शोभना शर्मा। ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष एमएस बिट्टा ने जोधपुर दौरे पर देश की सुरक्षा, आतंकवाद, सोशल मीडिया की भूमिका और खालिस्तान मुद्दे को लेकर अपनी गहरी चिंता जताई। सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए बिट्टा ने राष्ट्रवाद की भावना से भरे कई महत्वपूर्ण बयान दिए।
दुश्मन को उनके घर में घुसकर दिया जवाब
एमएस बिट्टा ने पाकिस्तान और आतंकवाद के मुद्दे पर कहा कि भारत अब पहले जैसा देश नहीं रहा, अब दुश्मनों को उनके घर में घुसकर जवाब दिया जाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का जिक्र किया जिसमें कहा गया था कि भारत अब “नियत समय और स्थान पर प्रतिक्रिया देने में सक्षम है।” उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य ताकत एस-400 जैसे अत्याधुनिक हथियारों से और भी मजबूत हुई है, लेकिन अगर सीमा पर खतरा है तो भारत कभी भी समझौता नहीं करेगा।
आने वाली पीढ़ियों को अमर और सुरक्षित भारत देना है
बिट्टा ने कहा कि भारत हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत रुख अपनाता आया है और हमें आने वाली पीढ़ियों को अमर और सुरक्षित भारत देना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब समय आ गया है जब भारत को इजराइल जैसा मजबूत बनाना होगा, ताकि दुश्मन भारत की ओर देखने की भी हिम्मत न कर सके।
सोशल मीडिया ने लक्ष्मण रेखा पार की
एमएस बिट्टा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आज कुछ प्लेटफॉर्म ऐसे लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं जो आतंकवाद को वैचारिक समर्थन दे रहे हैं। बिट्टा ने पंजाब के यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे अनेक ‘ज्योति’ हैं जो देश विरोधी विचार फैला रहे हैं और इन पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की आजादी के नाम पर राष्ट्रविरोधी प्रचार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सरकार को चाहिए कि वह ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर निगरानी बढ़ाए और देश की सुरक्षा से कोई समझौता न करे।
खालिस्तान समर्थकों पर तीखा हमला
बिट्टा ने खालिस्तान समर्थकों पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सिख समुदाय को खुलकर कहना चाहिए कि वे खालिस्तान के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, “मैं पहले भारतीय हूं, फिर सिख। जब भारत मां पर हमला होता है, तो यह किसी एक राज्य की नहीं बल्कि पूरे देश की लड़ाई होती है।”
उन्होंने गुरवंत सिंह पन्नू को ISI का एजेंट करार देते हुए कहा कि ऐसे लोगों को समय रहते जवाब देना जरूरी है। उन्होंने सिखों से अपील की कि वे खामोश न रहें क्योंकि इस पर चुप्पी भी एक अपराध के समान है।