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बारिश ने खोली नशा तस्कर की पोल: नागौर में 1.30 करोड़ की ड्रग्स बरामद

बारिश ने खोली नशा तस्कर की पोल: नागौर में 1.30 करोड़ की ड्रग्स बरामद

शोभना शर्मा।  राजस्थान के नागौर जिले में मंगलवार रात एक ऐसा घटनाक्रम सामने आया, जिसने नशा तस्करी के नेटवर्क को उजागर कर दिया। तेज बारिश और कीचड़ ने एक लंबे समय से फरार नशा तस्कर की किस्मत को बदल दिया। थांवला थाना पुलिस ने इस कार्रवाई में 1 करोड़ 30 लाख रुपये से अधिक मूल्य की मादक पदार्थों की बड़ी खेप जब्त की है और एक कुख्यात तस्कर को गिरफ्तार किया है।

बारिश बनी ड्रग्स तस्करी की दुश्मन

घटना मंगलवार देर रात की है। आरोपी कुशाल गुर्जर, जो मादक पदार्थों से भरी पिकअप गाड़ी लेकर नागौर के नेशनल हाईवे-58 से गुजर रहा था, भारी बारिश के कारण गुढ़ा जोधा गांव के पास कीचड़ में फंस गया। गाड़ी से बाहर निकलकर आरोपी भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों ने उसे संदिग्ध मानकर पकड़ लिया। गांववालों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, और घटनास्थल पर गश्त कर रही थांवला थाना पुलिस मौके पर पहुंची। जैसे ही पुलिस ने जांच शुरू की, मामला बड़ा निकला।

पुलिस को मिली भारी मात्रा में मादक पदार्थ

पुलिस ने जब पिकअप वाहन की तलाशी ली तो उसमें से जो मिला, वह चौंकाने वाला था:

  • 7 क्विंटल 44 किलो डोडा पोस्त चूरा

  • 3 किलो 930 ग्राम अफीम

  • 12 बोर का देसी कट्टा और 5 जिंदा कारतूस

साथ ही तस्करी में प्रयुक्त वाहन को भी पुलिस ने सीज कर लिया है। यह पूरी खेप 1 करोड़ 30 लाख रुपए से अधिक मूल्य की आंकी गई है, जो राज्य में इस वर्ष की सबसे बड़ी बरामदगियों में से एक मानी जा रही है।

कुशाल गुर्जर: एक कुख्यात और फरार अपराधी

पुलिस जांच में सामने आया कि गिरफ्तार आरोपी कुशाल गुर्जर (उम्र 24) लंबे समय से मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त है। थानाधिकारी विमला चौधरी के अनुसार, कुशाल के खिलाफ पूर्व में भी एनडीपीएस एक्ट के तहत कुचेरा, मेड़ता रोड, डेगाना और चित्तौड़गढ़ थानों में कई प्रकरण दर्ज हैं। वह पुलिस को लंबे समय से चकमा दे रहा था और फरार चल रहा था। इस बार किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया। बारिश और कीचड़ ने न केवल उसके भागने की राह रोकी, बल्कि उसका वर्षों पुराना नशा नेटवर्क भी उजागर कर दिया।

स्थानीय ग्रामीणों की सजगता बनी मिसाल

इस पूरी कार्रवाई में गांववासियों की जागरूकता और साहसपूर्ण भूमिका की भी सराहना की जा रही है। अगर ग्रामीण आरोपी को पकड़कर पुलिस को सूचना नहीं देते, तो संभव था कि यह खेप अपने गंतव्य तक पहुंच जाती और पुलिस को फिर लंबे समय तक केवल सुरागों के सहारे ही काम करना पड़ता।

पुलिस की सतर्कता और गश्त प्रणाली की जीत

पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने इस सफलता को टीमवर्क और नियमित गश्त प्रणाली का परिणाम बताया है। बारिश के दौरान पुलिस टीमों की सक्रियता यह दर्शाती है कि राजस्थान पुलिस किसी भी परिस्थिति में अपराधियों को पकड़ने में सक्षम है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह नशा कहां भेजा जाना था और इसके पीछे और कौन लोग शामिल हैं।

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