शोभना शर्मा। राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने राजधानी जयपुर और उसके आसपास छह पेस्टिसाइड फैक्ट्रियों और गोदामों पर अचानक छापेमारी कर बड़ा खुलासा किया है। मंत्री ने खुद मौके पर मौजूद रहकर निरीक्षण किया और बड़े पैमाने पर नकली, अमानक और घटिया कीटनाशकों की बरामदगी का दावा किया।
इस कार्रवाई में ललित मोदी के परिवार की कंपनी इंडोफिल इंडस्ट्री लिमिटेड के गोदाम को भी सील कर दिया गया। मंत्री ने आरोप लगाया कि इन नकली पेस्टिसाइड्स के कारण राज्य के किसानों की फसलें चौपट हो रही हैं।
किसानों की बर्बादी पर मंत्री का गंभीर आरोप
छापेमारी के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के किसानों ने इंडोफिल कंपनी का कीटनाशक 10,000 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदा था, लेकिन यह उत्पाद सफेद मक्खी जैसे रोगों पर असरदार नहीं निकला और किसानों की लाखों बीघा कपास की फसलें तबाह हो गईं।
मंत्री ने बताया कि जब उन्होंने जांच करवाई तो यह सामने आया कि यह कंपनी ललित मोदी के परिवार से जुड़ी है, जिसमें रुचिर मोदी, चारू मोदी और पारुल मोदी डायरेक्टर हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि डायरेक्टर होना कोई अपराध नहीं है, लेकिन जब गोदाम से लिए गए सैंपल आपत्तिजनक पाए गए, तो उसे सील कर दिया गया।
बंद गोदाम को तुड़वाकर खुलवाया गया
मंत्री की टीम ने एक बंद गोदाम का ताला तोड़कर उसे खुलवाया और वहां भी पेस्टिसाइड सैंपल एकत्र किए गए। उन्होंने कहा कि नकली खाद, बीज और अब कीटनाशक किसानों को बर्बादी की कगार पर पहुंचा रहे हैं और सरकार ऐसा किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि जिन इंस्पेक्टरों की लापरवाही इस पूरे प्रकरण में सामने आई है, उन्हें सस्पेंड किया जा रहा है।
छह कंपनियों के निरीक्षण में भारी अनियमितताएं
कृषि मंत्री ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि राजधानी जयपुर के महादेव नगर और चौमूं में स्थित कंपनियों का निरीक्षण किया गया। इनमें शामिल हैं:
इंडोफिल इंडस्ट्री लिमिटेड
श्रीराम कृषि रसायन लिमिटेड (दो इकाइयां)
उदित ओवरसीज लिमिटेड (दो इकाइयां)
श्रीराम कृषि उद्योग
निरीक्षण के दौरान बड़े पैमाने पर नकली और अमानक उत्पाद, और प्रसिद्ध कंपनियों की नकली पैकिंग में भरे कीटनाशक पाए गए। इन कंपनियों के निर्माण व बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया गया है।
केंद्र सरकार के कानून के तहत कार्रवाई
मंत्री ने बताया कि इस पूरी कार्रवाई को भारत सरकार के पेस्टिसाइड रूल्स 1968 के तहत कानूनी मान्यता मिली है। सभी दोषियों के खिलाफ सीजर की कार्रवाई की गई है और अवैध गोदामों में भंडारण करने पर सख्त कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि कुछ कंपनियां बिना मंजूरी के गोदामों में स्टॉक जमा कर रही थीं, और अनधिकृत उत्पादों का निर्माण और वितरण कर रही थीं। ऐसी गंभीर विसंगतियों के चलते सभी संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं कि किसान हित में कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।


