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जामुन की गुठली का चूर्ण: डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मोटापे का इलाज

जामुन की गुठली का चूर्ण: डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मोटापे का इलाज

शोभना शर्मा।  आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में जामुन एक अत्यंत महत्वपूर्ण औषधीय फल माना जाता है। इसकी गुठली यानी बीज, जिसे आमतौर पर फेंक दिया जाता है, असल में अनेक बीमारियों के प्राकृतिक उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। जामुन की गुठली का चूर्ण एक शक्तिशाली औषधि है, जो विशेष रूप से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मोटापा, और शरीर के डिटॉक्स के लिए उपयोग में लाया जाता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि जामुन की गुठली का चूर्ण किन-किन स्वास्थ्य समस्याओं में लाभकारी होता है, इसे किस तरह सेवन किया जाए, और इसके सेवन से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

डायबिटीज में चमत्कारी लाभ

जामुन की गुठली का सबसे अधिक उपयोग मधुमेह (डायबिटीज) के रोगियों के लिए किया जाता है। इस चूर्ण में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर में इंसुलिन के स्राव को नियंत्रित करने में सहायता करते हैं।

  • यह चूर्ण ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में सहायक होता है।

  • प्री-डायबिटिक मरीजों के लिए यह एक प्राकृतिक रोकथाम उपाय साबित हो सकता है।

  • इसमें मौजूद जंबोलिन और जंबोसिन जैसे यौगिक, शुगर के अवशोषण को धीमा करते हैं।

सेवन विधि:
1/2 चम्मच जामुन की गुठली का चूर्ण सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेने की सलाह दी जाती है। हालांकि, मात्रा चिकित्सक के परामर्श के अनुसार निर्धारित होनी चाहिए।

ब्लड प्रेशर नियंत्रण और डिटॉक्स में सहायक

जामुन की गुठली में उपस्थित पॉलीफेनॉल्स और फाइटोकेमिकल्स शरीर की धमनियों को रिलैक्स करने में मदद करते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।

इसके साथ ही, जामुन की गुठली का चूर्ण शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सहायता करता है।

  • यह लिवर को डिटॉक्स करता है।

  • किडनी की सफाई में सहयोगी होता है।

  • पाचन तंत्र को सक्रिय कर कब्ज और गैस की समस्या में राहत देता है।

एंटीऑक्सीडेंट और हार्ट हेल्थ को मजबूत करता है

जामुन की गुठली में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाते हैं।

  • ये हृदय की धमनियों में जमे वसा को साफ करने में मदद करते हैं।

  • लिवर की कोशिकाओं की रक्षा करते हैं।

  • एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण यह चूर्ण सूजन कम करने में भी उपयोगी है।

जिन लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है, उनके लिए भी यह चूर्ण फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को बैलेंस करने में सहायता करता है।

वजन कम करने में सहायक

आज के समय में मोटापा एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन गया है। जामुन की गुठली का चूर्ण वजन कम करने के इच्छुक लोगों के लिए एक प्राकृतिक उपाय है।

  • यह चूर्ण मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर फैट बर्निंग प्रोसेस को तेज करता है।

  • पेट की चर्बी को कम करने में सहायक होता है।

  • भूख को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।

सेवन विधि: खाना खाने से 30 मिनट पहले 1/2 चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है, लेकिन डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है

जामुन की गुठली का चूर्ण पाचन संबंधी समस्याओं जैसे गैस, अपच, पेट दर्द आदि को दूर करता है। इसमें उपस्थित फाइबर तत्व भोजन के पाचन में मदद करते हैं और आंतों की सफाई भी करते हैं।

  • कब्ज की समस्या में राहत देता है।

  • एसिडिटी और जलन को नियंत्रित करता है।

  • लिवर एंजाइम्स को संतुलित करता है।

चूर्ण के सेवन में जरूरी सावधानियां

हालांकि यह चूर्ण प्राकृतिक है, लेकिन इसका गलत या अत्यधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है।

  • डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेकर ही इसका उपयोग करें।

  • पेट दर्द, एसिडिटी, जलन या उल्टी जैसे लक्षण दिखें तो सेवन बंद करें।

  • गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चे इसका सेवन न करें, जब तक चिकित्सक सलाह न दे।

खुराक और समय:
सामान्यतः यह चूर्ण सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले लिया जा सकता है, लेकिन मात्रा शरीर की अवस्था, बीमारी और चिकित्सकीय सलाह पर निर्भर होती है।

चूर्ण बनाने की विधि (अगर घर पर बनाना चाहें)

  1. पके हुए जामुन खाकर गुठलियां अलग कर लें।

  2. उन्हें धोकर छाया में सुखा लें।

  3. पूरी तरह सूखने के बाद गुठलियों को मिक्सर में पीस लें।

  4. बारीक चूर्ण को किसी कांच के जार में संग्रहित करें।

ध्यान दें कि चूर्ण को नमी से दूर रखें और 3 से 6 महीने के अंदर ही उपयोग कर लें।

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