शोभना शर्मा। जयपुर-आगरा बाइपास पर लगातार बढ़ते ट्रैफिक और लगातार हो रहे हादसों को देखते हुए अब इस रूट पर यातायात को सुगम और सुरक्षित बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने तीन अहम लोकेशनों—कानोता, बस्सी कट और बांसखो फाटक पर फ्लाइओवर निर्माण का निर्णय लिया है।
रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक में लिया गया फैसला
हाल ही में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। बैठक में NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने यह स्पष्ट किया कि इन तीनों स्थानों पर दुर्घटनाएं और ट्रैफिक जाम आम समस्या बन चुकी हैं। इन स्थानों को ‘ब्लैक स्पॉट’ घोषित करते हुए यहां फ्लाइओवर बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
बिड प्रक्रिया शुरू, 95 करोड़ की लागत से बनेंगे फ्लाइओवर
प्रोजेक्ट डायरेक्टर के अनुसार, फ्लाइओवर निर्माण के लिए बिड आमंत्रित की जा चुकी है और इसे इसी महीने खोला जाएगा। इसके बाद ठेका फाइनल कर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। तीनों फ्लाइओवर के निर्माण पर अनुमानित लागत करीब 95 करोड़ रुपए आंकी गई है। इन फ्लाइओवरों के निर्माण से न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या दूर होगी, बल्कि हादसों में भी कमी आने की उम्मीद है।
52 फीट हनुमानजी मंदिर के पास बना कट बंद होगा
इसके अतिरिक्त, जयपुर रिंग रोड पर बगराना से पहले स्थित 52 फीट हनुमानजी मंदिर के सामने बने कट को भी बंद करने की योजना बनाई गई है। यह कट लोकल ट्रैफिक के डायवर्जन का मुख्य केंद्र है और अक्सर यहां जाम की स्थिति बनी रहती है। साथ ही यहां छोटे-मोटे एक्सीडेंट की घटनाएं भी आम हैं।
NHAI ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन से सहयोग की मांग की है ताकि इस कट को बंद किया जा सके और यातायात को व्यवस्थित किया जा सके।
परियोजना से क्या लाभ होगा?
इन फ्लाइओवरों और कट बंद करने की योजनाओं का मुख्य उद्देश्य जयपुर-आगरा बाइपास पर तेज और सुरक्षित ट्रैफिक संचालन सुनिश्चित करना है। यह मार्ग जयपुर शहर के पूर्वी हिस्से से होकर गुजरता है और राष्ट्रीय यातायात के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन निर्माण कार्यों के बाद स्थानीय यात्रियों और लंबी दूरी के वाहनों दोनों को राहत मिलेगी।


