देशब्लॉग्सराजस्थानहेल्थ

दांतों की कैविटी का घरेलू इलाज: पुराने नुस्खे जो आज भी कारगर हैं

दांतों की कैविटी का घरेलू इलाज: पुराने नुस्खे जो आज भी कारगर हैं

शोभना शर्मा। दांतों की कैविटी आज के समय में एक आम लेकिन बेहद परेशान करने वाली समस्या बन चुकी है। यह केवल खाने-पीने की चीजों का मज़ा खराब नहीं करती, बल्कि दांतों में सड़न और तेज दर्द का कारण भी बनती है।

गलत खानपान, अधिक चीनी का सेवन, और ओरल हाइजीन की अनदेखी इस समस्या के मुख्य कारण हैं। हालांकि डेंटल ट्रीटमेंट आज उपलब्ध हैं, लेकिन हमारे पूर्वजों के पुराने घरेलू उपाय आज भी कैविटी से राहत दिलाने में उतने ही प्रभावशाली हैं।

इस लेख में हम आपको बताएंगे दांतों की कैविटी से छुटकारा दिलाने वाले 5 सबसे पुराने और असरदार घरेलू उपाय, जिन्हें अपनाकर आप बिना किसी साइड इफेक्ट के दांतों को स्वस्थ रख सकते हैं।

1. लौंग का तेल और पेस्ट

लौंग सदियों से आयुर्वेद में दांतों की देखभाल के लिए इस्तेमाल की जाती रही है। इसमें मौजूद यूजेनॉल (Eugenol) नामक तत्व में एंटी-बैक्टीरियल और दर्दनिवारक गुण होते हैं।

  • एक लौंग को चबाना या कैविटी वाली जगह पर लौंग का तेल लगाना बेहद फायदेमंद होता है।

  • या फिर 2-3 लौंग को पीसकर, उसमें जैतून का तेल मिलाएं और पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं।

यह उपाय कैविटी के कारण होने वाले दर्द को तुरंत राहत देता है और बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है।

2. हल्दी और सरसों के तेल का मिश्रण

हल्दी में एंटी-सेप्टिक और सूजन कम करने वाले गुण होते हैं जबकि सरसों का तेल दांतों और मसूड़ों को मज़बूती प्रदान करता है।

  • आधा चम्मच हल्दी में कुछ बूंदें सरसों का तेल और चुटकी भर नमक मिलाएं।

  • इस पेस्ट को दांतों और मसूड़ों पर हल्के हाथ से मसाज करें।

  • 5-10 मिनट के बाद कुल्ला कर लें।

यह मिश्रण कैविटी को रोकने, दर्द कम करने और मसूड़ों को स्वस्थ रखने में सहायक है।

3. नमक के पानी से कुल्ला

नमक का पानी एक प्राकृतिक कीटाणुनाशक है जो मुंह में मौजूद बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है।

  • एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं।

  • दिन में 2-3 बार इससे कुल्ला करें।

यह उपाय खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें कैविटी के साथ-साथ मसूड़ों में सूजन या दर्द की समस्या भी है।

4. नीम की दातुन

नीम में प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं। यह न केवल कैविटी से बचाता है, बल्कि संपूर्ण ओरल हाइजीन को बेहतर करता है।

  • नीम की एक ताजी टहनी लें और उसके सिरे को चबाकर ब्रश जैसा बना लें।

  • इससे धीरे-धीरे दांतों पर ब्रश करें।

यह नुस्खा ग्रामीण भारत में आज भी इस्तेमाल किया जाता है और इसका प्रभाव चिकित्सकीय रूप से भी प्रमाणित है।

5. लहसुन का पेस्ट

लहसुन में मौजूद एलिसिन (Allicin) एंटी-बैक्टीरियल और दर्दनिवारक होता है, जो मुंह के बैक्टीरिया को खत्म करता है।

  • एक लहसुन की कली को पीस लें।

  • इसमें थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाएं और प्रभावित जगह पर लगाएं।

  • कुछ मिनट बाद कुल्ला कर लें।

यह उपाय संक्रमण को रोकने और दांतों में कीड़े को नियंत्रित करने में मदद करता है।

कैविटी से बचाव के लिए सुझाव

  • दिन में दो बार ब्रश करें और रोजाना फ्लॉस करें।

  • अधिक मीठा, चिपचिपा और अम्लीय भोजन कम करें।

  • साल में दो बार डेंटिस्ट से जांच कराएं।

  • खाने के बाद कुल्ला करना न भूलें।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading