शोभना शर्मा । राजस्थान में इस साल होने वाली कांवड़ यात्रा 2025 से पहले सरकार और प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने जयपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए साफ कहा कि कुछ असामाजिक तत्व कांवड़ यात्रा के दौरान राज्य का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन सरकार ने ऐसे लोगों को चिन्हित कर लिया है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से साफ निर्देश हैं कि राज्य में धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होनी चाहिए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कांवड़ यात्रियों को संपूर्ण सुरक्षा और सुविधाएं दी जाएंगी ताकि वे अपनी धार्मिक यात्रा निश्चिंत होकर पूरी कर सकें।
11 जुलाई से शुरू होगी कांवड़ यात्रा
राजस्थान सहित देशभर में कांवड़ यात्रा हर साल सावन मास में होती है, जिसमें लाखों श्रद्धालु गंगाजल लाकर भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। इस बार यात्रा 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर लगभग 30 दिनों तक चलेगी। यात्रा के दौरान श्रद्धालु हरिद्वार, ऋषिकेश, सुल्तानगंज, गोमुख जैसे तीर्थस्थलों से जल भरकर पैदल ही शिवालयों तक जाते हैं।
राज्य मंत्री ने बताया कि प्रशासन हर जिले में स्थानीय पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, नगर निकायों के साथ मिलकर व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। टेंट, आवास, स्वच्छ पेयजल, भोजन और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जा रही है।
असामाजिक तत्वों पर सरकार की नजर
जवाहर सिंह बेढम ने दो टूक कहा कि कुछ लोग जानबूझकर इस शांतिपूर्ण धार्मिक आयोजन में बाधा डालने का प्रयास कर सकते हैं, लेकिन सरकार उनकी पहचान कर चुकी है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि कांवड़ यात्रा जैसे आयोजनों के माध्यम से समाज में सद्भाव और भक्ति की भावना फैलती है, लेकिन कुछ तत्व इस शांति को भंग करना चाहते हैं। ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा और किसी भी सूरत में कानून व्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा।
कांग्रेस पर हमला, भाजपा राज में बहाल हुआ कानून
गृह राज्य मंत्री ने इस अवसर पर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में राजस्थान में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब थी।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस के समय जंगलराज जैसी स्थिति थी। अपराधियों के हौसले बुलंद थे। लेकिन भाजपा सरकार के आने के बाद प्रदेश में शांति और सुरक्षा का माहौल बना है।” उन्होंने आगे कहा कि आज महिलाएं सुरक्षित महसूस कर रही हैं, अपराध दर में कमी आई है और मादक पदार्थों की तस्करी पर भी नियंत्रण लगाया गया है।
कांवड़ यात्रा का इतिहास और स्वरूप
कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि यह हिंदू आस्था का जीवंत प्रतीक है। इसकी शुरुआत का श्रेय भगवान शिव के परम भक्त परशुराम को दिया जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने सबसे पहले इस परंपरा की नींव रखी थी।
कांवड़ यात्रा के चार स्वरूप होते हैं:
सामान्य कांवड़ यात्रा – पैदल यात्रा के माध्यम से शिवलिंग पर जल चढ़ाना।
खड़ी कांवड़ यात्रा – जल से भरी कांवड़ को बीच में कहीं रखे बिना सीधे मंदिर तक पहुंचाना।
डाक कांवड़ यात्रा – दौड़ते हुए कांवड़ ले जाने की प्रक्रिया।
दांडी कांवड़ यात्रा – कांवड़ को कंधे पर उठाकर यात्रा करना।
श्रद्धालु नंगे पैर कई सौ किलोमीटर की दूरी तय करते हैं और मान्यता है कि इससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
सावन शिवरात्रि 23 जुलाई को
कांवड़ यात्रा की महत्वपूर्ण तिथि सावन शिवरात्रि इस बार 23 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान शिव के पूजन का सबसे शुभ दिन माना जाता है। इस दिन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि प्रात: 4:39 बजे से प्रारंभ होकर 24 जुलाई को रात्रि 2:28 बजे समाप्त होगी।
श्रद्धालु इस दिन विशेष रूप से शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और बेलपत्र से अभिषेक करते हैं और भगवान शिव से अपने परिवार के सुख और कल्याण की कामना करते हैं।