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राजस्थान के EO फतेह सिंह मीणा पर करोड़ों की बेनामी संपत्ति का आरोप

राजस्थान के EO फतेह सिंह मीणा पर करोड़ों की बेनामी संपत्ति का आरोप

शोभना शर्मा। राजस्थान के नगर पालिका प्रागपुरा-पावटा के अधिशासी अधिकारी (ईओ) फतेह सिंह मीणा पर आय से 273 प्रतिशत अधिक संपत्ति रखने का गंभीर आरोप सामने आया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मीणा के खिलाफ ऑपरेशन ‘मनी मीटिंग’ चलाते हुए आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है। हैरान करने वाली बात यह रही कि करोड़ों की बेनामी संपत्तियों के बावजूद फतेह सिंह मीणा खुद किराए के मकान में रह रहे हैं। एसीबी की कार्रवाई फिलहाल जारी है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

ACB के डीएसपी रविंद्र सिंह शेखावत ने जानकारी दी कि ईओ फतेह सिंह मीणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का परिवाद दर्ज किया गया था। इसी शिकायत के आधार पर पावटा में स्थित उनके किराए के मकान में छापेमारी की गई। वहां से महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डाटा जब्त किया गया है। इस कार्रवाई में सामने आया कि मीणा ने अपने नाम पर और करीबी लोगों के जरिए भारी संपत्ति अर्जित की है, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से कई गुना अधिक है।

फतेह सिंह मीणा वर्तमान में पावटा-प्रागपुरा नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी हैं और विराटनगर नगरपालिका का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे हैं। वह पहले दिल्ली पुलिस में कार्यरत थे, लेकिन बाद में उन्होंने राजस्थान प्रशासनिक सेवा में ईओ के रूप में प्रवेश लिया। वे पहले कोटपूतली, जैसलमेर, सवाई माधोपुर समेत कई नगर पालिकाओं में पदस्थापित रह चुके हैं। जैसलमेर में एक पेट्रोल पंप के नक्शे की मंजूरी के एवज में 20 लाख रुपये की मांग की शिकायत पर उन्हें एपीओ कर दिया गया था। इसके अलावा, कोटपूतली में कोरोना काल में एक युवक पर लाठीचार्ज के मामले में भी विवाद हुआ था। शाहपुरा में स्टेट ग्रांट पट्टों और कोटपूतली में सड़क चौड़ीकरण से जुड़े मामले भी अभी अदालतों में लंबित हैं।

एसीबी जांच में सामने आया है कि फतेह सिंह मीणा ने जयपुर के जगतपुरा इलाके में ‘त्रिमूर्ति एरेना’ नामक अपार्टमेंट में दो लग्जरी फ्लैट खरीदे, जिनकी कीमत करीब 1 करोड़ 30 लाख रुपये बताई जा रही है। इसके अलावा, नीमकाथाना में 1.05 हेक्टेयर कृषि भूमि, अलवर के रघुनाथसर में करीब 15 बीघा जमीन और जयपुर में 80 लाख रुपये का फार्म हाउस डेवलप कर बेनामी निवेश करने के प्रमाण भी मिले हैं। प्रारंभिक जांच के अनुसार, इन सभी संपत्तियों की कुल कीमत उनकी ज्ञात आय से करीब 273 प्रतिशत अधिक है।

फतेह सिंह मीणा से पूछताछ जारी है और उनके द्वारा अर्जित सभी संपत्तियों की जानकारी जुटाई जा रही है। छापेमारी के दौरान एसीबी ने जयपुर, अलवर, कोटपूतली, शाहपुरा और पावटा के विभिन्न ठिकानों पर दबिश दी। इनमें मीणा के फार्म हाउस, करीबी सहयोगियों के निवास स्थान और आधिकारिक कार्यालय शामिल हैं। ACB को शक है कि फतेह सिंह मीणा ने अपने नाम पर संपत्ति दर्ज कराने की बजाय अपने नजदीकी लोगों के नाम का उपयोग किया, ताकि जांच से बचा जा सके।

संदिग्ध ठिकानों में जयपुर के त्रिमूर्ति एरेना अपार्टमेंट में फ्लैट नंबर ई-503 और 504, अलवर के थानागाजी स्थित फार्म हाउस (खसरा नंबर 95, 97, 98, 100, 103), भृतहरी तिराया (इण्डोक गांव), शाहपुरा और कोटपूतली में उनके रिश्तेदारों के पते शामिल हैं। पावटा में उनका किराए का मकान अमृत पब्लिक स्कूल के पास, डॉ. अजय दायमा के मकान के पीछे स्थित है, जहां से अहम दस्तावेज बरामद हुए।

इस छापेमारी के बाद राजस्थान में एक बार फिर भ्रष्टाचार और सरकारी पद के दुरुपयोग का मुद्दा गर्मा गया है। यह सवाल उठ रहा है कि एक प्रशासनिक अधिकारी, जो सरकारी वेतन पर कार्यरत है, वह इतनी भारी संपत्ति कैसे अर्जित कर सकता है। एसीबी का कहना है कि यह केवल शुरुआती जांच का हिस्सा है, और भविष्य में कई अन्य नाम भी सामने आ सकते हैं।

फिलहाल एसीबी की टीम दस्तावेजों की सत्यता की जांच कर रही है, और आरोपी अधिकारी से लगातार पूछताछ की जा रही है। उनके मोबाइल डिवाइसेज और बैंक खातों की फॉरेंसिक जांच की जाएगी ताकि पैसों के लेनदेन और निवेश की पूरी जानकारी मिल सके। एसीबी इस बात की भी जांच कर रही है कि इन संपत्तियों की खरीद में किन-किन व्यक्तियों और बिल्डरों की भूमिका रही।

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