शोभना शर्मा। बरसात का मौसम हरियाली, ठंडक और सुकून लेकर आता है, लेकिन यह मौसम पौधों के लिए कुछ मुश्किलें भी साथ लाता है। अगर आप गार्डनिंग के शौकीन हैं तो मानसून के मौसम में पौधों की देखभाल को हल्के में नहीं लेना चाहिए। अत्यधिक नमी, लगातार बारिश, कीड़ों का प्रकोप और फंगस जैसे जोखिम इस मौसम में पौधों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
मानसून में जहां एक तरफ वातावरण में नमी बढ़ जाती है, वहीं दूसरी ओर यह स्थिति पौधों की जड़ों और पत्तों के लिए खतरनाक भी हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप गमले, मिट्टी, खाद, कटिंग और कीट नियंत्रण जैसे हर पहलू पर खास ध्यान दें। नीचे हम आपको बरसात के मौसम में पौधों की बेहतर देखभाल के लिए कुछ जरूरी और असरदार सुझाव दे रहे हैं:
1. अधिक पानी से बचाएं पौधे
मानसून में सामान्यतः मिट्टी में पहले से ही पर्याप्त नमी होती है। यदि आप पौधों को रोज़ाना पानी देते हैं तो यह उनकी जड़ों के सड़ने का कारण बन सकता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि आप मिट्टी की सतह को चेक करें और तभी पानी दें जब वह सूखी लगे।
गमले में पानी जमा होने से पौधों की जड़ें सड़ने लगती हैं और पौधा मुरझा सकता है। इस स्थिति से बचने के लिए यह सुनिश्चित करें कि गमलों में उचित ड्रेनेज हो। यदि गमले में पानी भर जाए, तो उसे तुरंत बाहर निकालें।
2. गमलों को शेड में शिफ्ट करें
लगातार बारिश से पौधे न सिर्फ अधिक भीगते हैं, बल्कि तेज हवा और ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक स्थितियों में क्षतिग्रस्त भी हो सकते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि गमलों को खुले स्थान से हटाकर शेड या बरामदे में रख दिया जाए। इससे उन्हें अत्यधिक वर्षा जल से भी सुरक्षा मिलेगी और पत्तों पर कीचड़ या धूल भी नहीं जमेगी।
जिन पौधों को आप बाहर न रख सकें, उन्हें प्लास्टिक या टीन की छत से ढक सकते हैं ताकि जरूरत से ज्यादा पानी न पहुंचे।
3. सही खाद का करें प्रयोग
बरसात में मिट्टी की उर्वरता में बदलाव आ सकता है। अत्यधिक पानी के चलते मिट्टी के पोषक तत्व बह जाते हैं, जिससे पौधे कमजोर हो सकते हैं। इस स्थिति में खाद देना बहुत जरूरी हो जाता है।
आप गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट या पत्तों की खाद (लीफ मोल्ड) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे मिट्टी की गुणवत्ता बेहतर होगी और पौधों को जरूरी पोषण भी मिलेगा। खासकर जड़ के आसपास हल्की खाद मिलाने से जड़ों को मजबूती मिलती है।
4. कटिंग और सफाई पर दें विशेष ध्यान
मानसून के मौसम में पौधों की ग्रोथ सामान्य से ज्यादा तेज होती है। इसलिए इस समय सूखी पत्तियों और डाली की कटिंग करना आवश्यक होता है। इससे पौधे का आकार संतुलित रहता है और नया विकास बेहतर तरीके से होता है।
आप मुरझाई हुई पत्तियों को नियमित अंतराल पर हटाते रहें ताकि फंगस और कीड़े न पनपें। अतिरिक्त टहनियों की छंटाई कर देने से पौधों को हवा और रोशनी अधिक मिलती है, जिससे वे स्वस्थ रहते हैं।
5. कीट और फंगल संक्रमण से सुरक्षा
बारिश के मौसम में नमी के कारण फंगल इंफेक्शन और कीटों का खतरा बढ़ जाता है। पौधों की पत्तियों पर सफेद या काले धब्बे, चिपचिपे पत्ते या नीचे झुकी हुई शाखाएं इन संक्रमणों के संकेत हो सकते हैं।
नीम का तेल इस मामले में बेहद कारगर उपाय है। इसे आप पानी में मिलाकर छिड़क सकते हैं। इसके अलावा, एलोवेरा जेल या बेकिंग सोडा स्प्रे का उपयोग भी किया जा सकता है। याद रखें कि इन घरेलू उपायों का उपयोग सप्ताह में एक बार करें और परिणाम देखें।
6. सही मिट्टी का चयन
मानसून के समय मिट्टी का सही प्रकार पौधे की ग्रोथ में अहम भूमिका निभाता है। बहुत भारी मिट्टी पानी को रोकती है और बहुत हल्की मिट्टी पानी को तुरंत बहा देती है। ऐसे में अच्छी क्वालिटी की लोम मिट्टी (Loamy Soil) का प्रयोग करें, जिसमें उचित मात्रा में बालू और खाद मिली हो।
अगर आप खुद से मिट्टी तैयार करते हैं तो उसमें 50% मिट्टी, 30% गोबर खाद और 20% बालू का मिश्रण बनाएं। यह मिश्रण पानी को रोकेगा भी नहीं और पौधे की जड़ों को पोषण भी देगा।
7. मॉनसून स्पेशल पौधे लगाएं
इस मौसम में कुछ पौधे ऐसे होते हैं जो विशेष रूप से मानसून में पनपते हैं। आप चाहें तो तुलसी, पुदीना, लेमन ग्रास, अदरक, एलोवेरा, शेफ्लेरा, स्नेक प्लांट, पोथोस जैसे पौधे लगा सकते हैं। ये पौधे न केवल बरसात सहन करने में सक्षम होते हैं, बल्कि वातावरण को भी शुद्ध करते हैं।
मानसून का मौसम गार्डनिंग प्रेमियों के लिए नई उम्मीदें और संभावनाएं लेकर आता है, लेकिन इसके साथ-साथ पौधों के लिए कई चुनौतियां भी होती हैं। बरसात में पौधों की देखभाल यदि सही ढंग से की जाए, तो यह मौसम उनके लिए विकास और मजबूती का समय बन सकता है।
सही मात्रा में पानी देना, गमलों को सही जगह रखना, समय पर खाद और कटिंग करना तथा कीटों से बचाव करना – ये सभी उपाय आपके गार्डन को हरा-भरा बनाए रखने में मदद करेंगे।