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राजस्थान के स्कूलों में मौसम के अनुसार मिड-डे मील में बड़ा बदलाव

राजस्थान के स्कूलों में मौसम के अनुसार मिड-डे मील में बड़ा बदलाव

शोभना शर्मा।  राजस्थान सरकार ने स्कूलों में संचालित मिड-डे मील योजना को लेकर एक बड़ा और नवाचार भरा निर्णय लिया है। अब यह योजना सिर्फ भोजन की एक तय थाली तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि बच्चों को उनके स्वास्थ्य, मौसम और पोषण ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए नई सोच के साथ भोजन दिया जाएगा।

राज्य सरकार द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्रशासन को इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत सप्ताह के अलग-अलग दिनों में बच्चों को दूध, बिस्किट, अंडा, मौसमी फल, केक और अन्य पौष्टिक वस्तुएं दी जाएंगी।

मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना को दोबारा प्रभावी रूप से लागू किया गया

इस बदलाव के केंद्र में मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना को फिर से सक्रिय करना है। यह योजना कक्षा 1 से 8 तक के सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए है।

  • इस योजना के तहत बच्चों को सप्ताह में दो दिन गर्म दूध, बिस्किट और अंडा उपलब्ध कराया जाएगा।

  • अंडा न खाने वाले छात्रों को विकल्प स्वरूप केला या अन्य पोषक विकल्प दिए जाएंगे।

  • योजना को प्रभावी बनाने के लिए स्कूलवार मॉनिटरिंग और फील्ड निरीक्षण भी सुनिश्चित किया गया है।

सरकार का मानना है कि इस योजना से बच्चों के पोषण स्तर में सुधार आएगा और उनके शारीरिक विकास को गति मिलेगी।

मौसम के अनुसार बदला जाएगा मेन्यू

शिक्षा विभाग ने इस बार एक महत्वपूर्ण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाया है। स्थानीय जलवायु और मौसम के अनुसार भोजन तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

  • गर्मियों में बच्चों को अधिक तरल और ठंडी प्रकृति वाले खाद्य पदार्थ दिए जाएंगे, जैसे – केला, दूध, मौसमी फल आदि।

  • सर्दियों में ऊर्जा देने वाले और गर्म प्रकृति वाले खाद्य पदार्थ जैसे – अंडा, घी, गुड़ आदि शामिल किए जाएंगे।

  • हर जिले को अपनी भौगोलिक और जलवायु परिस्थिति के अनुसार भोजन सूची निर्धारित करने की छूट दी गई है।

इस पहल से बच्चों को मौसम के अनुसार संतुलित आहार मिलेगा, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होगी।

गुणवत्ता और स्वाद का भी रखा जाएगा ध्यान

राज्य सरकार ने इस योजना की गुणवत्ता और नियमितता पर विशेष जोर दिया है। इसके अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भोजन:

  • स्वादिष्ट,

  • ताज़ा,

  • स्वच्छ रूप से तैयार किया गया, और

  • प्रोटीन और विटामिन से भरपूर हो।

मिड डे मील में अब फोर्टिफाइड दूध, पैकेज्ड केक, और मौसमी फल भी परोसे जाएंगे, जिससे भोजन और अधिक संतुलित व आकर्षक बनेगा।

स्कूल उपस्थिति में वृद्धि की उम्मीद

सरकार का मानना है कि इस नए बदलाव से बच्चों की स्कूल में उपस्थिति बढ़ेगी।

  • मिड-डे मील बच्चों के लिए स्कूल आने का एक मजबूत आकर्षण बनता है, और जब भोजन स्वास्थ्यप्रद और स्वादिष्ट होगा, तो छात्र स्कूल से जुड़ाव महसूस करेंगे।

  • इससे बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार और ड्रॉपआउट दर में कमी आने की संभावना है।

  • खासकर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में यह योजना सामाजिक और शैक्षणिक परिवर्तन का माध्यम बन सकती है।

शिक्षा और पोषण का एक साथ समन्वय

राजस्थान सरकार की इस योजना को शिक्षा और स्वास्थ्य के एक समन्वित दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है।

  • भोजन अब केवल पेट भरने का माध्यम नहीं, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास का आधार बनेगा।

  • योजना में पोषण विशेषज्ञों, स्कूली अधिकारियों और शिक्षा नीति निर्माताओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।

  • आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य विभाग के साथ भी समन्वय किया जा रहा है ताकि समेकित पोषण मानक लागू किए जा सकें।

आगे की योजना और निगरानी प्रणाली

राज्य सरकार ने इस योजना को सतत रूप से प्रभावी बनाए रखने के लिए सख्त निगरानी व्यवस्था भी लागू की है।

  • स्कूलों में हर सप्ताह भोजन की जांच रिपोर्ट जमा कराई जाएगी।

  • फील्ड अफसर और शिक्षा अधिकारियों की टीम निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करेगी।

  • छात्रों और अभिभावकों से भी फीडबैक लेने की व्यवस्था बनाई जा रही है ताकि आवश्यकता अनुसार संशोधन किया जा सके।

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