शोभना शर्मा, अजमेर। राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा बुधवार को एक दिवसीय दौरे पर अजमेर पहुंचे, जहां उन्होंने कलेक्ट्रेट सभागार में अजमेर और ब्यावर के प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में अजमेर विधायक अनिता भदेल, ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत और मसूदा विधायक वीरेंद्र सिंह कानावत भी मौजूद रहे।
गिव अप कैंपेन बना राजस्थान की जागरूकता का प्रतीक
कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा ने बैठक के दौरान कहा कि राजस्थान देश का पहला राज्य बन रहा है जहां स्वेच्छा से सक्षम नागरिक सरकारी योजनाओं का लाभ छोड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि गिव अप कैंपेन के तहत अब तक 21 लाख लोग खाद्य सुरक्षा योजना से बाहर हो चुके हैं। इनमें से अजमेर जिले में लगभग 76 हजार लोगों ने अपनी इच्छा से इस योजना का लाभ छोड़ दिया है।
गोदारा ने बताया कि यह पहल मुख्यमंत्री के निर्देश पर 1 नवंबर 2024 से शुरू की गई थी, ताकि वंचित और पात्र परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जोड़ा जा सके। इस अभियान से जुड़े आंकड़े बताते हैं कि राज्य भर में 26 जनवरी 2025 से अब तक करीब 35 लाख नए लाभार्थियों को जोड़ा जा चुका है। अकेले अजमेर जिले में यह संख्या 1 लाख 21 हजार के करीब है।
पात्र को मिले लाभ, अपात्र खुद हटें – यही है अभियान का लक्ष्य
मंत्री गोदारा ने स्पष्ट किया कि इस अभियान का उद्देश्य सरकारी संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित करना है। ऐसे लोग जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है, वे सरकारी योजना से बाहर हो रहे हैं ताकि वास्तव में जरूरतमंद लोग इन सुविधाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए एक “अनोखी और प्रेरणादायक मिसाल” है, जिसमें लोग स्वयं अपनी जिम्मेदारी समझते हुए योजना छोड़ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टरों को अधिकार प्रदान किए गए हैं कि वे स्थानीय स्तर पर पात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा योजना में सम्मिलित कर सकें। यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन माध्यम से पारदर्शिता के साथ संचालित की जा रही है।
शुद्ध आहार और तकनीकी पारदर्शिता पर ज़ोर
कैबिनेट मंत्री ने सर्किट हाउस में कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करते हुए बताया कि खाद्य सुरक्षा योजना के साथ-साथ राज्य सरकार आम जनता को शुद्ध आहार उपलब्ध कराने के लिए भी प्रयासरत है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए और जरूरत पड़ने पर कठोर कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की अधिकांश योजनाओं को अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया गया है, जिससे लाभार्थियों को पारदर्शी और तेज़ सेवाएं मिल सकें। इससे ना केवल प्रशासनिक प्रक्रिया तेज होती है, बल्कि भ्रष्टाचार और दोहराव की संभावनाएं भी समाप्त हो जाती हैं।
समाज में जागरूकता और सहभागिता की आवश्यकता
मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि इस तरह के अभियान तभी सफल होते हैं जब समाज स्वयं इसकी जिम्मेदारी उठाता है। उन्होंने गिव अप कैंपेन को जन-भागीदारी का उत्कृष्ट उदाहरण बताते हुए कहा कि इससे भविष्य में अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने अपील की कि जो लोग अब भी खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ ले रहे हैं जबकि वे आर्थिक रूप से सक्षम हैं, वे आगे आकर योजना से हटें और वास्तविक जरूरतमंदों के लिए जगह खाली करें।