शोभना शर्मा। राजस्थान की राजधानी जयपुर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रस्तावित कार्यकारिणी की एक सूची सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। इस लिस्ट में न सिर्फ पदाधिकारियों के नाम थे, बल्कि कुछ स्थानों पर राजस्थान सरकार के मंत्रियों की सिफारिशों का उल्लेख भी किया गया था। यह पहलू कई कार्यकर्ताओं को नागवार गुजरा और पार्टी के अंदर नाराजगी का माहौल बन गया।
विवाद की शुरुआत
जयपुर शहर अध्यक्ष अमित गोयल के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से यह लिस्ट शेयर की गई थी, जिसमें 34 पदाधिकारियों के नाम और पदों का उल्लेख किया गया था। लिस्ट में बधाई संदेश भी जोड़ा गया था, जिससे यह प्रतीत हुआ कि यह अधिकृत घोषणा है। लेकिन कुछ ही घंटों में पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेतृत्व के बीच यह सवाल उठने लगे कि कार्यकारिणी के चयन में क्या योग्यता के बजाय सिफारिशों को प्राथमिकता दी गई है?
सिफारिशों का जिक्र बना विवाद की जड़
वायरल लिस्ट में चौंकाने वाली बात यह थी कि कुछ नामों के आगे मंत्रियों द्वारा की गई सिफारिशों का उल्लेख था। उदाहरण के तौर पर—“XYZ (मंत्री ABC की सिफारिश पर)” जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया, जो सामान्यतः किसी भी राजनीतिक दल की सार्वजनिक सूची में नहीं किया जाता। आमतौर पर पदाधिकारियों की घोषणा में केवल नाम और पद का उल्लेख होता है। यही वजह रही कि सूची सामने आते ही पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष फैल गया। कुछ कार्यकर्ताओं ने पार्टी की भीतरी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए। सोशल मीडिया पर इसको लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं और संगठनात्मक पारदर्शिता पर सवाल उठाए गए।
अमित गोयल की सफाई
विवाद बढ़ता देख जयपुर शहर अध्यक्ष अमित गोयल को सफाई देने के लिए सामने आना पड़ा। उन्होंने इस सूची को ‘कंप्यूटर ऑपरेटर की मानवीय भूल’ करार देते हुए कहा कि, “प्रस्तावित कार्यकारिणी की कॉपी गलती से सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी गई थी। इसे अधिकृत सूची नहीं माना जाए। जल्द ही विधिवत प्रक्रिया के तहत कार्यकारिणी की घोषणा की जाएगी।” हालांकि जब मीडिया ने इस मामले में विस्तार से जानकारी लेने के लिए अमित गोयल से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने आगे बात करने से इनकार कर दिया।
सूची में शामिल प्रमुख नाम
वायरल हुई सूची में कुल 34 पदाधिकारियों के नाम दर्ज थे। इनमें 8 उपाध्यक्ष, 3 महामंत्री, 9 मंत्री, 1 कार्यालय मंत्री, 1 कार्यालय प्रभारी, 6 प्रवक्ता, 1 आईटी संयोजक, 1 आईटी सह संयोजक, 1 सोशल मीडिया संयोजक, 1 सोशल मीडिया सह संयोजक, 1 प्रकोष्ठ संयोजक और 1 मीडिया सह संयोजक शामिल थे।
उपाध्यक्षों में नाम:
ब्रह्माकुमार सोनी, राजेश तांबी, अनुराग शर्मा, अजय यादव, शैलेंद्र शर्मा, महेंद्र सिंह पवार, सुरेंद्र पूर्ववंशी और सुरेश गुर्जर।महामंत्री:
नवरत्न नाराणियाँ, रेखा राठौड़, हिरेन मिश्रा।संगठन मंत्री:
कृष्ण मुरारी पारीक, जीआर मीणा, अंजना सेन, निर्मल शर्मा, दुर्गा कटारिया, प्रिया गेनानानी, रश्मि सैनी, नीलू शर्मा और भवानी शर्मा। इसके अतिरिक्त प्रवक्ता, आईटी संयोजक और सोशल मीडिया टीम के भी नाम दर्ज थे।
कार्यकर्ताओं में नाराजगी
सूची के वायरल होने के बाद पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता खासे नाराज दिखे। उनका कहना था कि यदि पदों का चयन सिफारिश के आधार पर किया जाएगा तो वर्षों से मेहनत करने वाले समर्पित कार्यकर्ताओं का क्या होगा? यह आक्रोश सोशल मीडिया पर भी दिखाई दिया, जहां कार्यकर्ताओं ने संगठन के नियमों की अनदेखी पर सवाल उठाए।