शोभना शर्मा। राजस्थान के चर्चित नेता नरेश मीणा के खिलाफ टोंक जिले के समरावता गांव में उपचुनाव के दौरान भड़की हिंसा और आगजनी के मामले में चार्ज बहस पूरी हो गई है। टोंक जिला एससी/एसटी विशेष न्यायालय में सोमवार को इस प्रकरण पर बहस हुई, लेकिन कोर्ट ने तत्काल फैसला नहीं सुनाया। अब न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख 24 जून तय की है, जिस दिन इस बहुप्रतीक्षित मामले में निर्णय आने की उम्मीद जताई जा रही है।
नरेश मीणा वर्तमान में टोंक जिला कारागृह में न्यायिक अभिरक्षा में हैं और उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा। जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, उनकी रिहाई की संभावना नहीं बन रही है।
देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान हुआ था विवाद
यह मामला उस समय शुरू हुआ जब देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के दौरान नरेश मीणा ने चुनावी ड्यूटी पर तैनात मालपुरा के एसडीएम अमित चौधरी को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मार दिया था। यह घटना चुनावी प्रक्रिया के दौरान शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने और अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार से जुड़ी हुई थी। इस घटना के बाद नरेश मीणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
हालांकि, इस मामले में उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है, लेकिन उनकी रिहाई नहीं हो सकी क्योंकि एक अन्य गंभीर मामला उनके खिलाफ दर्ज है।
समरावता गांव में भड़की थी हिंसा और आगजनी
एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना के बाद जब पुलिस नरेश मीणा को गिरफ्तार करने समरावता गांव पहुंची, तो वहां हालात बेकाबू हो गए। पुलिस कार्रवाई के विरोध में ग्रामीणों ने पथराव किया और कई स्थानों पर आगजनी की घटनाएं हुईं। पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। इस पूरी घटना ने क्षेत्र में तनाव का माहौल बना दिया और प्रशासन को भारी बल तैनात करना पड़ा।
इस हिंसा के मामले में भी नरेश मीणा के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसमें उन्हें मुख्य आरोपी माना गया। इसके बाद यह मामला टोंक एससी/एसटी कोर्ट में विचाराधीन है।
चार्ज बहस पूरी, अब 24 जून को फैसला
हिंसा और आगजनी से जुड़े इस केस में सोमवार को चार्ज बहस पूरी कर ली गई। चार्ज बहस के दौरान सुरक्षा कारणों से नरेश मीणा को कोर्ट में पेश नहीं किया गया, लेकिन कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई। चार्ज बहस के बाद अब कोर्ट ने 24 जून को फैसला सुनाने की तारीख तय की है।
अगर कोर्ट नरेश मीणा के खिलाफ आरोप तय करता है, तो उनके ऊपर मुकदमा चलेगा और जेल में रहना पड़ सकता है। यदि कोर्ट चार्ज खारिज करता है, तब वे इस मामले से मुक्त हो सकते हैं। इस फैसले से नरेश मीणा के राजनीतिक भविष्य पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि यह मामला सीधे कानून व्यवस्था और प्रशासनिक अनुशासन से जुड़ा हुआ है।
वर्तमान स्थिति और आगे की संभावना
इस समय नरेश मीणा टोंक जिला जेल में न्यायिक अभिरक्षा में हैं और 24 जून तक वहीं रहेंगे। चूंकि उन पर दो गंभीर मामले दर्ज हैं, इसलिए कोई भी राहत कोर्ट के आगामी निर्णय पर ही निर्भर करती है।