मनीषा शर्मा। जयपुर निवासी 60 वर्षीय प्रकाश चंद्र जोशी को माली में आतंकवादी संगठन जमात नस्रत अल-इस्लाम वल मुस्लिमीन (JNIM) ने 1 जुलाई को अगवा कर लिया। जोशी पश्चिम अफ्रीकी देश माली स्थित डायमंड सीमेंट फैक्ट्री में कंसल्टेंट और जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। वह जून की शुरुआत में कंपनी के काम से साउथ अफ्रीका के लिए रवाना हुए थे, जहां से वे माली पहुंचे। लेकिन वहां उनकी सुरक्षा को लेकर जो खतरनाक घटनाक्रम हुआ, उसने न केवल उनके परिवार बल्कि देशभर के नागरिकों को झकझोर कर रख दिया।
भोर में हुआ आतंकी हमला
1 जुलाई की सुबह करीब 6:30 बजे माली के डायमंड सीमेंट परिसर पर करीब 100 हथियारबंद आतंकियों ने धावा बोल दिया। इस हमले में आतंकियों ने फैक्ट्री की इमारतों और वाहनों को नुकसान पहुंचाया, भारी गोलीबारी की और वहां मौजूद कर्मचारियों को बंधक बना लिया। इस हमले में प्रकाश जोशी समेत दो अन्य भारतीय – तेलंगाना की साव्या लिंगेस्वरा राव और नागपुर के जयशंकर माणिक शर्मा – और एक चीनी नागरिक को आतंकियों ने अगवा कर लिया।
एक महीने से नहीं हुआ संपर्क
प्रकाश जोशी की बेटी चित्रा जोशी ने मीडिया को बताया कि घटना के दिन उन्हें पहले सिर्फ पिता के लापता होने की सूचना मिली थी। कुछ घंटे बाद एक स्थानीय सूत्र ने अपहरण की पुष्टि की। इसके बाद कंपनी की ओर से उन्हें आधिकारिक ईमेल मिला, जिसमें अपहरण की जानकारी दी गई। चित्रा ने बताया कि उनके पिता हमेशा परिवार के संपर्क में रहते थे, लेकिन 1 जुलाई के बाद से उनका कोई संदेश नहीं आया है।
सरकारी मदद नहीं मिलने से निराश परिवार
चित्रा जोशी ने बताया कि उन्होंने हर स्तर पर मदद के लिए दरवाजे खटखटाए हैं। उन्होंने विदेश मंत्रालय, दिल्ली स्थित माली एम्बेसी, कंपनी और कई अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन किसी से कोई ठोस जानकारी या मदद नहीं मिली। उन्होंने बताया कि केवल भाजपा सांसद राव राजेन्द्र सिंह ने कुछ मदद की कोशिश की, लेकिन इससे अधिक कुछ नहीं हो सका।
परिवार ने इंटरनेशनल रेडक्रॉस कमेटी, विदेश मंत्रालय और माली के दूतावास को भी जरूरी दस्तावेज सौंपे हैं। लेकिन एक महीने बीतने के बाद भी न तो किसी तरह की फिरौती की मांग की गई है और न ही उनकी रिहाई को लेकर कोई सूचना आई है।
स्वास्थ्य को लेकर गहरी चिंता
प्रकाश जोशी की तबीयत को लेकर परिवार बेहद चिंतित है। उनकी बेटी ने बताया कि वे डायबिटीज के मरीज हैं और सिर्फ शाकाहारी भोजन ही करते हैं। ऐसे में अगर उन्हें समय पर दवा और उचित भोजन नहीं मिला, तो उनकी हालत गंभीर हो सकती है। लंबे समय तक बिना इलाज के रहना उनकी जान के लिए खतरनाक हो सकता है।
दूसरे अगवा भारतीयों के परिवार भी परेशान
इस हमले में अगवा किए गए दो अन्य भारतीय साव्या लिंगेस्वरा राव और जयशंकर माणिक शर्मा के परिवार भी उतने ही परेशान हैं। इन परिवारों ने एकजुट होकर भारत सरकार और विदेश मंत्रालय से अपील की है कि उनके अपनों को सुरक्षित भारत वापस लाया जाए। उनका कहना है कि जब तक भारत सरकार दबाव नहीं बनाएगी, तब तक आतंकियों से बातचीत की प्रक्रिया शुरू नहीं होगी।
सरकार की प्रतिक्रिया अधूरी
2 जुलाई को विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि माली में मौजूद भारतीय मिशन स्थानीय अधिकारियों और कंपनी के प्रतिनिधियों के संपर्क में है। लेकिन इसके बाद से सरकार की ओर से कोई ठोस या ताजा जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई। इस घटना को एक महीना बीत चुका है, और परिजन अब भी अपने परिजनों के बारे में जानकारी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
पत्नी की तबीयत बिगड़ी, पीएम और सीएम से लगाई गुहार
प्रकाश जोशी की पत्नी सुमन जोशी की मानसिक स्थिति बेहद खराब है। अपने पति की सलामती को लेकर चिंता में उनकी तबीयत भी बिगड़ गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और राजस्थान के मुख्यमंत्री से अपील की है कि उनके पति को सुरक्षित वापस लाने के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं।


