बनाए रखेगी और वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ युवाओं को भी मैदान में उतारेगी।
अरुण चतुर्वेदी की राजनीतिक पृष्ठभूमि
डॉ. अरुण चतुर्वेदी राजस्थान भाजपा के उन वरिष्ठ चेहरों में गिने जाते हैं जो पार्टी की विचारधारा और संगठनात्मक ढांचे से गहराई से जुड़े हुए हैं। वे भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वह संगठनात्मक कार्यशैली, अनुसंधान और नीति निर्माण में विशेष रूचि रखते हैं।


