मनीषा शर्मा। राजस्थान सरकार ने प्रदेश भर में जर्जर हालत में पहुंच चुकी 2699 सरकारी इमारतों को चिन्हित कर उन्हें ध्वस्त करने का आदेश जारी कर दिया है। हाल ही में झालावाड़ में एक स्कूल बिल्डिंग और जैसलमेर में हुए हादसों ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए स्वायत्त शासन विभाग ने राज्य में सभी नगरीय निकायों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जर्जर भवनों की पहचान कर उचित कार्रवाई सुनिश्चित करें।
स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव रवि जैन ने इस संबंध में प्रदेश के 224 नगरीय निकायों के प्रमुखों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में संभावित भारी बारिश से पहले सुरक्षा उपायों की समीक्षा की गई। बताया गया कि अब तक कुल 2699 सरकारी इमारतों की पहचान की जा चुकी है जिन्हें खतरनाक स्थिति में माना गया है। इन्हें नियमानुसार सील कर ध्वस्त किया जाएगा।
साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि इन जर्जर भवनों पर स्पष्ट चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं ताकि आमजन को खतरे से अवगत कराया जा सके। शासन सचिव ने सभी आयुक्तों और अधिशाषी अधिकारियों को नियमित निरीक्षण करने और क्षेत्र में स्थित भवनों की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करते रहने का निर्देश दिया है। यह निर्णय जनहानि को रोकने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
बैठक में यह भी कहा गया कि राज्य स्तरीय अभियान के तहत प्रत्येक नगरीय निकाय को भवनों की स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इसके अलावा निर्देश दिए गए कि आपातकालीन स्थिति में राहत कार्यों के लिए पूर्व तैयारी सुनिश्चित की जाए तथा जलभराव वाले क्षेत्रों व नालों की समय पर सफाई की जाए।
रवि जैन ने स्पष्ट किया कि भविष्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि कोई हादसा होता है तो जिम्मेदारी तय कर कठोर कार्रवाई की जाएगी। सभी नगरीय निकायों को निर्देशित किया गया है कि वे जर्जर भवनों की अपडेटेड सूची तैयार कर समय पर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजें।


