शोभना शर्मा। राजस्थान कांग्रेस में संगठनात्मक फेरबदल की अटकलें तेज़ हो गई हैं। पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के दिल्ली स्थित निवास पर शुक्रवार को एक अहम बैठक हुई, जिसमें संगठन की वर्तमान स्थिति, जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों की कार्यक्षमता और 2028 विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर गहन मंथन किया गया।
बैठक में राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली समेत संगठन के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। यह बैठक पहले इंदिरा भवन में प्रस्तावित थी, लेकिन बाद में इसे प्रभारी रंधावा के आवास पर स्थानांतरित कर दिया गया।
ब्लॉक व जिलाध्यक्षों की रिपोर्ट बनी समीक्षा का केंद्र
इस समीक्षा बैठक का मुख्य फोकस जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों की कार्यप्रणाली पर रहा। सूत्रों के अनुसार, बैठक में संगठन की जमीनी हकीकत की रिपोर्ट सामने रखी गई, जिसमें कई पदाधिकारियों की निष्क्रियता उजागर हुई है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) की ओर से पहले ही कुछ ब्लॉक अध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा चुके हैं। माना जा रहा है कि रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही कुछ पदाधिकारियों को संगठन से हटाया जा सकता है या उनकी जगह नए सक्रिय कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी।
हाईकमान की सख्ती, 2028 की तैयारियों का आगाज़
कांग्रेस हाईकमान का संदेश स्पष्ट है कि 2028 के विधानसभा चुनावों की तैयारी अब ‘फील्ड लेवल’ से शुरू होनी चाहिए। संगठन में यदि कोई कड़ी कमजोर है, तो उसे या तो दुरुस्त किया जाएगा या प्रतिस्थापित किया जाएगा।
रंधावा की ओर से यह संदेश भी दिया गया कि पार्टी अब निष्क्रियता को बर्दाश्त नहीं करेगी। ज़मीनी स्तर पर जो पदाधिकारी संगठन को गति देने में असमर्थ हैं, उनके स्थान पर नए चेहरों को लाने का प्रयास किया जाएगा।
जमीनी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की योजना
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि किस तरह जमीनी कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय किया जाए। संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने, कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने, और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक रणनीति बनाई जा रही है।
विशेष तौर पर यह भी चर्चा हुई कि जिला स्तर पर नियुक्तियों में देरी और ब्लॉक इकाइयों की निष्क्रियता से संगठन की पकड़ कमजोर हुई है। आगामी समय में इन इकाइयों को दुरुस्त करने की योजना पर भी कार्य किया जाएगा।
समन्वयक मंडल गठन पर भी हुई चर्चा
बैठक में नए समन्वयक मंडल के गठन को लेकर भी चर्चा की गई। यह मंडल प्रदेश में संगठनात्मक समन्वय और रणनीतिक कार्यों की जिम्मेदारी संभालेगा। इसके तहत कुछ अनुभवी और क्षेत्रीय पकड़ रखने वाले नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जिससे बूथ स्तर तक संगठन की पकड़ मजबूत हो सके।
राजनीतिक संकेत और संभावनाएं
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह बैठक राजस्थान कांग्रेस में आगामी बड़े बदलावों की भूमिका तय कर सकती है। पार्टी अब निष्क्रियता और गुटबाज़ी से ऊपर उठकर चुनावी तैयारी को प्राथमिकता देना चाहती है।
कई नेताओं की छुट्टी तय मानी जा रही है, जबकि कई नए चेहरे संगठन में प्रवेश कर सकते हैं। यह बैठक आलाकमान को सौंपी जाने वाली रिपोर्ट के लिए आखिरी समीक्षा के तौर पर देखी जा रही है।
क्या होगा अगला कदम?
अब जब यह रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को सौंपी जाएगी, तब उसके आधार पर बदलावों की प्रक्रिया शुरू होगी। संभावना है कि जुलाई के पहले सप्ताह में संगठन स्तर पर कई बदलावों की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है।