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अजमेर में वकीलों का प्रोटेस्ट, पुलिस ने शांति व्यवस्था के लिए लगाए बैरिकेड्स

अजमेर में वकीलों का प्रोटेस्ट, पुलिस ने शांति व्यवस्था के लिए लगाए बैरिकेड्स

शोभना शर्मा। अजमेर जिले के किशनगढ़ में एक वकील की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। गिरफ्तारी के विरोध में वकीलों द्वारा जारी विरोध प्रदर्शन अब अजमेर तक फैल गया है, जहां अजमेर बार एसोसिएशन ने भी न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर दिया है। इस बीच, मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन कर दिया गया है।

बुधवार को एडिशनल एसपी सिटी हिमांशु जांगिड़ और ग्रामीण एडिशनल एसपी दीपक शर्मा ने पुलिस की ओर से अपना पक्ष मीडिया के सामने रखा। उन्होंने बताया कि वकीलों की मांगों और विरोध को लोकतांत्रिक रूप से दर्ज किया जा रहा है, लेकिन कानून व्यवस्था को बनाए रखना भी पुलिस की जिम्मेदारी है।

एडिशनल एसपी हिमांशु जांगिड़ ने स्पष्ट किया कि वकीलों का आंदोलन जारी है और उनसे बातचीत की कोशिशें भी हो रही हैं। हालांकि अब तक किसी बिंदु पर सहमति नहीं बनी है। उन्होंने बताया कि वकीलों की शिकायतों और गिरफ्तारी के पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए SIT का गठन कर दिया गया है, जो इस मामले में निष्पक्षता से कार्य करेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि, “लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखी जा सकती है, लेकिन शांति व्यवस्था को भंग करने या अभद्र भाषा के उपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती। यदि कोई कानून के विरुद्ध कार्य करता है, तो पुलिस विधिसम्मत कार्रवाई करेगी।”

प्रदर्शन के दौरान शहर में लगाए गए बैरिकेड्स और ट्रैफिक डायवर्जन पर उठे सवालों पर पुलिस का कहना है कि आमजन को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसलिए यह कदम उठाया गया। जांगिड़ ने बताया कि पूर्व में भी कुछ घटनाएं हुई थीं जिन्हें ध्यान में रखते हुए एहतियातन यह निर्णय लिया गया।

थाना प्रभारी द्वारा की गई कार्रवाई की भी जांच SIT के दायरे में शामिल है। जांगिड़ ने कहा कि यदि जांच में कोई लापरवाही सामने आती है, तो नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने अपील की कि किसी भी पक्ष द्वारा न्यायिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न न की जाए और शांति बनाए रखी जाए।

पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि न्यायालय परिसर में पुलिस की एंट्री पर रोक की वजह से न्यायिक कार्य में बाधा आ रही है। फिर भी प्रशासन यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि आम जनता को न्यायतंत्र से वंचित न किया जाए।

इस पूरे घटनाक्रम की जड़ 25 अप्रैल को हुई एडवोकेट बाल किशन सुनारिया की गिरफ्तारी से जुड़ी है। ग्रामीण एडिशनल एसपी दीपक शर्मा के अनुसार, किशनगढ़ क्षेत्र में जमीन संबंधी कई विवादों की जांच चल रही है। इन मामलों में संगठित गिरोहों द्वारा की गई कीमती जमीनों की हड़प की जांच पुलिस कर रही है। कई मामलों में गिरफ्तारी हो चुकी है।

इन्हीं में से एक केस में किशनगढ़ सिटी थाने की ओर से वकील बाल किशन सुनारिया को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, वकील की जमानत के बाद भी किशनगढ़ बार एसोसिएशन ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार जारी रखा। अब अजमेर के वकील भी इस आंदोलन में शामिल हो गए हैं और जिले में न्यायिक कार्य ठप हो चुका है।

 

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