शोभना शर्मा। गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार दोपहर हुए एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के दर्दनाक विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में बांसवाड़ा के एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई है। मृतकों में डॉ. कौनी व्यास, डॉ. प्रदीप जोशी, प्रद्युत जोशी, मिराया जोशी और नकुल जोशी शामिल हैं।
लंदन जा रहे थे, जिंदगी बीच में ही थम गई
डॉ. कौनी व्यास मूल रूप से बांसवाड़ा की निवासी थीं और हाल ही में उन्होंने उदयपुर के पेसिफिक हॉस्पिटल, उमरड़ा से इस्तीफा दिया था। वह अपने पति डॉ. प्रदीप जोशी, जो लंदन में चिकित्सक हैं, के पास जाकर बसने की तैयारी में थीं। यही कारण था कि उन्होंने नौकरी छोड़ी और फ्लाइट से लंदन के लिए रवाना हुईं।
इस यात्रा में उनके साथ परिवार के अन्य सदस्य — प्रद्युत, मिराया और नकुल — भी सवार थे। लेकिन अफसोस कि यह यात्रा उनके जीवन की अंतिम यात्रा साबित हुई।
फ्लाइट में सवार थे राजस्थान के 11 यात्री
एयर इंडिया की AI-171 फ्लाइट, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई थी, टेकऑफ के दो मिनट बाद ही क्रैश हो गई। इसमें कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 196 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे।
राजस्थान के कम से कम 11 यात्री इस फ्लाइट में सवार थे। बांसवाड़ा के अलावा:
उदयपुर के एक मार्बल व्यवसायी के बेटे और बेटी लंदन घूमने जा रहे थे।
उदयपुर के एक गांव के दो युवक जो लंदन में रहने वाले अहमदाबाद के एक व्यवसायी के घरेलू सहायक के तौर पर काम करते हैं, वे भी इस फ्लाइट में थे।
बीकानेर का एक युवक भी इस विमान में सवार था, जिसकी पहचान की प्रक्रिया जारी है।
शवों की पहचान DNA जांच से होगी
हादसे के बाद मौके से मिले ज्यादातर शव पूरी तरह से झुलस चुके हैं, जिससे उनकी पहचान कर पाना अत्यंत कठिन है। प्रशासन ने बताया कि सभी शवों की पहचान डीएनए परीक्षण के बाद ही संभव हो पाएगी। पीड़ितों के परिवारों से DNA सैंपल लिए जा रहे हैं।
एयर इंडिया की फ्लाइट और विमान की स्थिति
दुर्घटनाग्रस्त फ्लाइट एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर थी, जिसे एयर इंडिया संचालित कर रही थी। यह विमान 15 साल पुराना बताया जा रहा है। इस मॉडल की फ्लाइट्स को लेकर पहले भी कई देशों में तकनीकी खामियों के चलते उड़ान पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
फ्लाइट ने दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी और 1:40 बजे एयरपोर्ट के पास एक इमारत से टकराकर क्रैश हो गई। हादसे में एकमात्र जीवित यात्री के रूप में ब्रिटिश-भारतीय नागरिक रमेश विश्वास कुमार का नाम सामने आया है, जो सीट नंबर 11-A पर बैठे थे।
टाटा ग्रुप की ओर से सहायता की घोषणा
एयर इंडिया के मालिक टाटा ग्रुप की ओर से मृतकों के परिजनों को ₹1 करोड़ की आर्थिक सहायता, सभी घायलों का संपूर्ण इलाज, और बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास निर्माण में सहयोग की घोषणा की गई है। टाटा ग्रुप चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने हादसे पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि,“इस क्षति को शब्दों में बयां करना असंभव है। हम पीड़ित परिवारों के साथ पूरी तरह खड़े हैं।”


