latest-newsजयपुरराजनीतिराजस्थान

तिरंगे से पसीना पोंछने के वायरल वीडियो पर बालमुकुंद आचार्य ने दी सफाई

तिरंगे से पसीना पोंछने के वायरल वीडियो पर बालमुकुंद आचार्य ने दी सफाई

शोभना शर्मा। राजस्थान की राजधानी जयपुर में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के जश्न में आयोजित ‘तिरंगा यात्रा’ अब राजनीतिक विवादों की भेंट चढ़ गई है। इस रैली में शामिल भारतीय जनता पार्टी के विधायक बालमुकुंद आचार्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें उन्हें कथित तौर पर तिरंगे से अपना पसीना पोंछते हुए देखा गया। इस वीडियो को लेकर कांग्रेस ने तीखी आलोचना करते हुए इसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बताया है और आचार्य से सार्वजनिक माफी की मांग की है। वहीं दूसरी ओर, बालमुकुंद आचार्य ने सफाई देते हुए कांग्रेस पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया है और कहा है कि उन्होंने तिरंगे का नहीं, बल्कि एक सामान्य कपड़े का उपयोग किया था जिसे कांग्रेस ने जानबूझकर तिरंगा बताया।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब जयपुर में बीजेपी द्वारा आयोजित विशाल तिरंगा यात्रा के दौरान आचार्य का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वे भीड़ के बीच पसीना पोंछते नजर आए। वीडियो के सोशल मीडिया पर आते ही कांग्रेस के नेताओं ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “तिरंगा देश की शान है, कोई रूमाल नहीं। जिस तिरंगे के लिए हमारे वीर जवानों ने बलिदान दिए, उसे बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य पसीना पोंछने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। यह अपमान है संविधान और उन शहीदों का।”

जैसे ही मामला गरमाया, बालमुकुंद आचार्य ने खुद सामने आकर सफाई दी। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की सोची-समझी साजिश है और वीडियो को काट-छांटकर पेश किया गया है ताकि उन्हें बदनाम किया जा सके। उन्होंने दावा किया, “जिस कपड़े को तिरंगा बताया जा रहा है, उसमें अशोक चक्र नहीं था। तिरंगा वही होता है जिसमें अशोक चक्र होता है। रैली के दौरान किसी ने मुझे एक हरे-सफेद रंग का कपड़ा थमा दिया जिसे मैंने श्रद्धा से चूमा और उसे दिल से लगाया। लेकिन कांग्रेस ने इसे तिरंगा बताकर लोगों को भड़काने की कोशिश की है।”

आचार्य ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि जब तिरंगा यात्रा चल रही थी तब कांग्रेस नेता नदारद थे। उन्होंने सवाल किया कि “क्या तिरंगा यात्रा पार्टी विशेष की थी? यह तो देशभक्ति का आयोजन था जिसमें हर भारतीय को शामिल होना चाहिए था। लेकिन कांग्रेस न केवल इसमें शामिल नहीं हुई, बल्कि अब इस पर भी राजनीति कर रही है।”

बालमुकुंद ने कांग्रेस पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस खुद तिरंगे का अपमान करती आई है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने एक बार तिरंगे की जगह तीन रंगों में ‘पंजा’ छापकर झंडा तैयार किया और उसे दुकानों व दीवारों पर टांगा। “क्या यही तिरंगे का सम्मान है?” – आचार्य ने तंज कसते हुए कहा।

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता इस मुद्दे को लेकर आक्रामक हैं। उन्होंने चुनाव आयोग और राज्यपाल से इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि “जो व्यक्ति तिरंगे का अपमान करता है, वह विधायक बने रहने लायक नहीं है। उन्हें तुरंत पद से इस्तीफा देना चाहिए।”

सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा तेजी से वायरल हो गया है। जहां बीजेपी समर्थक आचार्य का बचाव करते हुए वीडियो को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया बता रहे हैं, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के समर्थक इसे राष्ट्रध्वज के सम्मान से जुड़ा गंभीर मामला बता रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजस्थान में बनी राष्ट्रवाद की लहर को बीजेपी भुनाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में कांग्रेस इसे कमजोर करने के लिए हर मुद्दे को उछाल रही है। लेकिन तिरंगे जैसे संवेदनशील प्रतीक को लेकर विवाद बीजेपी के लिए भी असहज स्थिति पैदा कर सकता है, विशेषकर तब जब मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।

इस विवाद ने राजस्थान की राजनीति को गर्म कर दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह मामला केवल एक वीडियो तक सिमटकर रह जाएगा या फिर राजनीतिक हमलों का लंबा सिलसिला शुरू करेगा।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading