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RAS मुख्य परीक्षा 2024 पर हाईकोर्ट ने जल्द सुनवाई से किया इनकार

RAS मुख्य परीक्षा 2024 पर हाईकोर्ट ने जल्द सुनवाई से किया इनकार

शोभना शर्मा। राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) मुख्य परीक्षा 2024 को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर अभ्यर्थियों को कोई राहत नहीं मिल सकी। सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि परीक्षा से ठीक एक दिन पहले याचिका दाखिल कर त्वरित सुनवाई की मांग उचित नहीं मानी जा सकती।

याचिका में क्या कहा गया था?

अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद ने सोमवार सुबह याचिका पेश की थी। याचिका में मांग की गई थी कि 17-18 जून को प्रस्तावित मुख्य परीक्षा को स्थगित किया जाए। तर्क दिया गया कि वर्तमान में RAS-2023 के इंटरव्यू जारी हैं और उस भर्ती प्रक्रिया का फाइनल परिणाम अब तक घोषित नहीं हुआ है।

याचिकाकर्ताओं ने यह सवाल उठाया कि जब पिछली परीक्षा का चयन प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है, तो नई मुख्य परीक्षा आयोजित करना प्रक्रिया के विरुद्ध है। ऐसे में कई ऐसे अभ्यर्थी भी RAS 2024 की मुख्य परीक्षा में बैठेंगे जो पहले से RAS 2023 की प्रक्रिया में शामिल हैं।

हाईकोर्ट ने क्या कहा?

छुट्टी कालीन अदालत में सुनवाई कर रहे जस्टिस मनीष शर्मा ने याचिका की त्वरित सुनवाई से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जब परीक्षा कल है और आप आज कोर्ट आए हैं, तो अंतिम समय पर हस्तक्षेप करना न्यायिक दृष्टि से सही नहीं है।

कोर्ट ने माना कि परीक्षा से ठीक पहले दायर याचिका में स्थगन की मांग करना, न केवल प्रशासनिक व्यवस्था में बाधा डालता है बल्कि यह अनुचित और अव्यवस्थित प्रक्रिया को बढ़ावा देता है।

अन्य तर्क जो याचिका में दिए गए

याचिका में कहा गया कि हाल ही में हुए पलहगाम आतंकी हमले के बाद राजस्थान के कई बॉर्डर क्षेत्रों में सुरक्षा प्रतिबंध लगाए गए थे। इससे प्रभावित क्षेत्रों में लाइब्रेरी, कोचिंग संस्थान बंद रहे, जिससे कई अभ्यर्थियों की तैयारी प्रभावित हुई।

इसके अलावा, याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि पूर्व में 2016, 2018, 2021 और 2023 की मुख्य परीक्षाएं भी विभिन्न कारणों से स्थगित की गई थीं। ऐसे में इस बार भी परीक्षा स्थगित की जानी चाहिए थी, जिससे सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर मिल सके।

RPSC के रुख पर सवाल

याचिकाकर्ताओं ने यह भी सवाल उठाया कि RPSC को परीक्षा स्थगन की मांगों के प्रति लचीला रवैया अपनाना चाहिए, जैसा कि पूर्व वर्षों में देखा गया है। लेकिन इस बार आयोग ने परीक्षा आयोजन को लेकर निर्धारित समय से कोई समझौता नहीं किया, जिससे कई अभ्यर्थियों में असंतोष है।

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