शोभना शर्मा । राजस्थान में अगले स्थायी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति को लेकर अहम प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। मंगलवार को दिल्ली में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की चयन समिति की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें राजस्थान से भेजे गए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नामों पर विचार कर तीन नामों का पैनल तैयार किया जाएगा। यह पैनल राज्य सरकार को भेजा जाएगा और अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा लिया जाएगा।
राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग ने डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए 7 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजे हैं। इनमें से चयन समिति तीन उपयुक्त नामों को चयनित कर राज्य सरकार को सुझाव स्वरूप देगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इनमें से किसी एक अधिकारी को राजस्थान का स्थायी डीजीपी नियुक्त करेंगे। वर्तमान में कार्यवाहक डीजीपी का कार्यभार संभाल रहे आईपीएस अधिकारी रवि प्रकाश मेहरड़ा 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिसके पहले नए डीजीपी की नियुक्ति की जानी है।
राजीव कुमार शर्मा का नाम सबसे आगे
इस दौड़ में सबसे प्रमुख नाम 1990 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार शर्मा का है। वे वर्तमान में केंद्र में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D) के महानिदेशक पद पर प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। राजस्थान कैडर के सबसे वरिष्ठ अधिकारी माने जाने वाले शर्मा राज्य में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के प्रमुख के तौर पर भी कार्य कर चुके हैं। प्रशासनिक अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर उन्हें डीजीपी पद का मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
अन्य प्रमुख दावेदार
1992 बैच के आईपीएस अधिकारी संजय अग्रवाल भी डीजीपी की रेस में हैं। वे वर्तमान में राजस्थान राज्य खुफिया ब्यूरो (SIB) के महानिदेशक के पद पर कार्यरत हैं। अग्रवाल की छवि एक कुशल और अनुशासित अधिकारी की रही है।
राजेश निरवान, जो कि नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) में महानिदेशक हैं, भी इसी बैच के अधिकारी हैं और संभावित नामों में शामिल हैं। वे राजीव कुमार शर्मा से दो वर्ष जूनियर हैं, लेकिन सेवा अनुभव और दक्षता के आधार पर वे भी इस पद के योग्य माने जा रहे हैं।
अन्य संभावित नाम
पैनल में जिन अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के नाम चर्चा में हैं, उनमें आईपीएस राजेश आर्य, अनिल पालीवाल और आनंद श्रीवास्तव शामिल हैं। ये सभी अधिकारी लंबे समय से राज्य और केंद्र में विभिन्न महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभाते आ रहे हैं और डीजीपी पद के लिए उपयुक्त माने जा रहे हैं।
वर्तमान स्थिति और प्रक्रिया
राजस्थान में कार्यवाहक डीजीपी का दायित्व फिलहाल 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी रवि प्रकाश मेहरड़ा निभा रहे हैं। उन्हें यू.आर. साहू के आरपीएससी अध्यक्ष बनने के बाद यह जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन वे 30 जून को रिटायर हो रहे हैं, ऐसे में सरकार 1 जुलाई से पहले नए स्थायी डीजीपी की नियुक्ति सुनिश्चित करना चाहती है।
इसलिए कार्मिक विभाग द्वारा समय रहते 7 अधिकारियों की सूची यूपीएससी को भेज दी गई थी। अब यूपीएससी चयन समिति की बैठक में तीन नामों की सूची तैयार की जाएगी। इसके बाद राज्य सरकार इनमें से किसी एक नाम को अंतिम रूप देगी और अधिसूचना जारी की जाएगी।
महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी चयन समिति
यूपीएससी की चयन समिति में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, गृह मंत्रालय और पुलिस सेवा से जुड़े विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह समिति सभी उम्मीदवारों की वरिष्ठता, सेवा रिकॉर्ड, आचरण, और प्रशासनिक अनुभव के आधार पर निर्णय लेगी। पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर डीजीपी पद के लिए उपयुक्त अधिकारी का चयन सुनिश्चित किया जाएगा।
राजस्थान पुलिस प्रमुख का पद राज्य की कानून-व्यवस्था, पुलिस प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। ऐसे में यह नियुक्ति केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।