शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति एक बार फिर बयानबाजी के केंद्र में आ गई है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर सीधा हमला बोलते हुए उन्हें राष्ट्रभक्ति से वंचित और पाकिस्तान की भाषा बोलने वाला बताया है। रविवार को पाली में आयोजित एक कार्यक्रम में राठौड़ ने कहा कि डोटासरा का बयान सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की भावना पर हमला है।
बातचीत की शुरुआत में राठौड़ ने प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान का संदर्भ दिया, जिसमें उन्होंने बीकानेर की एक जनसभा में कहा था, “मेरी रगों में गर्म सिंदूर बहता है।” राठौड़ ने स्पष्ट किया कि इस कथन का आशय यह था कि प्रधानमंत्री आतंकवाद के विरुद्ध अपनी दृढ़ भावना और देशभक्ति का प्रतीक व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने यह संदेश दिया था कि वे राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता के लिए हर समय समर्पित हैं।
मगर कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा ने इस बयान को लेकर तंज कसा और चूरू में आयोजित ‘संविधान बचाओ रैली’ में कहा, “मोदीजी कह रहे हैं कि उनकी रगों में सिंदूर दौड़ रहा है, खून नहीं है। अगर खून होता तो डोनाल्ड ट्रंप चौधर नहीं करते।” इस टिप्पणी को लेकर राठौड़ ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह बयान कांग्रेस की राष्ट्रभक्ति पर सवाल खड़ा करता है और यह पूरी तरह पाकिस्तान की भाषा बोलने जैसा है। राठौड़ ने आरोप लगाया कि ऐसा कोई संस्कारहीन व्यक्ति ही कर सकता है, जो भारत की आत्मा को नहीं समझता।
पाली में रोटरी क्लब द्वारा आयोजित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राठौड़ ने डोटासरा के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस नेता न केवल राष्ट्रविरोधी टिप्पणी कर रहे हैं, बल्कि भारत की जनता की भावनाओं का अपमान भी कर रहे हैं। उन्हें प्रधानमंत्री के वक्तव्य की गहराई समझनी चाहिए थी, न कि उसका मजाक उड़ाना चाहिए था।”
राठौड़ ने कहा कि आज के दौर में युद्ध केवल सीमा पर ही नहीं लड़े जाते, बल्कि सोशल मीडिया और वैचारिक मंचों पर भी चल रहे हैं। ऐसे समय में जब भारत को बाहरी खतरों का सामना करना पड़ रहा है, देश के नेताओं को एकजुट रहना चाहिए। मगर कांग्रेस नेता गलत बयानी और भ्रामक बयानों से देश की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने अपने सीमावर्ती इलाकों के दौरे का उल्लेख करते हुए बताया कि किस तरह पाकिस्तान द्वारा दागी गई मिसाइलें असफल रहीं। उन्होंने फलौदी की घटना का हवाला देते हुए कहा, “22 फीट लंबी रिफ्यूज मिसाइल खेत में गिरी, मगर केवल छह इंच का गड्ढा बना। यह दर्शाता है कि पाकिस्तान की हरकतें कितनी बेतुकी और कमजोर हैं।”
वहीं, विपक्ष द्वारा बार-बार सीजफायर के मुद्दे पर सवाल उठाने को लेकर भी राठौड़ ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, “देश की सुरक्षा और रणनीति से जुड़ी बातें कभी सार्वजनिक नहीं की जातीं। यह कूटनीतिक मामलों का हिस्सा होती हैं। मगर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसे वरिष्ठ नेता भी गोपनीयता की शपथ लेने के बावजूद ऐसे सवाल पूछ रहे हैं, जो उनके पद की गरिमा के विपरीत हैं।”
राठौड़ ने डोटासरा की टिप्पणी को न केवल राजनीतिक रूप से गलत, बल्कि नैतिक रूप से भी निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कांग्रेस नेता लगातार प्रधानमंत्री के बयानों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत कर रहे हैं, वह यह दर्शाता है कि उनकी प्राथमिकता केवल सत्ता की राजनीति रह गई है, न कि देश की एकता और सुरक्षा।
कार्यक्रम के अंत में राठौड़ ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर सक्रिय रहें और कांग्रेस के भ्रामक प्रचार का माकूल जवाब दें। उन्होंने कहा, “यह समय सिर्फ सीमाओं पर नहीं, विचारों की लड़ाई का भी है। हमें हर मंच पर देशभक्ति के साथ डटकर खड़े रहना होगा।”