शोभना शर्मा। राजस्थान के अजमेर शहर में ऐतिहासिक आनासागर झील को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से शनिवार सुबह जल संरक्षण अभियान की शुरुआत की गई। यह पहल अजमेर शहर जिला भारतीय जनता पार्टी के आह्वान पर की गई, जिसके तहत विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने स्वयं झील में उतरकर श्रमदान किया। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 6:30 बजे देवनारायण मंदिर के समीप हुई।
इस श्रमदान कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी, महापौर बृजलता हाड़ा, जिला कलेक्टर लोकबंधु, भाजपा शहर अध्यक्ष रमेश सोनी, पार्षदगण और अनेक प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हुए। कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी लोगों ने झील के तल से मिट्टी निकालने का कार्य किया। इससे झील की जल भराव क्षमता में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे अजमेर की जल जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सकेगा।
इस अभियान के लिए आवश्यक संसाधन प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराए गए। कार्यक्रम का उद्देश्य केवल झील की सफाई ही नहीं, बल्कि पूरे अजमेर शहर के नागरिकों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना भी है। इस अभियान में सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों, कोचिंग संस्थानों, स्कूल-कॉलेजों और व्यापारिक संगठनों को भाग लेने की अपील की गई है।
यह कार्यक्रम केंद्र में भाजपा सरकार के 11 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में चलाए जा रहे ‘वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान’ का हिस्सा है। इस राष्ट्रीय अभियान के तहत देशभर में जल स्रोतों की सफाई और संरक्षण को लेकर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि आनासागर झील में लगभग 40 वर्षों के बाद सफाई और संरक्षण का यह महत्वपूर्ण कार्य शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि यह झील 1135 से 1150 ईस्वी के बीच अजमेर के राजा द्वारा बनवाई गई थी और यह शहर का हृदय और जीवन रेखा है। उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस अभियान में शामिल होकर झील को कचरे से मुक्त रखें और इसे एक पूजनीय स्रोत मानें।
देवनानी ने यह भी स्पष्ट किया कि जल स्रोतों पर अतिक्रमण न किया जाए और न ही किसी को करने दिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि समाज संकल्प ले कि जल संरक्षण करेंगे, तो न केवल आनासागर झील बल्कि राज्य की अन्य झीलें भी सुरक्षित रह सकेंगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
कार्यक्रम के समापन पर देवनानी ने संदेश दिया: “आओ-आओ साथ चलें, आनासागर को साफ करें।”


